मुझे कुछ समय पहले प्राचीन मंत्र यंत्र-विज्ञान पत्रिका मेरे एक मित्र सुरेश के यहां मिली जिसे उत्सुकता वश मैने उठालिया तथा पढ़ने लगा। और अपने मित्र से पूछा कि क्या इस पत्रिका में दी गयी बातें सच है? तो उन्होंने कहा – निश्चित रूप से। मुझे सहसा विश्वास नहीं हुआ मैने कभी पहले कोई साधना इत्यादि नहीं की थी न ही कोई गुरु बनाये थे। मेरे आफिस में कोई मेरे विरूद्ध दुष्प्रचार कर मुझे नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे थे तथा मेरी नौकरी भी छूटने के संकेत लग रहे थे। मैंने पत्रिका में दिये हनुमान बाहु कवच (मार्च 2017) के लाभ पढ़े तथा उसे धारण करने की इच्छा मन में उत्पन्न हुई इस बारे में मैंने अपने मित्र को कहा तो उन्होंने मेरे ही सामने इस कवच को मंगवाने के लिये जोधपुर पत्रिका कार्यालय में प्रार्थना की और अपने ही घर का पता दर्ज करा दिया। पांचवे दिन ही मेरे मित्र ने मुझे वह कवच दे दिया तथा अगले दिन मंगलवार को भगवान बजरंगबली को ध्यान कर उसे धारण कर लिया। इसके धारण करने के उसी सप्ताह में अन्तिम दिन मुझे चमत्कार देखने को मिला। मेरे आफिस का ही एक व्यक्ति जो चुप-चाप मेरे खिलाफ सभी को बहकाता रहता था। वह एकदम मेरे अनुकूल हो गया था, और सभी कार्यो में मेरा सहयोग करता था, अब मुझसे सभी प्रेम से मिलते-जुलते हैं और मेरा भय भी समाप्त हो गया। मुझे यह सब कवच के ही प्रभाव के कारण हुआ अनुभव होता है। जिसमें आपने हनुमान जी की शक्ति भरी हुई है। मुझे अब अन्य साधनायें भी करनी है तथा आपसे दीक्षा भी प्राप्त करनी है। मुझे निर्देश करें।
आपका
राकेश विश्वकर्मा
नागपुर महाराष्ट्र
गुरुदेव मैं आशीष आपको नमन करता हूं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि कुछ समय पहले मेरे ऊपर किसी ने मैली क्रिया करवा दी थी जिसका ईलाज मेरे घर वाले करवाते-करवाते थक चुके थे तथा रूपयों की बरबादी भी हो चुकी थी मुझे बार-बार चक्कर आते थे रात में भयानक स्वप्न आते थे जिससे मैं बार-बार चिल्लाता था मेरा काम धन्धा सभी चौपट हो गया था एक दिन मेरे बचपन के मित्र दिनेश वर्मा मेरे घर आये उन्होंने मुझे आपके बारे में बताया लेकिन हम ईलाज करते-करते थक व लुट चुके थे लेकिन मेरे दोस्त ने मुझे विश्वास दिलाते हुये कहा कि तुम एक बार मेरे कहने पर जोधपुर जाकर गुरुदेव से मिल ले तब जाकर मैंने आपसे तंत्र बाधा निवारण बगलामुखी दीक्षा व मंत्र ग्रहण किया उसी दिन से मुझे चक्कर आने बन्द हो गये लेकिन रात में स्वप्न आते थे जिससे एक डरावनी स्त्री आकर मेरा गला दबाती थी मैं नित्य मंत्र जाप कर रहा था मंत्र जपने के 18 वे दिन वह चुडैल सी स्त्री मेरे ऊपर झपटने के लिये आई कि उससे पहले मेरे शरीर से पीले रंग के दो हाथ निकले जिनसे अग्नि ज्वालायें निकल रही थी उन हाथों ने उस स्त्री को तुरन्त पकड लिया तथा वह उन पीले हाथों में ही भस्म हो गयी। उस दिन के पश्चात् मुझे स्वप्न में या किसी भी तरह का कोई डर या भय नहीं है अगले ही दिन मैने यह बात अपने मित्र को बतायी तो उन्होंने बताया कि यह सब गुरुदेव द्वारा दी गई बगलामुखी शक्ति का प्रभाव है जिसने तुम्हारी तंत्र बाधा को नष्ट कर दिया बगलामुखी माता स्वर्णिम आभा वर्णीय की ही होती है। गुरुदेव मैं बडे दिनों से इस कष्ट को झेल रहा था आपकी कृपा से ही मैं स्वस्थ हुआ आपने मेरी प्राण रक्षा की है।
आपका
आशीष कश्यप
विलासपुर, छ-ग
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