जो साधक संक्रान्ति के पर्व पर अपने पूजन स्थान में, धनदा यंत्र को स्थापित करता है, उसका घर धन-धान्य एवं पुत्र-पौत्र आदि अनेक श्रेष्ठ सम्पत्तियों से परिपूर्ण होता है और निरन्तर उन्नति होती रहती है। उसके घर में कलह का वातावरण स्वतः ही समाप्त होने लगता है तथा आरोग्य, सुख सम्मान तथा समस्त ऐश्वर्य की प्राप्ति होने लगती है। आजकल के परिवेश में सामान्य जन अनेक-अनेक परेशानियों से ग्रसित रहते हैं – दारिद्रयता, गृह कलह, रोग, शारीरिक पीड़ा, मुकदमा, आर्थिक हानि, असफलता आदि। व्यक्ति के जीवन में इन सब विकट समस्याओं पर रोक धनदा यंत्र को स्थापित करने से स्वतः ही होने लग जाती है। जब उक्त समस्याओं का समाधान होना प्रारम्भ होता है, तब वह पूर्ण आनन्द के साथ, बिना किसी भी चिंता या मानसिक तनाव के श्रेष्ठता के पथ पर अग्रसर होने लगता है।
यह धनदा यंत्र विशेष मंत्र सिद्ध चैतन्य और प्राण प्रतिष्ठा युक्त है जिसे तिब्बती मंत्रों द्वारा पूर्ण विधि-विधान से निर्मित किया जाता है, जिससे कि इसके स्थापन मात्र से व्यक्ति सभी दृष्टियों से पूर्णता को आत्मसात कर सके। जिन साधकों की पत्रिका सदस्यता समाप्त हो रही है वे नवीनीकरण के लिए जोधपुर कार्यालय में सम्पर्क करके अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करायें। नवीनीकरण कराने पर आपको धनदा यंत्र (मात्र 350 रू की वी-पी-पी-) उपहार स्वरूप भेजी जायेगी। आप अपने किसी परिजन को पत्रिका सदस्य बनाकर भी यह यंत्र उपहार स्वरूप प्राप्त कर सकते हैं।
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