साधकों के लिए इस दीपावली पर कुछ ऐसे ही विशेष प्रयोग दिये जा रहे हैं जो लक्ष्मी के विभिन्न स्वरुपों की साधना है। यह प्रयोग सुलभ होते हुए भी पूर्ण प्रभावशाली है। इनको सम्पन्न करने के लिए घण्टों मंत्र जाप की आवश्यकता नहीं हे ओर ये प्रयोग केवल दीपावली दिवस पर ही सम्पन्न किए जा सकते हैं।
साधकों को चाहिए कि वे इनमें से दो प्रयोग तो अवश्य ही सम्पन्न करें क्यों कि इस प्रकार का महत्वपूर्ण पर्व और दिव्य योग बार-बार नहीं बनते।
साधना सामग्री : व्यापार सिद्धि यंत्र व सर्व आकर्षण माला।
साधना विधि : साधक पीला आसन बिछा कर पूर्व की ओर मुंह कर बेठ जाएं। अपने सामने एक पात्र में “व्यापार सिद्धि यंत्र’ रख दें। पहले उसे शुद्ध जल से धो लें फिर पोंछकर उस पर केसर का तिलक करें और अक्षत अर्पित कर स्थापित करें। अब उसके सामने दूध का बना कोई प्रसाद रखें और अगरबत्ती तथा घी का दीपक प्रज्वलित करें। फिर सर्व आकर्षण माला से निम्न मंत्र की 5 माला करें।
अगले दिन प्रातःकाल होने पर इस यंत्र को अपने घर के पूजा स्थान में, दुकान में अथवा फैक्ट्री में स्थापित कर दें। ऐसा करने पर व्यापार में निरन्तर उन्नति होती रहती है और जब तक वह यंत्र दुकान में, कार्यालय में अथवा घर में स्थापित रहेगा तब तक निरन्तर सफलता प्राप्त होती रहेगी।
इस साधना को सम्पन्न करने का समय गुरुवार दोपहर को 2.07 बजे से लेकर 3 बजकर 25 मिनट के बीच है, यह समय शुभ-लाभ स्थापित दृष्टि से अत्यधिक सफलतादायक है।
साधना सामग्री : स्थिर लक्ष्मी यंत्र व शुभ लाभ माला।
साधना विधि :साधक अपने सामने लाल बच्त्र बिछाकर उस पर मंत्र सिद्ध प्राण-प्रतिष्ठायुक्त स्थिर लक्ष्मी यंत्र रख दें और उस पर केसर से स्वस्तिक बना लें तथा कुंकुम से तिलक कर यंत्र स्थापित कर दें। ऐसा करने के बाद शुभ लाभ माला से सात माला करें।
इस तरह की साधना करने से लक्ष्मी स्थिरता के साथ-साथ धन लाभ में भी निरन्तर वृद्धि होती है। ऐसा करने पर यह प्रयोग सिद्ध हो जाता है। मंत्र प्रयोग पूरा होने के बाद लाल वस्त्र में यंत्र को बांधकर घर में किसी पवित्र स्थान पर रख दें। कार्तिक पूर्णिमा 06 नवम्बर को यंत्र माला को गुरु चरणों में अर्पित कर दे इससे गुरु आर्शीवाद प्राप्त होता ही है। साथ ही इस आर्शीवाद के फलस्वरूप साधक के जीवन में निरन्तर निरन्तर उन्नति प्राप्त होती रहेगी।
इस साधना के लिए प्रातः भोर काल में उठ कर साधना करने का विधान है। ज्योतिष की दृष्टि से प्रातः 05.13 से 06.31 का समय इस साधना के लिए विशेष महत्वपूर्ण कहा जा सकता है।
साधना सामग्री : दारिद्रय विनाशक यंत्र व श्रीफल वृद्धि माला।
साधना विधि :सर्वप्रथम साधक पूर्व दिशा कौ ओर मुंह कर बेठ जाएं। सामने किसी पात्र में मंत्र सिद्ध दारिद्रय विनाशक यंत्र रख दें और उस पर केसर से अपना नाम लिख दें फिर इस मंत्र की ग्यारह मालाएं जप करें।
जब मंत्र जप पूरा हो जाये तब साधक स्वयं उस दारिद्रय विनाशक यंत्र को दक्षिणा के साथ किसी गरीब या भिखारी को दान में दे दें अथवा मंदिर में चढ़ा दे। कहा जाता है कि ऐसा करने से उस यंत्र के साथ ही दरिद्रता भी दान में चली जाती है ओर उसके घर में भविष्य में किसी प्रकार की दरिद्रता का वास नहीं रहता।
इस साधना को सम्पन्न करने का श्रेष्ठ समय दिन के 12 बजे से 12 बजकर 47 मिनट तक का समय है और इसी अवधि में इस साधना को सम्पन्न करना चाहिए। गृहस्थ में किसी भी प्रकार की कोई बाधा हो या परेशानी हो, पति-पत्नी में मतभेद हों, तनाव, पुत्र का आज्ञाकारी न होना या पुत्र को अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त न होना, घर में संतान न होना या अन्य किसी भी प्रकार की गृहस्थ बाधा हो तो इस प्रयोग से दूर की जा सकती हे।
साधना सामग्री : गृहस्थ बाधा निवृत्त यंत्र व मूंगा माला।
साधना विधि :साधक ठीक 12 बजे बैठ जाएं और मन में यह चिन्तन करें कि मैं यह प्रयोग अपने जीवन के सभी गृहस्थ बाधाओं से मुक्ति प्राप्ति के लिए कर रहा हूं। उसके बाद मूंगा माला से निम्न मंत्र की तीन माला पूजा स्थान में खडे-खडे ही माला फेरें।
जब मंत्र जप पूर्ण हो जाये तब उस गृहस्थ यंत्र को अपने घर में तिजोरी अथवा अलमारी में किसी डिब्बी में बन्द करके रख दें। जब तक वह यंत्र घर में स्थापित रहेगा तब तक उस घर में कलह या गृहस्थ से सम्बन्धित परेशानियां नहीं आयेगी।
यह साधना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। कर्जा उतारने, पेसा कहीं रुका हुआ हो तो उसे प्राप्त करने, व्यापार-वृद्धि, नौकरी में प्रमोशन, आर्थिक उन्नति, रोग मुक्ति आदि कार्यों में यह साधना लाभदायक रही है।
साधना सामग्री : सर्वोन्नति साम्फल्य विग्रह, तीन चिरमि के दाने, पंचभूत मोती शंख, स्वर्णावती गुटिका कामना सिद्धि जीवट।
साधना विधि : साधक को चाहिए कि वह दीपावली की रात्रि में सिंह लग्न में उत्तर की ओर मुंह कर बैठ जाएं और सामने दीपक-अगरबत्ती लगा लें। फिर निम्न मंत्र की पंद्रह मिनट तक अजपा जाप करें।
मंत्र जप पूरा होने पर वह पंचाभूत मोती शंख और स्वर्णावती गुटिका को अपने घर में पूजा-स्थान में स्थापित कर दें और नित्य उसके सामने दीपक-अगरबत्ती लगायें। ऐसा करने पर साधक के जीवन में सभी दृष्टियों से उन्नति होती रहती है।
दीपावली के दिन ही इस साधना को प्रातः 10 बजकर 2 मिनट से 11 बजकर 14 मिनट तक करना है।
साधना सामग्री : मंत्र सिद्धि लघु नारियल व मूंगा माला।
साधना विधि :सर्वप्रथम साधक अपने सामने किसी लघु पात्र में लघु नारियल को स्थापित करें व उस पर कुंकुम या केसर का तिलक करें। फिर उससे प्रार्थना करें कि मैं अमुक नाम का व्यक्ति यह महत्वपूर्ण प्रयोग शेयर मार्केट के क्षेत्र में पूर्ण सफलता प्राप्ति के लिए कर रहा हूं। फिर मूंगा माला से निम्न मंत्र की तीन माला फेरें।
ऐसा करने के बाद साधक अपनी पाकेट में उस लघु नारियल को ले कर जब भी शेयर मार्केट में कार्य करने जाता है तो उसे उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त होती है और विशेष आर्थिक लाभ होता है।
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