ब्राहमी का पौधा जमीन पर फैला हुआ होता है, जो रसीला होता है और इसमें अधिक पानी का स्टोर करने की क्षमता होती है। यह बैंगनी और सफेद फुलों से सुशोभित होता है, जिसकी अमूमन पाँच पंखुड़ियां होती है। ब्राहमी को मस्तिष्क के लिये अमृत कहा जाता है। यह मानसिक कार्यों को बरकरार रखने, सोचने की क्षमता को बढ़ाने, स्मरण शक्ति की लय को पुनः स्थापित करने, एकाग्रता में सुधार करने वाला एक ब्रेन बूस्टर घटक है। इसके अलावा भी, इसके कई स्वास्थ्य लाभ है, यह जड़ी-बूटी खाँसी में फायदेमंद हो सकती है, डायबिटीज में लाभदायक होती है और तो और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं में भी काफी मददगार साबित होती है। ब्राहमी की मूल उपस्थिति से बने उत्पादों का सेवन हमारे शरीर पर परिवर्तनशील परिणाम छोड़ते है, मतलब यह औषधि अन्य औषधियों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और प्रभावशाली सिद्ध होती है।
ब्राहमी मिर्गी, अनिद्रा, तनाव, सांस की समस्या, विषाक्तता, कमजोर स्मरण शक्ति, कैंसर, दर्द, सूजन, खराब प्रतिरोधक क्षमता, त्वचा, की परेशानियां, एकाग्रता और समझ की कमी, मधुमेह आदि समस्त दुःख को दूर करने में काम आती है।
ब्राहमी मस्तिष्क की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य के उपयुक्त कामकाज को बढ़ावा देने का कार्य करती है। यह मानसिक मुसीबतों जैसे अनिद्रा, चिंता और कमजोर याददाश्त को दूर करने में सहायक होती है। साथ ही यह एकाग्रता, समझ और सतर्कता को बरकरार रखती है। ब्राहमी में एंटीआँक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण मस्तिष्क की कार्य क्षमता में सुधार करते हैं। ब्राहमी में मौजूद ये गुण अल्जाइमर यानी याददाश्त कमजोर होने की बीमारी को भी दूर करने में सहायक होते हैं। ब्राहमी बूटी हृदय और रक्त वाहिकाओं के अंदर मौजूद एंडोथेलियम मेमबरेन से नाइट्रिक आँक्साइड रिलीज करके रक्तचाप के खतरे को कम करती है। साथ ही इससे रक्त को पतला करने में मदद मिल सकती है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह आसानी से होता है। यह जड़ी-बूटी रक्त संचार में सुधार करने में लाभकारी होती है। ब्राहमी का उपयोग कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभकारी माना जाता है। इसमे रहने वाले एंटी कैंसर गुण है जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते है। ब्राहमी को दर्द निवारक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीनोसिसेप्टिव प्रभाव इसमें मदद करता है। दरअसल इस प्रभाव को दर्द कम करने के लिए जाना जाता है। इस गुण के कारण ब्राहमी को न्यूरोपैथिक दर्द की स्थिति में घरेलू इलाज के लिये भी इस्तेमाल किया जाता है। यह बूटी प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करती हैं। शोध की मानें, तो ब्राहमी का सेवन करने से शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन एंटीबाँडीज का उत्पादन बढ़ता है। इस आधार पर कहा जाता है कि ब्राहमी से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है और बीमारियों से लड़ने में फायदा मिलता है। ब्राहमी में एंटीडायबिटिक प्रभाव पाए जाते हैं। यही करण है कि ब्राहमी शुगर को नियंत्रित करती है। साथ ही इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी होता है, जिस कारण डायबिटीज में ब्राहमी के सकारात्मक प्रभाव देखे गये हैं। यह बूटी को विटामिन और मिनरल का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें कुछ फाइबर की मात्रा भी मौजूद होती है। फाइबर आंतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करके पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह पाचन प्रणाली को धीमा कर भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है।
आयुर्वेद में ब्राहमी का उपयोग सदियों से नर्व टाँनिक के रूप में नर्वस सिस्टम के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। साथ ही मिर्गी की आयुर्वेदिक दवाओं जैसे मेंटट में एंटीपीलेप्टिक होता है, जिसमे ब्राहमी के गुण होते हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि ब्राहमी के सेवन से मिर्गी रोग को दूर किया जाता है और बीमारी के दौरान भी इसका उपयोग फायदेमंद होता है। ब्राहमी का अर्क या जूस एंटीआँक्सीडेंट से समृद्ध होता है, जिसके प्रभाव से अस्थमा जैसी बीमारी दूर हो सकती है। श्वास नली में जलन और सूजन होती है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ होती है, ऐसे में कहा जा सकता है कि सांस संबंधी समस्याओं में ब्राहमी के गुण उपयोगी साबित होते है।
ब्राहमी में एंटी स्ट्रेस एक्टिविटी होती है, जो तनाव को कम करने में मददगार होती है। ब्राहमी को एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है, जो तनाव को दूर करने में कारगार होता है। इस आधार पर माना जा सकता है कि तनाव को कम करने में ब्राहमी बूटी फायदेमंद हो सकती हैं। यह जड़ी बूटी मस्तिष्क में सूजन का कारण बनने वाले एंजाइम को बढ़ने से रोक सकती है।ब्राहमी में पाये जाने वाले पेंटासाइक्लिक ट्राइटरपीन जैसे केमिकल कंपाउंड का उपयोग आमतौर पर एंटी रिंकल यौगिक के रूप में किया जाता है। यह झुर्रियों को दूर कर त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। बालों के लिये यह बूटी फायदेमंद होती है। अध्ययन की मानें तो ब्राहमी में पाया जाने वाला एंटीआँक्सीडेंट प्रभाव बालों को झड़ने से रोकने में कारगर होता है। साथ ही यह बूटी खून के संचार को ठीक करती है, जिससे बालों की जडें मजबूत हो जाती हैं। इस आधार पर मान सकते हैं कि ब्राहमी तेल के फायदे बालों को भी होते है।
ब्राहमी से होने वाले फायदों का लाभ लेने के लिये इसका सेवन चाय, औषधि और काढ़ा के रूप में कभी भी कर सकते है।
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