अत: इस महालक्ष्मी पर्व को केवल अनेक दीपक प्रज्जवलित करने मात्र से ही पूर्ण नहीं मानता है। ऐसे उच्च ग्रहों की दिव्यता से युक्त सिंह लग्न में महालक्ष्मी साधना सम्पन्न करने से साधक के जीवन में लम्बे समय से अनेक बाधित कार्य समाप्त हो सकेंगे इसी के प्रभाव से अकाल- मृत्यु, ऋण, मानसिक अवसाद, रोग, शारीरिक पीड़ा समाप्त हो सकेगी। साथ ही आगे का जीवन हर स्वरूप में रोजगार
कार्य वृद्धि धन लक्ष्मी युक्त सभी शुभ लाभों से क्रियाशील हो सकेगा। अर्थात् पूर्णरूपेण अलक्ष्मी का नाश हो सकेगा।
महालक्ष्मी दीपावली महापर्व पर सदगुरूदेव कैलाश श्रीमाली जी के सानिध्य में कालरात्रि अमावस्या बुहस्पतिवार स्वाति नक्षत्र व आयुष्मान योग महापर्व पर कामदेव सौन्दर्य वुद्धिमय सभी सुलक्षिमयों को आत्मसात् करने हेतु साधना करने से ही जीवन में अनेक संशाधनों की वृद्धि प्राप्त हो सकेगी।
लक्ष्मियों को अनेक स्वरूपों में प्राप्त करने का महापर्व दीपावली है। इसीलिये सभी सुश्रेष्ठमय स्थितियों का विस्तार हो इसी हेतु पूर्ण आत्मिय भाव से विधि विधान स्वरूप महालक्ष्मी पर्व पर भगवान विष्णु, गणेश रिद्धि सिद्धि व सुग्रहों युक्त सूर्य जो सृष्टि में जीवनदाता व सभी ग्रहों के राजा हैं अत: इस शुभ सांध्य बेला में 05:32 PM से 07:12 PM लाभ का चौघड़िया युक्त सिंह लग्न में पृजन से ही श्रेष्ठता आयेगी। अत: यथाशीघ्र चेतन्य सामग्री पूजन विधि युक्त सुन्दर पैकेट में प्राप्त कर ले जिससे सदगुरूदेवजी के सानिध्य में LIVE रूप में साधना सम्पन्न कर अनेक स्वरूपों में लक्ष्मियों को आत्मसात् कर सकेंगे।
सामग्री- कामाक्षी यंत्र, धनधान्यकी पारद कच्छप, तांत्रोक्त दारिद्रय ध्वंसिनी पारद माला व सौभाग्य गणपति लक्ष्मी कवच।
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