सीताफल या शरीफा उपशीतोष्ण फल है। यह अन्नोसीए प्रजाति का फल है और अपने आकार के और फल के ऊपरी त्वचा के खुरदुरे उभार इसे बिल्कुल अलग ही पहचान प्रदान करते हैं। सफेद रंग का इसका गूदा मलाईदार, दानेदार और दही की तरह गीला होता है, तथा इसके काले रंग के बीज होते हैं। इस फल का व्यास 8 सेंटीमीटर होता है। इसका आकार अनियमित गोल, हृद्य के आकार का होता है। इस फल का बाहरी आवरण काफी कड़ा और पतला होता है।
सीताफल का पौराणिक किंवदतियों में उल्लेख किया गया है। कुछ धर्मग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि राजा दशरथ ने जब राम को पत्नी मोह में आकर जंगलों में रहने भेज दिया था, उस समय राम सीता के लिये ये फल लाते थे। सीता को यह फल प्रिय था, इसलिये इस फल को सीताफल कहते हैं। हालंकि पौराणिक नाम से ऐतिहासिक सत्य सिद्ध नहीं किया जा सकता है। वानस्पति शास्त्र से जुड़े लोगों का कहना है कि शीत काल में इस फल की पैदावार होने के कारण लोग इसे सीताफल कहते है, दूसरा एक मेडिकल कारण भी है कि इस फल के अधिक सेवन से भी सर्दी जुकाम हो सकता है इसलिये भी लोग इसे सीताफल कहते है।
सीताफल में कई प्रकार के पोषणकारी खनिज पदार्थ होते हैं, ये खनिज पदार्थ शरीर के लिये काफी लाभकारी होते हैं।
विटामीन सी- सीताफल में विटामिन सी की अधिकता रहती है जो कि रोगों की प्रतिरक्षा करती है।
विटामिन ए- सीताफल में मौजूद विटामिन ए स्कीन और हेयर के लिये तो अच्छा होता ही है साथ ही आँखों के लिये भी लाभदायक है।
पोटैशियम- आपको ऊर्जा प्रदान करता है।
मैगनेशियम- शरीर के PH लेवल को संतुलित रखता है।
कॉपर- दस्त को दूर करता है।
फाइबर- आसानी से भोजन को पचाने में काम आता है।
वजन बढाने के लिये- अगर आप अपने फिगर के लिये परेशान है तो सीताफल के नियमित सेवन से आपके व्यक्तित्व में निखार आयेगा। इसमें मैगनीज और शुगर होने के कारण ये आपके शरीर को प्राकृतिक रूप से विकसित करता है और इसमें कोई हानि भी नहीं है।
रोगों से प्रतिरक्षा के लिये- प्राकृतिक एन्टीऑक्सीडेंट विटामिन के लिये सीताफल एक अच्छा स्रोत है, यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है और इसके लगातार सेवन से आप शरीर में कई हानिकारक रैडिकल विषाणुओं के साथ लड़ सकते हैं। इसके नियमति सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
हृदयघात से बचने के लिये- सीताफल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पोटेशियम एवं मैग्नेशियम हृदय को स्वस्थ रखने में लाभदायक है। सीताफल में उपलब्ध फाइबर और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा रक्त चाप को कम करती है एवं कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हृदयाघात से प्रतिरक्षा करती है।
कमजोरी दूर और ऊर्जा भरपूर- शरीर में पानी की मात्रा को यानि PH स्तर को बराबर रखने के लिये सीताफल एक आवश्यक आहार है, इसके सेवन से घुटनों की तकलीफ में आराम मिलता है। इसमें उपलब्ध मैग्नीशियम शरीर की कमजोरी एवं शिथिलता को दूर करता है।
आँखों की सुरक्षा- आँखो के लिये सीताफल का सेवन बहुत ही लाभदायक है, क्योंकि इसमें उपलब्ध विटामिन ए, विटामिन सी एवं आवश्यक राइबोफ्रलेविन के कारण यह नेत्रशक्ति को संतुलित करता है और बढ़ाता है। इसके अलावा यह आँखों की कई बीमारियों से सुरक्षा भी प्रदान करता है।
मानसिक व्यग्रता- सीताफल में उपलब्ध न्यूरोन सम्बन्धी तत्व मानसिक कोशिकाओं को आराम पहुंचाते है। साथ ही तनाव, अवसाद और मानसिक परेशानी दूर करने के लिय यह रामबाण है।
दांत और मंसूड़ो के लिए- सीताफल में उपलब्ध कैल्शियम दांत और मसूड़ों के लिये बहुत अधिक लाभदायक होता है। कैल्शियम से दांत मजबूत होते है। इस पेड़ की बाहरी त्वचा से प्राप्त टैन के कारण गम्स और दाँतों को मजबूती मिलती है। इससे दाँतों को साफ रखने के लिए पाउडर भी बनाया जाता है। दाँतों में व्यथा होने पर भी लोग इसका उपयोग करते हैं। लगातार इससे मंजन करने पर मुंह की बदबू भी गायब हो जाती है।
अलर्जिक घाव- सीताफल के पत्ते या पेड़ की छाल से शरीर में विषाणु या जीवाणु के असर से होने वाले फुन्सी, फोडे को भी इससे ठीक किया जाता है।
डिसेंट्री- कब्ज या दस्त में कच्चे सीताफल के सेवन से राहत मिलती है, कच्चे सीताफल के गूदा को धूप में सूखा कर संरक्षित भी रख सकते है। जिससे दस्त से त्रस्त होने पर आप इसके सूखे पाउडर को पानी में भिगोकर इसका सेवन कर सकते हैं।
गर्भ धारण के समय- गर्भावस्था में महिलाओं का अधिकतर जी मतला जाता है, उल्टी होती है, इस अवस्था में सीताफल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ उल्टी आना बंद होती है साथ ही मानसिक बेचैनी से भी आराम मिलता है और शारीरिक शिथिलता भी कम होती है। सीताफल के सेवन से दुग्धपान कराने वाली मातओं के दुग्ध में बढ़ोतरी होती है। साथ ही सीताफल में शक्कर की मात्रा बहुत अधिक है जिससे कि आप अपने वजन को सही मात्रा में सुंफलित रख सकते है, जिससे किसी प्रकार की हानि नहीं है।
कैंसर के लिये- सीताफल पर एक अध्ययन में सामने आया है कि, इसमें ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं जिससे कैंसर को रोका जा सकता है। ये बढ़ते कैंसर के विकास की रोकथाम में सहायता करता है। इसमें एसिटोजिनिन और एल्कोनॉइड होता है, जो टयूमर की कोशिकाओं का विकास रोकता है। जिसके कारण आप इसके सेवन से अपने शरीर में बढ़ते कैंसर को रोक सकते हैं।
बच्चों के लिये- सीताफल बच्चों के दिमाग को तेज करने के लिये काफी अच्छा होता है। इससे बच्चों की दिमाग की कोशिकाओं का विकास करता है। जिसके कारण बच्चों के दिमाग का विकास काफी तेजी से होता है।
सीताफल के कुछ अन्य फायदे- मासिक धर्म के समय स्वस्थ रक्त का प्रतिसंचार।
पेड़ों के पत्ते से घाव को ढ़कने पर बैक्टियरिया का न फैलना।
रक्त अल्पता से बचने के लिये भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसे खाने से आपके शरीर में रक्त संचार भी दुरूस्त रहता है।
सीताफल के लगातार सेवन से गठिया रोग से आराम मिलता है। बुढ़ापे के इस रोग से जीवन काफी कष्टप्रद हो जाता है, इसलिये इसका सेवन अधिक उम्र के लोगों के लिए अच्छा होता है।
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