रक्षाबंधन का अर्थ है कि हम ऐसा प्रेम का वातावरण और चरित्र बनायें जो हमारे अंदर की चरित्रहीनता, न्यूनता, झूठ, छल और कपट की क्रिया समाप्त कर सके और जीवन को आनन्द, हर्ष, प्रसन्नता से युक्त कर जीवन को भौतिक और आध्यात्मिक सुखों से रक्षित कर सके। राखी का अर्थ जो रक्षा कर सके। जो तन, मन और जीवन की रक्षा में समर्थ हो। रक्षाबंधन उत्सव आनन्द और प्रेम का महोत्सव है। ऐसी ही चेतना को पूर्णरूपेण गुरू-शिष्य के बीच स्थापित करने के लिये इस आनन्दमय श्रावण पूर्णिमा महोत्सव में शिव-गौरी रक्षा शक्ति श्री दीक्षा प्रदान की जायेगी, जिसको प्राप्त कर सभी साधक अपने जीवन में शिव-गौरी युक्त आनन्दमय प्रेमभाव की गृहस्थ जीवन में वृद्धि हो सकेगी। साथ ही संतान भी सुसंस्कारों से युक्त होंगी।
जीवन को पूर्ण रसमय, उल्लासमय बनाने हेतु गुरु आपके जीवन में श्रेष्ठ रूप से जीने के लिये आपके हाथ में शक्ति के उत्साह का वह वज्र थमा देना चाहते हैं जिसके फलस्वरूप जीवन में जो शुष्कता, अवसाद, रुग्णता, पति-पत्नी में सामंजस्य का भाव व संतान की कुज्ञान व कुबुद्धि के फलस्वरूप गृहस्थ जीवन में अनेक विसंगतियां आ गयी हैं, उसका समाधान इन मलिनताओं को समाप्त करने हेतु एक मात्र उपाय शिव-गौरी रक्षा शक्ति श्री दीक्षा है।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,