श्री हनुमान वीरता, पराक्रम, दक्षता, के प्रतीक हैं और शक्ति, बल, वीर्य, ओज, स्फूर्ति, धैर्य, यश, निर्भयता, निरोगता, विवेक, वाक्पटुता इत्यादि महा- गुणों के प्रदाता हैं। जो साधक हनुमान पारद विग्रह श्रद्धा पूर्वक अपने पूजा स्थान में स्थापित कर नित्य संक्षिप्त धूप, दीप से पूजन करता है, उसे ये गुण निश्चय ही प्राप्त होते हैं।
साथ ही हनुमान विघ्न का नाश और आसुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करने वाले देव हैं, जिस घर में ऐसे दिव्यतम चैतन्य हनुमान पारद विग्रह का स्थापन होता है, वहां भूत-प्रेत, पिशाच, नजर दोष, टोना- टोटका का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हनुमान बुद्धि निधान देव हैं, जिस घर में नित्य चैतन्य विग्रह रूप में स्थापित हनुमान की स्तुति होती है, उस घर के बच्चों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु अनुकूल वातावरण बनता है, साथ ही सुसंस्कारों से युक्त भी होते हैं।
महाबली हनुमान बल निधान भी हैं, बल का तात्पर्य यह नहीं कि किसी को मारा-पीटा, गाली-गलौज किया जाये, यहां बल का तात्पर्य आत्म-शक्ति और जीवट शक्ति से है। जिस घर में हनुमान की स्थापना और स्तुति होती है, उस परिवार के सदस्य तेजस्वी ऊर्जा, चेतना, जीवट शक्ति से ओत-प्रोत रहते हैं और वर्तमान में जीवट शक्ति, आत्म विश्वास और विशिष्ट ऊर्जा से युक्त व्यक्ति ही उच्च सफलता ग्रहण करने में सफल होता है।
इस विजय दशमी पर बल-बुद्धि, विजयश्री प्रदाता हनुमान पारद विग्रह अपने पूजा स्थान में स्थापित कर, जीवन की असुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करें, जिस प्रकार हनुमान, भगवान राम के लिये विजय प्रदाता सिद्ध हुये, उसी स्वरूप में आप भी जीवन के महासंग्राम विजय हेतु पारद हनुमान विग्रह स्थापित कर बल-बुद्धि, पराक्रम, वीरता, समृद्धि, ओज, स्फूर्ति से आपूरित हो सकेंगे।
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