अक्षय तृतीया ऐसा ही महान दिवस है, जिसे सिद्ध मुहूर्त कहा गया है और सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे भारतवर्ष में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है, इस दिन पूरे भारतवर्ष में सबसे अधिक भूमि-पूजन, गृह प्रवेश, विवाह, क्रय, मंगलमय कार्य लोग सम्पन्न करते हैं, क्योंकि इस दिवस में किया गया प्रत्येक कार्य शुभ माना गया है, अक्षय माना गया, सफल माना गया और सर्व सिद्धि प्रदायक भी माना गया है।
महाभारत काल में जब पांडव बारह वर्ष तक वनवासी जीवन व्यतीत कर रहे थे तो भोजन इत्यादि की समस्या से निजात पाने के लिये द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की आराधना की, तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र प्रदान किया जिसमें इच्छानुसार भोजन प्राप्त हो जाता तथा वह पात्र कभी खाली नहीं होता था।
आद्या शक्ति माँ चामुण्डेश्वरी ने अक्षय तृतीया दिवस पर असुर शक्तियों का नाश किया था। इस कारण से यह दिवस विजय सिद्धि दिवस भी है, जिसका तात्पर्य है कि किसी भी कार्य में व्यक्ति की सफलता व विजय निश्चित है।
बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट इसी दिवस पर खुलते हैं, इसी कारण यह देव दर्शन, पूजन, साधना का महानतम दिवस है।
अक्षय तृतीया दिवस पर माँ गंगा ऋषि भागीरथ के तप से पृथ्वी पर अपनी पूर्ण अविरल प्रवाह के साथ अवतरित हुयी थीं।
इसीलिये यह दिवस पूर्णरूपेण सिद्ध, चैतन्य व पूर्ण फल प्रदायक दिवस है। इस दिवस पर किसी विशेष योग, ज्योतिष, मुहूर्त आदि की आवश्यकता नहीं होती है। यह दिवस स्वयं में सर्वश्रेष्ठ चैतन्य अक्षय मुहूर्त है।
हिमालय से निरन्तर बर्फ पिघलती रहती है और सहस्त्र नदियां बनती हैं, लेकिन उसके उपरान्त भी हिमालय उतना ही विशाल, उत्तंग और सिर उठाये खड़ा है, उसमें कोई कमी नहीं आती है क्योंकि प्रकृति पूरी प्रक्रिया के साथ नये हिम बिन्दुओं का निर्माण करती रहती है। इसी तरह जीवन में भी निरन्तर यदि निर्माण होता रहे तो अक्षय शक्तियों का प्रवाह बना रहता है अर्थात् क्षय की स्थिति नहीं आती।
जीवन को अक्षय शक्तियों से पूर्णता युक्त बनाने व शुभता की वृद्धि हेतु अक्षय शुभ-लाभ प्राप्ति शक्तिपात दीक्षा प्रदान किया जायेगा। जिससे जीवन में शुभ-लाभ की स्थितियों में वृद्धि के साथ ही उनका स्थायी रूप से जीवन में वास होगा। जीवन में सुमंगलमय चेतना की प्राप्ति निरन्तर होती रहेगी और साधक का जीवन समृद्ध व सुख प्रदायक बन सकेगा।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,