सुन्दरता प्राप्त करना और अपने जीवन में सुन्दरता को बनाये रखना काफ़ी कठिन है, पूरा विश्व इस बात के लिए प्रयत्नशील है कि असुन्दर को किस प्रकार से सुन्दरता में बदला जाय, कुरूपता को सौन्दर्य में परिणित करने के लिए क्या किया जाय, और एक बार सौन्दर्य प्राप्त होने पर उसको किस प्रकार से चिरस्थायी बनाया जाय, यह आज के युग की मांग है, और सौन्दर्य विशेषज्ञों के लिए चुनौती है ऐसे समय में यह लेख घनघोर बादलों में बिजली की तरह प्रकाशमान है, जिसके माध्यम से कुरूपता को सुन्दरता में निश्चय ही बदला जा सकता है।
राजा भोज की नगरी धरा नगरी में विश्रवा एक महत्वपूर्ण सौन्दर्य विशेषज्ञ था, राज्य सभा में नर्तकियों सुन्दरियों का चयन करने के लिये जिन बारह लोगों की कमेटी बनाई गई थी, उसका प्रधान विश्रवा को बनाया गया था, वह अपने आप में श्रेष्ठ विशेषज्ञ था और जीवन के साठ कीमती वर्ष सौन्दर्य व़ृद्धि से सम्बन्धित आयुर्वेदिक उपायों और रसायनों की खोज करने, उसे प्राप्त करने और प्रमाणित करने में लगा दिये थे, विश्रवा केवल आयुर्वेद का ज्ञाता ही नहीं था अपितु सौन्दर्य का ज्ञाता भी था, कुरूपता को सुन्दरता में बदल देने का उसे आश्चर्यजनक ज्ञान था, और सुन्दरता कोपैनी धार वाला बना देने में वह सिद्ध हस्त था, उच्चकोटि की सुन्दरियां उससे मिलने के लिए आतुर रहती थी ऊंचे से ऊंचे राज घराने विश्रवा को अपने यहां बुलाने में गौरव अनुभव करते थे, ये राज घराने अपनी बहुओं और बेटियों को अत्यधिक सौन्दर्यशाली देखना चाहते है, और वयोव़ृद्ध विश्रवा भारत के सर्वश्रेष्ठ जानकार थे, उस समय उनकी चर्चा भारतवर्ष के प्रत्येक व्यक्ति की जबान पर थी। यही नहीं अपितु राजा भोज ने अपनी पुत्री अनंगदा को सौन्दर्यमयी बनाने के लिये विश्रवा की सहायता ली, और केवल तीस दिनों के अथक परिश्रम से ही उसने वह कमाल कर दिखाया था जिसे देख कर राजा भोज भी आश्चर्यचकित रह गया था। तब विश्रवा को पुरस्क़ृत करने के लिये राजा भोज ने भरी सभा में उसे सोने के सिक्कों से तोल कर अपना आभार प्रदर्शित किया। वह विश्रवा का ही ज्ञान था जिसने कालीदास के अनुरोधा पर उसकी प्रेमिका को अद्वितीय सुन्दरी बना दिया, जिसे देख कर स्वयं कालीदास भी दंग रह गये थे। उसे देख कर ऐसा प्रतीत हुआ जैसे धरती पर कोइ मेनका या रम्भा विचरन करने के लिये आई हो।
कालीदास ने विश्रवा को अपने सीने से लगा लिया और कहा कि वास्तव में ही आप अद्वितीय विभूती हैं और सौन्दर्य के साकार पुंज हैं। आपने मात्र तीस दिनों में जो चमत्कार कर दिखाया है वह अतुलनीय है, आपने अन्धेरे को प्रकाश में परिवर्तित कर दिखाया है। वास्तव में ही आपका आयुर्वेद ज्ञान आश्चर्यजनक है, अप्रतिम और अद्वितीय है।
यही नहीं विश्रवा ने अपने जीवन में कई ऐसे रसायन और लेप तैयार किये थे जिसके उपयोग से काले रंग को गोरे रंग में परिवर्तित करना, होठों को और अधिक रसमय बना देना, आंखों को और अधिक पैनी और कटीली बना देना उसके लिये बायें हाथ का खेल था। विश्रवा ने छोटे कद को लम्बा करने, हाथों और पैरों पर उगे हुए बालों को हटाने और अंगुलियों को नोकदार, लचीली और सुन्दर बनाने के लिये ऐसे लेप तैयार किये थे कि उस समय वह जीते जी ही किवदन्ती बन गये थे।
सौन्दर्य के सभी प्रतियोगिताओं में उन्हें ही प्रधान का पद प्रदान किया जाता था। उनके बारे में यह कहा जाता था कि वे जिसके सिर पर हाथ रख देंगे, वही स्त्री विश्व सुन्दरी बन जायेगी और उन्हें वास्तव में ही यह महारत हासिल थी। जीवन के अन्तिम काल में विश्रवा ने अपना एक मात्र ग्रन्थ, “सौन्दर्य“ लिखा जो अपने आप में अद्भुत और चमत्कारिक ग्रन्थ है। अपने इस कार्य में विश्रवा ने अपने जीवन के सभी अनुभवों को प्रामाणिकता के साथ संजोया है। उन सभी युक्तियों, लेपों और रसायनों का पूर्णता के साथ विवरण दिया है जिसके द्वारा उन्होंने जीवन में अद्वितीयता प्राप्त की थी। इसी ग्रन्थ से हम आपके सामने तीस सूत्रों को प्रस्तुत कर रहें हैं जिसे अपना कर संसार की कोई भी स्त्री अद्वितीय सुन्दरी बन सकती है, अपनी आंखों के चारों तरफ़ फ़ैली कालिमा को मिटा सकती है और एक तरह से अपना पूर्ण कायाकल्प कर सकती है। सौन्दर्य सूत्र
लम्बे और घने बालों के लिये आंवले का एक किलो शुद्ध तेल ले कर उसमें 200 ग्राम काफ़ी के बीज डाल कर हलकी आंच पर उबालें और फि़र ठन्डा होने पर छान कर रख लें। इस तेल के प्रयोग से छोटे छोटे बाल लम्बे और घने हो जाते हैं। सफ़ेद बालों को काला करने के लिये आंवले का एक किलो शुद्ध तेल ले कर उसमें 200 ग्राम काफ़ी के बीज और 100 ग्राम लसण डाल कर हलकी आंच पर उबालें और फि़र ठन्डा होने पर छान कर रख लें। इस तेल के प्रयोग से उड़े हुये बाल वापस जम जाते हैं और सफ़ेद बाल काले हो जाते हैं।
आंखों के चारों ओर का स्याहपन दूर करने के लिये
100 ग्राम अभ्रक का बारीक पाउडर बना लें और उसमें 50 ग्राम शंख पुष्पी मिलाकर लेप तैयार कर लें। रात को यदि सोने से पहले इस लेप को आंखों के चारों तरफ़ लगाया जाये तो आंखों के चारों तरफ़ का स्याहपन दूर हो जाता है।
आंखों को बड़ी और कटीली बनाना
यदि काजल में रस कपूर मिला कर रोज रात को सोते समय आंखों में इसका अंजन करें तो कुछ ही दिनों में आंखें कटीली और सुन्दर बन जाती हैं।
होठों को पतला और सुन्दर बनाना
अम़ृत चूर्ण दस ग्राम तथा सतावरी का चूर्ण तीस ग्राम ले कर उसे नागर बेल के पान के रस में घोट कर रात में सोते समय होठों पर लागये तो होठों का कालापन दूर होता है और होठ सुन्दर और आकर्षक बन जाते हैं।
चेहरे के दाग धब्बे दूर करना
शंख पुष्पी , ब्राह्मी का तेल और शुद्ध अभ्रक का पाउडर परस्पर मिला कर रात को सोते समय चेहरे पर लगा लें और सुबह चेहरा गुनगुने पानी से धो ले। ऐसा नित्य करने पर कुछ ही दिनों में चेहरे के दाग धब्बे हमेशा हमेशा के लिये दूर हो जाते हैं।
नाक को सुन्दर और नुकीली बनाना
छोटी पीपर को गाय के छाछ में घिस कर नित्य रात को सोते समय नाक पर ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें तो कुछ ही दिनों में नाक लम्बी और नुकीली हो जाती है।
चेहरे के बालों को समाप्त करना
गधी के दूध में त्रिफ़ला का चूर्ण रात को भिगो दे और प्रातः काल अपने चेहरे पर लगाये और बाद में पानी से धो ले तो चेहरे पर उगे हुए छोटे छोटे बाल हमेशा हमेशा के लिये समाप्त हो जाते हैं।
वक्षस्थल बढ़ाने के लिये
अरीठ की छाल को गधी के दूध में भिगो कर उस दूध को 24 घण्टों के बाद छान लें और उस से मालिश करें तो वक्षस्थल पुष्ट और सुन्दर बन जाते हैं।
कमर का मांस कम करना
यदि कमर मोटी हो गई हो और फ़ालतू मांस बढ़ गया हो तो सूंठ, नागर मोथा और बहेड़े की छाल बराबर मात्रा में ले कर पीस लें और नित्य एक तोला सेवन करने से फ़ालतू मांस समाप्त हो जाता है।
पेट को सुडौल बनाने के लिये
यदि पेट बढ़ गया हो तो इन्द्र जौ, साबुत धनिया और सैंधा नमक बराबर मात्रा में ले कर नित्य एक तोला पानी के साथ सेवन करने से बढ़ा हुआ पेट समाप्त हो जाता है और उसका आकार सुन्दर हो जाता है।
त्वचा को चमकदार बनाना
यदि गधी के दूध में पान का रस मिला कर उससे शरीर की मालिश करें तो शरीर की त्वचा सुन्दर और चमकदार बन जाती है।
चेहरे की सलवटें दूर करना
चनों को रात में पानी में भिगो दें और सुबह चने को निकाल कर उस पानी को नित्य पीने से चेहरे की सारी सलवटें समाप्त हो जाती हैं।
जंघाओं को सुडौल बनाना
यदि गौमूत्र में हल्दी मिला कर नित्य जंघाओं पर मालिश की जाय तो कुछ ही दिनों में जंघायें सुडौल और आकर्षक बन जाती हैं।
दुबले पतले हाथों को पुष्ट करना
तिल के तेल में हल्दी और गुलाब का अर्क मिला कर यदि नित्य हाथों पर मालिश की जाय तो हाथ पुष्ट हो जाते हैं।
हाथों की उंगलियों को लम्बी और सुन्दर बनाना
गुलाब में छोटी इलायची और उड़द मिला कर लेप तैयार कर यदि उंगलियों पर मालिश की जाये तो हाथों की उंगलियां लम्बी, लम्बी और सुडौल बन जाती है।
काली त्वचा को गोरा करने के लिये
यदि नित्य स्नान करने से पूर्व सारे शरीर पर गधी के दूध की मालिश की जाय तो निश्चय ही शरीर का काला रंग गोरा हो जाता है।
गालों को आकर्षक बनाने के लिये
नारियल के तेल में आम्बा हल्दी तथा गुलाब का अर्क मिला कर यदि गालों पर नीचे से ऊपर की ओर नित्य मालिश की जाये तो गाल सुन्दर और लालिमा युक्त बन जाते हैं।
भौहों को आकर्षक बनाने के लिये
यदि भौंहो के आस पास फ़ालतु बाल हो तो उस पर कुछ समय तक अमलतास का जल लगाने से फ़ालतू बाल समाप्त हो जाते हैं और भौहें नुकीली हो जाती है।
ललाट को चौड़ी और आकर्षक बनाने के लिये
यदि सिर के बालों ने काफ़ी जगह घेर ली हो और ललाट छोटी हो गई हो तो गधी के दूध में हल्दी और इमली का पानी मिला कर कुछ दिनों तक मालिश करने से फ़ालतू बाल दूर हो जाते हैं और ललाट सुन्दर और आकर्षक बन जाती है।
छोटे कद को लम्बा करने के लिये
काली मिर्च 100 ग्राम, इरण्डी का मूल 100 ग्राम और नीम की निबोली 100 ग्राम को ले कर उनका चूर्ण बना कर रात को सोते समय यदि नित्य सेवन किया जाय तो निश्चय ही कद लम्बा और आकर्षक बन जाता है।
मोटापा दूर करने के लिये
यदि शरीर मोटा हो गया हो तो छोटी पीपर, काली मिर्च, सैन्धा नमक और त्रिफ़ला को मिला कर नित्य सोते समय एक तोला सेवन किया जाये तो शरीर का मोटापा समाप्त हो जाता है।
गर्दन को सुन्दर बनाने के लिये
यदि गर्दन मोटी, भारी और बैठी हुई हो तो गर्दन के चारों ओर उड़द के पानी से मालिश की जाये तो कुछ ही दिनों में गर्दन सुन्दर, सुराहीदार और आकर्षक बन जाती है।
चेहरे की लकीरों को दूर करने के लिये
यदि चेहरे पर लकीरें पड़ती हो तो पानी में इन्द्र जौ को भिगो कर सुबह उस पानी से चेहरे की मालिश की जाये तो यह दोष दूर होजाता है।
मुहासों को मिटाने के लिये
रस कपूर को तिल्ली के तेल में मिला कर मुहासों पर लगाने से एक दो दिनों में ही मुहासे समाप्त हो जाते हैं।
आकर्षक दातों के लिये
यदि दांत ऊबड़ खाबड़ या अनाकर्षक हो तो नित्य कोयला, सैन्धा नमक और सरसों का तेल परस्पर मिला कर दांतो पर मालिश करने से दांत सुन्दर और आकर्षक हो जाते हैं।
चेहरे के निशान दूर करने के लिये
यदि चेहरे पर जलने का निशान, दाद या दाग हो तो उसको दूर करने के लिये चमेली के तेल में मुलतानी मिट्टी मिला कर उससे मालिश की जाये तो यह दोष समाप्त हो जाता है।
चेहरे पर लटकते हुए मांस को दूर करने के लिये
नित्य जायफ़ल के चूर्ण को तिल्ली के तेल में मिला कर मालिश की जाये तो चेहरे पर लटकता हुआ मांस समाप्त हो जाता है और चेहरा सुन्दर बन जाता है।
गंजेपन को हटाने के लिये
यदि कंघी करने से बाल टुटते झड़ते हो तो या फि़र सिर पर गंजापन आ रहा हो तो यदि शहद के साथ छोटी पीपर का सेवन किया जाये और त्रिफ़ला के पानी से सिर को धोया जाये तो गंजापन समाप्त होने लगता है।
आकर्षक शरीर के लिये
नित्य प्राणायाम, भस्रिका तथा सूर्यासन करने से सारा शरीर सुन्दर और आकर्षक बन जाता है।
ऊपर दिये गये सभी प्रयोग अपने आप में अचूक हैं और इन्हें अपनाने से वास्तव में ही आपका रूप ज्यादा आकर्षक और आभायुक्त बन जायेगा।
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