सादर चरण स्पर्श,
यह घटना उस समय की है जब मैं इन्दौर में एक मोबाइल कंपनी में काम करता था। मेरी साधना तथा यज्ञ करने में गहरी रूचि थी। आपके समक्ष इच्छा व्यक्त करने पर त्रिशक्ति साधना करने का आदेश हुआ, यह साधना 40 दिन तक करने तथा प्रति दिन यज्ञ करने के लिये थी। जो कि सामूहिक रूप से की जाने वाली थी। हम कई गुरु भाईयों ने मिल कर साधना तथा यज्ञ का प्रारम्भ किया, यह साधना रात्रि 12 से 4 बजे तक करने का आदेश था। 15-20 दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा लेकिन उसके बाद साधना यज्ञ के पश्चात् जब साधना स्थल पर ही विश्राम करते थे तो कमरे में किसी शक्ति के होने का अनुभव होता था। जब कि मैं कमरे में अकेला होता था। 31 वे दिन मुझे किसी ने स्पर्श किया जिससे मैं डर गया और उस कमरे से बाहर निकल गया। गुरुधाम से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि साधना काल में ऐसा होना साधना में सफलता के संकेत होते है। इस साधना करने के साथ-साथ मुझ में एक दिव्य शक्ति का अहसास अनुभव होता था। 40 वें दिन साधना समाप्त होने के पश्चात् मुझे सद्गुरुदेव ने स्वप्न में आशीर्वाद प्रदान किया तथा त्रिशक्ति का भी दर्शन लाभ प्राप्त हुआ। यह मेरा सौभाग्य ही था कि मुझे ऐसी साधना एक पूर्ण गुरु से प्राप्त हुई। आज के समय मे भी ऐसे चमत्कार संभव है। आवश्यकता है तो सिर्फ आस्था और समर्पण की। आप मुझ पर आगे भी ऐसी ही कृपा बनाये रखें।
आपका
वरूण वर्मा (इन्दौर)
पूज्य गुरुदेव सादर प्रणाम,
जब से मैं प्रथम बार आपसे मिला तभी से आपके दिव्य व्यक्तित्व की झलक मेरी आंखों में समा गई है। आप की छवि मुझे चारों ओर दृष्टि गोचर होती है, इससे पहले भी मैं अनेक धार्मिक गुरुओं से मिला लेकिन आप जैसा कोई नहीं। आप भगवान श्रीकृष्ण की तरह हर जगह दिखाई देते हो तथा भगवान शिव के नीलकण्ठ स्वरूप में आभासित होते हो। आपसे मिलने के एक माह पश्चात् मेरा भाग्य ही बदल गया और आपके द्वारा दी गई आरोग्य साधना कर मेरा पुराना रोग भी समाप्त हो गया और मैं एक दिव्य ऊर्जा से भरा हुआ रहता हूं। धन्य है सद्गुरुदेव कैलाश श्रीमाली जी जिन्होंने मेरा कायाकल्प ही कर दिया।
आपका
अरविन्द शाण्डिल्य (उ-प्र)
पूज्य गुरुदेव कोटि-कोटि प्रणाम,
पूज्य गुरुदेव मैं नये साल से निखिल स्तवन के 11 श्लोकों का पाठ प्रति दिन अर्थ सहित कर रहा हूं। अब मुझे पाठ करते समय एक भाव विभोर कर देने वाली गन्ध का अहसास हो रहा है। और यह गन्ध साधना स्थल पर अन्य घर के सदस्य भी महसूस करते है। यह कैसी गन्ध है कृपया मुझे बताने की कृपा करें।
आपका
राजेश निखिल (हरिद्वार)
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