हमारी संस्कृति में टीचर को जीवन का और शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, क्योंकि एक टीचर ही स्टूडेंट के जीवन की पहली बुनियादी नींव यानि कि शिक्षा को स्थापित करते हैं। हम जीवन में क्या बनते हैं यह भी शिक्षक पर निर्भर करता है। हमारे टीचर हमेशा हमारा भला ही चाहते हैं। पढ़ाते समय यदि वे हमें डांटें तो बुरा नहीं मानना चाहिये अपितु सबक लेकर पुनः वह गलती नहीं करनी चाहिये। थोड़े समय पहले जब स्टूडेंट्स को PUNISHकरना अलाउड था तो कान पकड़कर या उठक-बैठक कराया जाता था, इसमें भी टीचर हमारा भला ही करते थे क्योंकि इससे हमारे शरीर की थोड़ी वर्जिश हो जाती थी, कान पकड़ने से प्रेशर पॉंइट दबता था जिससे दिमाग तेजी से चलता था, वहीं हाथ खड़ा करने वाले PUNISHMENTसे शरीर की STRETCHINGहो जाती थी। आज के समय में TEACHER’S DAY पर बच्चे SPEECHतो दे देते हैं पर बहुत कम STUDENTSरह गये हैं जो उन्हें RESPECTभी देते हैं, उनकी दी हुई शिक्षा, सिखाये आदर्श को DAY-TO-DAY लाइफ में FOLLOWकरते हैं। जीवन में सफल होने के लिये सभी को टीचर की जरूरत होती है क्योंकि कोई भी फील्ड हो या कोई भी PROFESSIONबिना टीचर के अपने-आप कोई भी डॉक्टर, इंजिनियर, पायलट, आर्किटेक्ट या श्रेष्ठमय नहीं बन सकता। आगे बढ़ने के लिये टीचर के ज्ञान व उनके प्रति हमारा आदर और लगन सभी की जरूरत है तब ही हम भविष्य में सफल हो सकते हैं।
टीचर के प्रति RESPECT, श्रद्धा होनी चाहिये। आपके स्कूल, कोचिंग, कॉलेज, खेल, हॉबी क्लासेज में हर जगह टीचर की जरूरत होती है, ऐसा नहीं है कि हम बिना टीचर के सीखाये कुछ सीख सकें, इसीलिये इनके महत्व को समझे, इनका कहना मानें, इनसे सीखें।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,