आज देश भर में कई स्थानों पर लोग लाफिंग ग्रुप (हंसने वाले लोगों का समूह) बनाकर हंसी के माध्यम से अपनी जिंदगी में इंद्रधनुषी रंग भर रहे हैं। दरअसल जब कई लोग मिलकर एकसाथ काफी जोर-जोर से हंसते हैं तो इससे उनके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। हंसने की यह क्रिया श्वास पर आधारित योगासन प्राणायाम से जुड़ी हुई है। इस क्रम में लोग हंसते हुए हाथ को आसमान की ओर उठाते हैं और ताली भी बजाते हैं, जिससे शरीर का रक्त प्रवाह संतुलित बना रहता है। लेकिन आम तौर पर लोगों के साथ हंसने में समस्या यह आती है कि लोग अकेले अधिक हंस नहीं पाते। इसीलिये यदि आप भी खूब हंसना चाहते हैं तो बेहतर यह होगा कि पहले आप अपने मिलने वालो का समूह बना लें। इसके बाद आप अपने दोस्तो या रिश्तेदारों के साथ मिलकर संभव हो तो रोज सुबह शोर करते हुए किसी पार्क की ओर चले जाये और वहां एकसाथ खूब हंसे। इस तरह की हंसी चिकित्सा आपके जीवन में काफी बहार ला सकती है।
इस बात से हर कोई वाकिफ है कि तनाव के समय में हंसी का वातावरण एक सबसे अच्छा उपचार है। ऐसे कई अनुसंधान के अनुसार हंसने से दरअसल तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कार्टिसोल का स्त्रव कम होने लगता है, जबकि हंसी ऐसे प्राकृतिक किलर सेल को पैदा करने लगती है, जो ट्यूमर जैसी घातक बीमारी से लड़ने से शरीर की मदद करते हैं। इस अनुसंधान को साइकोन्यूरोइम्यूनोलॉजी का नाम दिया गया है।
इसके अलवा अन्य प्रकार के शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि हंसी से रक्तचाप में भी कमी आती है, श्वास प्रक्रिया व प्रवाह में सुधार आता है हताशा समाप्त होती है। इतना ही नहीं, केवल यही एक ऐसी यौगिक क्रिया है, जिसे बिस्तर पर पड़ा अथवा व्हील चेयर का इस्तेमाल करने वाला इंसान भी कर सकता है।
आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर व्यक्ति महत्वाकांक्षी हो गया है। लोगों में इसी वजह से सेंस ऑफ ह्यूमर की कमी होने लगी है। ऐसे मौके पर ही हंसने-हंसाने वाले लोगों का समूह काम आता है। इस क्लब में शामिल लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, अकसर मिलने की जगह कोई पार्क होती है और फिर अपने हंसने-हंसाने के खेल में शामिल हो जाते हैं। इस प्रकार से हंसने वाले लोगों के समूह में हर उम्र और हर प्रकार के व्यवसाय से जुड़े लोग अपना नाम शुमार कर सकते हैं।
इस प्रकार के व्यायाम के लिए आपका जागरूक और बहिर्मुखी होना काफी आवश्यक है। यदि आप ऐसे नहीं हैं तो खुद को इस रूप में ढालने की शुरआत कर दीजिये। आप चाहे घर में हों या दफ्रतर में जब कभी आपको ऐसा लगे की आपके आसपास के माहौल को खुशगवार बनाने के लिए हंसी-मजाक की बातें शुरू कर दें। काम के दौरान भी तनावमुक्त होकर बीच-बीच में थोड़ा हंसना जरूरी है। हो सके तो अच्छी और कॉमेडी फिल्में देखने की आदत भी बनाये। लेकिन हंसने वाले समूह में आप और भी अधिक खुलकर शामिल हो सकती हैं और अपनी हंसी-खुशी अधिक बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकते हैं।
इस प्रकार आप सभी के बीच एक-दूसरे से ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है। यह आपके लिए अधिक कारगर है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जब लोग ऐसे समूह में हंसी का खेल पूरा कर अलग हटते हैं, तब उनके भीतर पहले की अपेक्षा काफी अधिक बदलाव पैदा हो चुका होता है। कई लोगों ने अपने अनुभवों के बारे में बताया कि वे खुद को पहले की अपेक्षा काफी तनावमुक्त महसूस करते हैं क्योंकि ऐसे हंसी के सत्र से निकलने के बाद उनकी परेशानियां, शारीरिक-मानसिक तनाव और उनकी चिंताये भी काफी हद तक दूर हो चुकी होती हैं। मुस्कुराहट से उनका चेहरा दमक उठता है और आंखें चमक उठती हैं।
हंसी के माध्यम से एक रिपोर्ट ऐसी मिली है जिसमें आर्थराइटिस (गठिया) के रोगी इस प्रक्रिया को अपनाने से एकदम स्वस्थ हो जाते हैं। इस मामले में ऐसा पाया गया कि आर्थराइटिस से पीडि़त रोगियों की मांसपेशियों की सूजन में हंसने से काफी कमी आ जाती है। यहां तक कि खुलकर हंसने का लाभ सीधे तौर पर स्पांडिलाइटिस के रोगियों में भी देखने को मिलता है।
कई चिकित्सकों ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में बच्चों के जीवन में हंसी को पूरी तरह से भर देने का बीड़ा उठा रखा है। इस काम में सफलता पाने के लिए अनेक चिकित्सक अलग-अलग तरह की प्रणालियों को भी आजमाते हैं। चिकित्सक बच्चों को इस हंसी के खेल में इसलिये पूरी तरह से माहिर कर देना चाहते हैं क्योंकि बच्चे हंसी के माध्यम से अपनी आधी से अधिक बीमारियां खुद ही दूर कर लेते हैं। कुछ चिकित्सक बच्चों को हंसाने के लिए जादुई खेलों के साथ ही गेंदों की जगलिंग, ताश के पत्तों, बैलून आदि का सहारा भी लेते हैं। इस प्रकार के मशीन में जुटे हुये चिकित्सकों का महत्व अन्य किसी क्षेत्र के विशेषज्ञ से किसी भी मामले में कम करके नहीं आंका जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय है कि ऐसे लाफिंग क्लब हमेशा पूरी तरह से सफल हो जाये, इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं। यह बात पूरी तरह से इस पर निर्भर है कि उस क्लब में शामिल लोग उस क्लब की सफलता के लिये कितने गंभीर हैं। उनका कहना है कि ऐसे समुह से जुड़े रहना और उसे सफल बनाना एक कठिन कार्य है, जिसमें हर व्यक्ति को पूरी तरह से जुटाना पड़ता है। दरअसल केवल हंसना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि सब कुछ भूलकर हंसना उससे भी अधिक कारगर है। यदि सारे लोग इस लाफिंग क्लब की गंभीरता को समझ जाये तो इसकी सफलता निश्चित है। इसके अलावा भारत में ऐसे क्लबों में मशहूर होने के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि अकसर लोग सुबह के वक्त पार्कों में टहलने के लिए निकला करते हैं। यह उन्हें ऐसे क्लबों में शामिल होने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है। यह क्रिया उनकी रूटीन का हिस्सा बन जाती है और वे आमतौर पर हल्का-फुल्का मजाक करने के आदत डाले देते हैं। इसके अलावा इस क्रिया के साथ ही एक्युप्रेशर की एक खास विधि को अपनाने से लोगों की हंसी में और भी बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। इस चिकित्सा प्रणाली में विश्वास रखने वाले कुछ चिकित्सकों ने ऐसे लाफिंग क्लबों की वीडियों कैसेट्स भी तैयार करा रखे हैं, जिन्हें वे अकसर अपने अस्पताल या क्लीनिक में टीवी पर चलाते रहते हैं। ये कैसेट्स कुछ इस तरह से तैयार किये हुए होते हैं कि इन्हें देखने पर अनायास ही लोग हंसने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कई जगह तो यह शोध भी चल रहा है कि आखिर हंसने से किस-किस तरह की परेशानियों का सफल इलाज संभव है। यदि आप भी खुद को हमेशा निरोग रखना चाहते हैं तो हंसी को अपना मूलमंत्र बनाते हुये इसे अपना सबसे प्यारा साथी बना लीजिये। फिर देखिए, आपका यही साथी आपके जीवन में किस तरह से खुशियों की बहार लाता है।
सस्नेह आपकी माँ
शोभा श्रीमाली
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