दो के अंक से सम्बन्धित व्यक्ति यद्यपि शारीरिक रूप से अधिक प्रबल एवं पुष्ट नहीं होते, परन्तु मानसिक रूप से ये स्वस्थ और सबल होते हैं। श्रम की अपेक्षा मानसिक कार्यों में इनकी रुचि विशेष होती है तथा ये अपनी बुद्धि से कुछ ऐसा कार्य कर जाते हैं, जिससे आने वाली पीढि़यां इनकी ऋणी बनी रहती है।
ऐसे व्यक्ति अत्यन्त भावुक होते हैं। दूसरों के कार्य को प्रसन्नतापूर्वक करते हैं और उनके हित-सम्पादन में बराबर सचेष्ट रहते हैं। ‘न’ कहना इनके वश की बात नहीं। स्वभाव से दयालु होने के कारण ये दूसरों की भलाई में अपने-आपको खपा देने में विश्वास रखते है।
सौन्दर्य के प्रति इनकी रुचि परिष्कृत होती है। प्रेम और सौन्दर्य को जितनी बारीकी से ये समझ पाते है, उतने अन्य लोग नहीं। इनकी आंखों में कुछ ऐसा आकर्षण होता है कि सामने वाला बरबस इनकी ओर आकृष्ट हो जाता है। सम्मोहन करने की कला इनमें अद्भुत होती है। ये अपरिचित से अपरिचित व्यक्ति को भी चुटकियों में अपना मित्र बना लेते हैं। इस प्रकार के व्यक्तियों में सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि अपनी गलती स्वीकार करने में ये एक क्षण भी हिचकिचाते नहीं। या न करने के निर्णय को लेकर ये काफ़ी समय तक उधेडबुन में बने रहते है। क्षण-क्षण में इनके विचारों में परिवर्तन आता रहता है और मित्र जैसी राय देते है उसी के अनुरूप अपना निर्णय कर लेते है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये भावुक एवं कोमल हृदय होने के कारण तुरन्त निर्णय नहीं ले पाते और दूसरों के विश्वास पर ये कई बार ठगे भी जाते है। मीठा बोलकर या इनकी चापलूसी पर कोई भी इनसे अपना काम निकलवा सकता है। यद्यपि ये मन ही मन समझते है कि सामने वाला व्यक्ति मुझे मूर्ख बना रहा है, फि़र भी ये मूर्ख बने रहते हैं और उसे कुछ भी नहीं कहते।
अधिक कल्पनाशील होने के कारण ये भावुक होते हैं तथा एक प्रकार से इनके जीवन में बराबर मानसिक संघर्ष बना रहता है। अधैर्य के कारण कई बार ये गलत निर्णय ले लेते हैं और फि़र मन के अनुरूप कार्य न होने के कारण मन ही मन पछताते रहते है, झुंझलाते रहते हैं और जीवन में अपने आपको अत्यन्त दुखी तथा अपमानित अनुभव करते रहते है। कई बार समय पर कार्य न होने की वजह से ये गमगीन भी बने रहते हैं। यद्यपि इनके जीवन में मित्रों की कमी नहीं होती, परन्तु अधिकतर मित्र स्वार्थी ही होते हैं और मित्रों से इनको कोई विशेष लाभ नहीं मिलता। वास्तविक मित्र इनके जीवन में नहीं के बराबर होते हैं। एकान्त में या अकेले में ये नहीं रह सकते। सच्चे मित्रों का अभाव इन्हें बराबर खटकता रहता है। मित्र इनसे लाभ उठाते रहते हैं, परन्तु इनको मित्रों से कोई विशेष लाभ नहीं मिलता।
दूसरों के हृदय की बात जान लेने का इनमें सहज गुण होता है। सामने वाला व्यक्ति कहे या न कहे, ये तुरन्त ही उसके मन की थाह तक पहुंच जाते हैं और ये सब कुछ समझ जाते हैं कि सामने वाला व्यक्ति क्या कहना चाहता है। ललित कलाओं में इनकी विशेष रुचि होती है तथा शौक के कारण इनका काफ़ी समय और शक्ति व्यर्थ हो चली जाती है। इनकी पत्नी सुन्दर, सुशील एवं शिक्षित होगी। परन्तु दोनों में बराबर वैचारिक मतभेद बना रहेगा, जिससे कि इनका गृहस्थ जीवन सामान्य स्तर का ही रहेगा। कुल मिला इस प्रकार के व्यक्ति भावुक, सहृदय, परोपकारी तथा मस्तिष्क प्रधान होते है।
3 (तीन) अंक: तीन का अंक सभी अंकों में ज्यादा अनुकूल एवं श्रेष्ठ कहा जाता है, क्योंकि एक और दो के अंकों का योग ही तीन का अंक है, अतः एक और दो के अंकों में जो विशेषताएं है वे सभी विशेषताएं इस अंक में पाई जाती है। ऐसे व्यक्ति अत्यन्त साहसी, कर्मठ और कार्य करने में दक्ष होते हैं। अपने विचार, अपनी भावनाएं तथा अपने कथन को ये जितने सुन्दर और व्यवस्थित तरीके से व्यक्त करते हैं, उतना अन्य कोई भी नहीं। सामने वाले को चतुर बातों के माध्यम से अपने पक्ष में कर लेना इनकी सबसे बड़ी विशेषता होती है। अनजान से अनजान व्यक्ति को भी ये तुरन्त अपने पक्ष में कर लेते हैं।
यद्यपि आर्थिक दृष्टि से इन व्यक्तियों के जीवन में बाधाएं रहती है, परन्तु अपनी प्रतिज्ञा और परिश्रम के बल पर उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है जो इनके मन में होता है। जीवन में ये सहज ही निराश या हताश नहीं होते। एक बार जो ये निर्णय ले लेते हैं उस पर दृढ़ रहते है और जिस रास्ते पर एक बार ये बढ़ जाते है, सहज ही उससे विचलित नहीं होते।
इनके हाथ से व्यय विशेष ही होता है। शान-शौकत, ऐश-आराम, सजावट आदि के कार्यों पर ये व्यय करते हैं। परन्तु इतना होने पर भी इनके व्यय को अपव्यय नहीं कहा जा सकता। व्यय करने से पहले कई बार सोचते हैं और उसके बाद ही उस कार्य को करने या न करने का निर्णय लेते हैं।
इनकी महत्वकांक्षाएं काफ़ी उच्चकोटि की होती हैं। छोटा पद, छोटा प्रभुत्व या छोटा कार्य इनको अनुकूल प्रतीत नहीं होता। ये जो भी कार्य करते है, उसे व्यापक रूप देते हैं और व्यापक धरातल पर ही उस कार्य को सम्पन्न करने में विश्वास रखते है। कई बार ऐसा भी होता है कि इनका जो लक्ष्य होता है, उस पर ये आसानी से नहीं पहुंच पाते है। फ़लस्वरूप इनके जीवन में निराश घर कर लेती है। पर यह निराशा कुछ ही क्षणों की होती है और ये तुरन्त दुगने जोश से अपने कार्य में जुट जाते हैं और तब तक पीछे नहीं हटते जब तक कि वह कार्य भली प्रकार से सम्पन्न न हो जाए।
आकस्मिक उन्नति या आकस्मिक द्रव्य-लाभ के बारे में ये हर क्षण सोचते रहते हैं, परन्तु ऐसे क्षण इनके जीवन में कम ही आते हैं। इनकी प्रगति धीरे-धीरे होती है, परन्तु यह प्रगति स्थायी और टिकाऊ कही जा सकती है।
भाइयों से अथवा परिवार से कोई विशेष लाभ इन्हें नहीं मिलता। ये जो भी उन्नति करते हैं, स्वयं के प्रयत्नों से ही करते हैं। इतना होने पर भी ये अपने भाइयों की तथा परिवार की सहायता को बराबर उद्यत रहते हैं।
इनके जीवन में कई बार स्वेच्छाचारिता आ जाती है। थोड़ा-सा भी पद या पैसा मिलने पर ये निरंकुश होने लगते हैं और इनके हाथों से कई ऐसे कार्य भी हो जाते है जो इनके व्यक्तित्व के अनुकूल नहीं होते। इसी कारण कई बार मित्र भी इनसे शत्रुवत व्यवहार करने लग जाते हैं। सबसे बड़ी विशेषता इनमें यह होती है कि ये हर समय अपने काम में डूबे रहते है। व्यर्थ का समय व्यय करना इनकी रुचि के अनुकूल नहीं। न तो ये किसी अन्य के कार्य-संचालन में बाधाा डालते है और न यह चाहते है कि कोई अन्य इनके कार्यों में या योजनाओं में हस्तक्षेप करे। हृदय से ये व्यक्ति उदार एवं सरलचित होते हैं तथा सादा और सरल जीवन बिताने के इच्छुक रहते हैं। व्यर्थ की तड़क-भड़क इन्हें सहज नहीं होती।
क्रोध इन्हें शीघ्र ही आता है, परन्तु जितनी शीघ्रता से क्रोध आता है, उतनी ही शीघ्रता से वह उतर भी जाता है। क्रोध आने पर भी ये अपने विवेक-पथ से इधर-उधर नहीं होते। सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित कर देने, उसके विचारों को खंडित कर अपने विचारों को उस पर हावी कर देने या सामने वाले व्यक्ति को या शत्रु को अपने अनुकूल बना लेने का इनमें विशेष गुण होता है। यद्यपि इनके जीवन में मित्र कई होगे, परन्तु सही शब्दों में इन्हें मित्र की संज्ञा नहीं दी जा सकती। एक प्रकार से देखा जाए तो इन्हें मित्रों से कोई लाभ नहीं होगा।
तीन का अंक सेक्स का प्रतीक है। इस क्षेत्र में यद्यपि ये शीघ्रता से आगे बढ़ते है, परन्तु अधिकतर इनका प्रेम असफ़ल ही रहता है। प्रेम के क्षेत्र में ये पूर्ण रूप से डूबते नहीं। गृहस्थ जीवन अनुकूल होता है। पत्नी योग्य, सुशील एवं सदाचारी होती है तथा उसके सहयोग से गृहस्थ जीवन ज्यादा सुखमय बना रहता है। बाल्यावस्था कष्टमय होती है, परन्तु यौवनावस्था में ये अपने ही प्रयत्नों से विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बना लेते हैं जिससे इनकी वृद्धावस्था पूर्णतः संतोषजनक कही जा सकती है।
इनके जीवन में यात्राएं विशेष रहेंगी और यात्राओं के माध्यम से ही इनका भाग्योदय सम्भव है। जितनी ही ज्यादा ये यात्राएं करेंगे, उतनी ही ज्यादा इनके जीवन में सफ़लता बढ़ेगी। अनुशासन के क्षेत्र में ये कठोर रहते हैं। स्वयं अनुशासनप्रिय होते हैं और यह भी चाहते हैं कि इनका परिवार या इनके अधीनस्थ कर्मचारी भी अनुशासनप्रिय रहें।
जीवन में पूर्णतः यश मिलता है तथा अपने किसी विशिष्ट क्षेत्र में उन्नति कर स्थायी कीर्ति प्राप्त करने में ये सफ़ल हो जाते है। ये अपने विवेक पथ से इधर-उधर नहीं होते।
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