भगवती कमला लक्ष्मी का स्वरूप है। जीवन में धन सम्पत्ति की वृद्धि, कर्ज मुक्ति के लिये कमला साधना गृहस्थ साधकों द्वारा अत्यंत उपयुक्त अनुभव की गई है। भगवती कमला आद्या शक्ति की दस स्वरूप का ही श्रेष्ठतम भाव है, जिनकी कृपा दृष्टि से ही ब्रह्मा एवं अन्य देवता भी शक्ति युक्त हो पाते हैं। साधक भगवती कमला की उपासना से अपने जीवन में उन्नति के द्वार निश्चित तौर पर प्रकाशित करता है और सर्व सिद्धि के क्षेत्र में भी पूर्णता प्राप्त करते हुये वैभव, धन-धान्य से युक्त, सम्मान व कीर्ति प्राप्त करता है।
वैसे तो तंत्र साधनाओं में कमला साधना की अनेकों विधियां प्रचलित रही है, किन्तु तंत्रोद्धार कमला साधना का आधार कमला यंत्र है, जो पूर्ण रूप से प्रभाव युक्त एवं सिद्धि दायक है। कमला तंत्र में इस यंत्र के बारे में स्पष्ट किया गया है, कि यह पूर्ण विधि के साथ षटकोण सहित अष्टदलों से युक्त महत्वपूर्ण यंत्र होता है-
यह यंत्र ताम्र पत्र पर अंकित हो तथा कमला तंत्र में बताया गया है, इस पर तंत्रोद्धार क्रिया सम्पन्न होना अनिवार्य है, तंत्रोद्धार में 12 तथ्य स्पष्ट किये गये हैं। इन तथ्यों को सम्पन्न करके ही यंत्र का प्रयोग करना चाहिये। यह शुद्धता के साथ विजय काल में अंकित किया हुआ हो। इसका तंत्रोद्धार हो तथा बाग्बीज से सम्पुटित हो तथा लज्जा बीज के द्वारा अभिषेक किया हुआ हो। श्री बीज के द्वारा यह यंत्र सिद्ध हो और काम बीज के द्वारा वशीकरण युक्त हो। पद्म बीज के द्वारा यह प्रभावयुक्त हो। जगत बीज के द्वारा यह आकर्षण युक्त हो। मनु बीज के द्वारा मन पर नियंत्रण करने वाला, ऐं बीज के द्वारा वैभव व रमा बीज के द्वारा सिद्धि दायक हो।
कमला यंत्र पूर्ण रूप से सिद्ध करना अत्यंत पेचीदा और श्रम साध्य कार्य है। पूर्ण सिद्ध कमला यंत्र अपने घर में स्थापित करना जीवन के लिये सौभाग्यदायक होता है और आने वाली पीढि़यों के लिये भी यह यंत्र भाग्योदय कारक बना रहता है।
यह एक ऐसा अदृभुत विधान है, जो कि सम्पूर्णता से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दरिद्रता, कायरता, कटुता और हीनता को समाप्त करने की तंत्रोद्धार शक्तिमय प्रक्रिया है और लक्ष्मी के अभाव में व्यक्ति का यही स्वरूप शेष रह जाता है, हताश, निराश, चिंतित और उदास, इसे केवल साधना विधान के रूप में नहीं, अपितु जीवन की अनिवार्यता के रूप में आत्मसात करना ही श्रेयष्कर होगा, जिसके द्वारा साधक के जीवन में पूर्ण निश्चिंतता और धन की उपलब्धता बनती ही है।
कमला यंत्र के घर में स्थापन से और नित्य यंत्र की पूजा से पूर्ण मानसिक शान्ति, वैभव व आकस्मिक धन प्राप्ति होती रहती है। कमला तंत्र में इनके 12 तथ्य स्पष्ट हुये हैं। ये इस प्रकार हैं-
महालक्ष्मी, ऋण मुक्ता, हिरण्मयी, राजतनया, दारिद्रय हारिणी, कांचना, पद्मासना, राज राजेश्वरी, कनकवर्णा, वरदा, जया, सर्व मांगल्य।
इस साधना को आद्या शक्ति के वात्सल्यमय रश्मियों के मध्य चैत्र राम नवमी दिवस पर सम्पन्न करना है, जिससे जीवन में शक्ति और धन की प्रारम्भिक आवश्यकता की पूर्ति होती रहे। साधक के जीवन में शक्ति और धन दोनो की अनिवार्यता होती है, तब ही जीवन सरल, सहज और सम्पन्न बन पाता है। दस महाविद्याओं में कमला महाविद्या की यह शक्ति पर्व की तेजस्विता में आत्मसात करना शीघ्र लाभप्रद और शक्ति प्रदायक सिद्ध होगा।
यंत्र स्थापना एवं साधना विधान
चैत्रीय दुर्गा शक्ति युक्त राम नवमी 25 मार्च रविवार की सांध्य बेला में इस यंत्र को घर में स्थापित करें, पहले जल से यंत्र को धो लें, फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से यंत्र को स्नान करायें। फिर पुनः शुद्ध जल से स्नान कराकर यंत्र को किसी स्वच्छ वस्त्र से पोछ कर अपने सामने किसी चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित कर दें। यंत्र के दायीं ओर गुरु चित्र रखें और दूसरी ओर नवग्रहों के प्रतीक स्वरूप में चावल की नौ ढे़री बनायें तथा पुष्प, अक्षत, कुंकुम हाथ में लेकर आर्थिक सुदृढ़ता हेतु अनुकूल संयोग प्रदान करने की प्रार्थना कर अर्पित कर दें।
इसके पश्चात कमला यंत्र पर अष्टगंध से सोलह बिन्दियां लगा दें। यह सोलह बिन्दियां सोलह लक्ष्मी का प्रतीक मानी गई हैं। हाथ जोड़कर इस ध्यान मंत्र का उच्चारण करें- उद्यन्मार्तण्ड कान्ति कवरीं विष्णु वस्त्रवृतांगीम् महालक्ष्मी ऋण मुक्ता हिरण्मयी राजतनया दारिद्रय हारिणी कांचना पद्मासना राज राजेश्वरी कनकवर्णा वरदा जया सर्व मांगल्य नाना रत्नैर्विभांतीं स्मित मुख कमलां सेवितां देव देव सर्वै। इसके पश्चात् हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर निम्न मंत्र से भगवती कमला का आवाहन करें-
शुद्ध घी का दीपक एवं सुगन्धित अगरबत्ती प्रज्जवलित कर, यंत्र पर कुंकुम अर्पित करें, पुष्प व अक्षत चढ़ायें, ताम्बूल, फल एवं मिष्ठान अर्पित करें। पश्चात् सर्व सुख प्रदायक कमला माला से निम्न मंत्र की 3 माला जप करें-
इसके पश्चात् भगवती लक्ष्मी की आरती एवं गुरु आरती सम्पन्न करें। यंत्र को पूजा स्थान में रहने दें व माला को एक माह तक धारण रखें, पश्चात् किसी नदी अथवा तालाब मे विसर्जित कर दें। यंत्र को नित्य धूप-दीप दिखाते रहें। इस प्रकार के यंत्र व माला को पूजन के पश्चात दुकान में स्थापित कर सकते हैं अथवा घर के ही पूजा स्थान में स्थापित रहने दें।
तंत्रोद्धार कमला महाविद्या भगवती कमला स्वरूपा धन, सुख-सौभाग्य की अधिष्ठात्री और सृष्टि पालनकर्ता विष्णु की परात्पर शक्ति हैं, साधक को सांसारिक जीवन में अपने परिवार व स्वयं का पालन-पोषण-वर्धन करने हेतु अनेक कर्तव्यों का निर्वाह करना होता है। तंत्रोद्धार कमला महाविद्या शक्तिपात दीक्षा से साधक के जीवन में आर्थिक रूप से आ रहे संकटो का निवारण होता है तथा धन आगमन की अनुकूल स्थितियां निर्मित होती ही हैं, साथ ही अपने सांसारिक जीवन की आवश्यकताओ की पूर्ति भली-भांति श्रेष्ठता से सम्पन्न होती है।
जिससे जीवन भौतिक सुख-सौभाग्य, सम्पन्न, दीर्घायु आरोग्यमय जीवन से युक्त होता है।
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