छत्तीसगढ़ के चिमरकेला बसना में एक दिवसीय साधना शिविर लगाने वाला था मेरे भाई ने मुझसे कहा कि हमारे गाँव में सद्गुरुदेव आ रहे हैं। आप दोनों गुरु दीक्षा ले लो। हम दोनो गुरु दीक्षा शिविर में प्राप्त की। गुरु दीक्षा के बाद हम नियमित रूप से पूजन व मंत्र जप करते थे। संतान की चाह थी और डाक्टरी व वैद्य सब तरह की इलाज करवाकर हम थक चुके थे। फिर भी कोई कमी का पता नहीं लग रहा था तथा कोई इलाज भी सही नहीं हो रहा था। बांझपन की वजह से हमे बहुत व्यंग्य बोली सुनना पड़ता था। उसके बाद बलांगीर में शिविर लगा, तब हम दोनों पति-पत्नी ने संतान प्राप्ति की दीक्षा गुरुदेव से ली, संतान प्राप्ति की दीक्षा लेने के दो साल पश्चात् हमारी मनोकामना पूर्ण हुयी। शादी के आठ साल पश्चात् सद्गुरुदेव की कृपा से हमारे यहाँ पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। पिछले माह मुझे दूसरे पुत्र की प्राप्ति हुई है। हे गुरुदेव ऐसी कृपा हमारे ऊपर बनाये रखना और हमारी संतानों को सुसंस्कार युक्त निर्मित करना।
आपकी
प्रमिला साहू (खरसिया, छ-ग)
विगत 6 वर्षों से गुरुदेव से गुरु पूर्णिमा महोत्सव में रायपुर में कई दीक्षायें प्राप्त की और प्रत्यक्ष अनुभूति हुई कि सद्गुरुदेव लगातार अपनी कृपा दृष्टि बनाये हुये हैं। इसी क्रम में मैने गुरु दीक्षा ली और मत्र जाप आरंभ किया कुछ समय पश्चात् मैने देखा कि सूर्य को मै अपलक दृष्टि से बिना किसी परेशानी से सद्गुरुदेव की कृपा से देख सकता हूं यह अनुभव मैने गुरुधाम जोधपुर में बताया फिर सहसा है मुझे महाकाली के दर्शन एक शाम घनघोर घटाओं के बीच आसमान में हुये यह सब गुरु कृपा ही है। जिससे मुझे महाकाली की दर्शन हुये। जब भी कोई मानसिक, शारीरिक पीड़ा होती है, अथवा व्यापार में कोई क्लिष्ट बाधा आती है, तो मैं गुरुदेव द्वारा प्राप्त महाकाली का 9 दिवस तक जाप करता हूं, तो सभी समस्यायें समाप्त हो जाती हैं।
आपका
सुदर्शन बीड़े (हैदराबाद)
मैने प्राचीन मंत्र यंत्र विज्ञान जून 2016 में प्रकाशित सम्मोहनी साधना को पढ़ कर जिज्ञासा उत्पन्न हुई तथा उस साधना सामग्री को जोधपुर कार्यालय से मंगाकर सम्पन्न की जो विवरण इस साधना में दिया गया था वह बाबा खाटूश्याम के बारे में दिया गया था जो महाभारत काल में एक अद्वितीय योद्धा थे और खाटूश्याम बाबा इस कलियुग में भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है यह भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं ही अपने मुख से कहा है। इस साधना को करने के पश्चात् मेरे व्यक्तित्व में अद्भुत परिवर्तन हुआ, मेरी नौकरी में भी सभी सहयोग प्रदान करते हैं, और मेरी वाक् शक्ति से भी प्रभावित होते हैं। मेरा प्रमोशन तहसीलदार पद पर हुआ है। परिवार में भी बहुत ही स्नेहमय वातावरण है। वर्ष में दो बार मैं अवश्य ही गुरु पूर्णिमा और दीपावली महोत्सव पर सपरिवार गुरु चरणों में साधना शिविर में जाता हूं।
आपका
नरेन्द्र सिंह (गोरखपुर)
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