अनानास ऐसा फल है, जो खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उसके फायदे भी उतने ही होते हैं। चाहे अनानास का जूस पिये या उसे खाये, हर तरह से यह फल शरीर को फायदा पहुँचाता है। इस फल में पौष्टिक तत्वों की भरमार है। खाने में रसीले और सेहत से भरपूर अनानास अपने आप में गुणों का खजाना है। अनानास ब्रोमोलिसियाए प्रजाति का प्रमुख फल है, जो फिलीपींस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, केन्या, भारत और चीन सहित कई उष्णकटिबंधीय देशों में उगाया जाता है। अनेक संस्कृतियों ने इसे औषधीय पौधा माना है। अनानास के इन औषधीय गुणों के लिये ब्रोमेलेन (Bromelain) नामक तत्व को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जो अनानास का अर्क है। ब्रोमेलेन एक प्रकार का डाइजेस्टिव एंजाइम है जो कि प्रोटीन के डाइजेशन में मदद करता है। अनानास सेवन बीमारी के लक्षण को कम करने या बचाव में कारगर होता है।
हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत रखने के लिये खानपान में अनानास को शामिल किया जाता है। इसमें मैंगनीज होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखने के लिये एक जरूरी खनिज माना जाता है। इसके अलावा, अनानास में कैल्शियम भी मौजूद होता है और कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ के लिये जरूरी पोषक के रूप में जाना जाता है। इन दोनों जरूरी पोषक तत्वों के आधार पर हड्डियों के लिये अनानास का सेवन किया जाता है। अनानास का घटक ब्रोमेलेन अस्थमा के मरीजों के लिये किसी वरदान से कम नहीं हैं। यह अस्थमा के कारण श्वास मार्ग (Airway) में होने वाली सूजन को कम करता है। अनानास में पाया जाने वाला यौगिक ब्रोमेलेन अच्छा एंटीबैक्टीरियल तत्व भी है। यही कारण है कि इसे दन्त चिकित्सा में एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाली) और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ब्रोमेलेन दांतों की चमक और सफेदी बरकरार रखने में मदद करता है। इन्हीं गुणों के चलते इसे मुंह की स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिये अच्छा माना जाता है।
अनानास का सेवन करने से हृदय स्वस्थ बना रहता है। इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव यानी हृदय तंत्र की रक्षा करने वाले गुण मौजूद हैं। इसमें डायटरी फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित करता और मधुमेह की समस्या से राहत दिलाने में सहायक होता है। वजन कम करने में अनानास का रस सहायक होता है। एक गिलास अनानास का जूस शरीर को दिन भर के लिये हाइड्रेट रखने में मदद करता है, ऊर्जा देता है और साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। इसलिये भी इसका सेवन वजन कम करने के लिये फायदेमंद होता है। सर्दी और जुखाम में भी अनानास के सेवन के फायदे देखे जाते हैं। गले और नाक से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या कैटर (Catarrh-सर्दी-जुखाम) के लक्षणों से यह राहत देता है। निश्चित मात्रा में अनानास रस का सेवन किडनी पथरी को गलाने का कार्य करता है नियमित रूप में अनानास का किया गया सेवन गुर्दे संबंधित समस्याओं के लिये फायदेमंद होता है। अनानास में अम्लीय परवर्ती होती है जिस कारण यह पथरी को गलाने का भी कार्य करता है।
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिये लंबी चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। विज्ञान भी इसके सटीक उपचार के लिये लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन खान-पान का ध्यान रखें तो कैंसर से बचाव संभव है। अनानास भी उन खाद्य पदार्थों में शामिल है, जो कैंसर से बचाव में कारगर माने जाते हैं। इसका प्रमुख ऐंजाइम ब्रोमेलेन कैंसर कोशिकाओं के विकास में बाधा बनता है। इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण भी कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है। अनानास में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। इसलिये, इसका सेवन सूजन और उससे जुड़ी समस्याओं से निपटने में कारगर होता है। दरअसल, इसमें मौजूद एंजाइम ब्रोमेलेन में सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं, इसी गुण के कारण यह एक्यूट साइनसाइटिस, गले में खराश, गठिया और गाउट जैसी सूजन की समस्याओं से निजात पाने में सहायक होता है। अनानास और उसके मुख्य घटक ब्रोमेलेन का सेवन करने से शरीर में उन कई जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है, जो प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में सहायक होते हैं। अनानास में ब्रोमेलेन के अलावा विटामिन-सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो इम्यून पावर में सुधार करने में सहायक होता है।
अनानास के फायदे की बात की जाये, तो यह पाचन के लिये भी लाभकारी होता है। पेड़-पौधों से मिलने वाले एंजाइम जैसे ब्रोमेलेन पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हो सकता है। ब्रोमेलिन ऐसा एंजाइम है, जो प्रोटीन को तोड़ने में सहायक हो सकता है, जिससे पाचन क्रिया आसान हो सकती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि अनानास का सेवन पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायता करता है। विटामिन A की कमी से नाखुन कमजोर और सूखे हो जाते हैं। इससे भी ज्यादा विटामिन B की कमी से नाखुनों में दरारें पड़ जाती हैं और वे टुट जाते हैं। अनानास के नियमित उपयोग से इन दोनों ही विटामिंस संबंधी जरूरतें पूरी होती हैं और नाखुन स्वस्थ और खूबसूरत बने रहते हैं। अनानास घबराहट को दूर करता है। प्यास कम करता है, शरीर को पुष्ट करता है और तरावट देता है। दिल और दिमाग को ताकत देता है। अनानास का रस पीने से शरीर के अस्वस्थ अंग स्वस्थ हो जाते हैं।
रक्तचाप को सामान्य रखने में भी अनानास खाने के फायदे हो सकते हैं। इसमें मौजूद पोटैशियम की उच्च मात्रा और सोडियम की कम मात्रा रक्तचाप स्तर को सामान्य रखने में मदद करती है। अनानास में सीमित मात्रा में एंटीआँक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। अनानास की यह गतिविधि स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये मुक्त कण यानी फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। अपने एंटी एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते ही यह किडनी और उसकी कार्यप्रणाली को सुरक्षा देने में भी कारगर होता है। इसके साथ ही अनानास विटामिन-ए जैसे एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है इसलिये यह आँखों के लिये भी अच्छा होता है। त्वचा के लिये भी अनानास खाने के फायदे होते हैं। अनानास में सल्फर के कुछ यौगिक पाये जाते हैं, जिनमें एंटी-ब्राउनिंग (ANTI-BROWNING EFFECT) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के चलते अनानास त्वचा में निखार लाने में सहायक होता है।
एक कप अनानास में 82 कैलोरिज, 0 ग्राम फेट, 0 ग्राम कॉलेस्ट्रोल, 2 मिलीग्राम सोडीयम, 22 ग्राम कार्बोहाइडेªड और 1 ग्राम प्रोटीन होता है। यह कई महत्त्वपूर्ण विटामिंस का सही मिश्रण है और इसके नियमित उपयोग से प्रतिदिन की पोषक तत्वों संबंधी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये इसका इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है।