इसी दिव्य अवसर पर आपके लिए ये साठ सिद्ध सफल प्रयोग प्रस्तुत हैं, जो अचूक हैं, जिनसे आपके इच्छानुसार कार्य सम्पन्न होते ही हैं।
विश्वासु मकोम मुद्रिका
1-इस मुद्रिका को एक माह तक धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व अत्यन्त सम्मोहक बन जाता है। उसके सम्पर्क में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति सम्मोहित हो जाता है।
2- यह मुद्रिका सौन्दर्य प्रदायक भी है। इसे धारण करने से व्यक्ति के सौन्दर्य में निखार आ जाता है।
इस मुद्रिका को महाशिवरात्रि वाले दिन 5 बार ‘ऊँ नमः शिवाय’ का जप कर धारण करें।
3- यदि किसी को अपना विश्वास दिलाना है, तो इस मुद्रिका पर 23 दिन तक निम्न मंत्र का 11 बार जप करें।
।। ऊँ शं शिवात्मने नमः।।
(Om Sham Shivaatmane Namaha)
फिर नदी में विसर्जित कर दें, तो आप उसे अपना विश्वास दिलाने में समर्थ होंगे।
पामार्गी गुटिका
1- इस गुटिका को धारण करने वाले व्यक्ति में वाक् शक्ति स्वतः प्रभावी हो जाती है। इस गुटिका को शिवरात्रि के दिन मात्र 5 बार गुरु मंत्र का जप करके 24 घंटे तक धारण कर होलिका की अग्नि में डाल दें।
2- यदि शत्रु विरोध कर रहे हों, तो यह गुटिका शत्रु का नाम लेकर नदी में प्रवाहित करने पर वे शांत हो जाते हैं।
3- इस गुटिका को अपने पास रख कर व्यक्ति जिस किसी कार्य के लिए जायेगा, उसमें वह अवश्य ही सफल होगा। इस गुटिका को काम पर जाते समय रास्ते में ही किसी चौराहे पर गिरा दें।
जड़हुल
1- जड़हुल के सामने शिवरात्रि के दिन अपने शत्रु का नाम लेकर किसी निर्जन स्थान पर डालने से शत्रुभय समाप्त हो जाता है।
2- यदि किसी के ऊपर ‘ऊपरी बाधा’ का प्रकोप है, तो उसके सिर के चारों ओर जड़हुल को तीन बार घुमा कर किसी पीपल के वृक्ष के नीचे दबाने से, ऊपरी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
3- जड़हुल के सामने जिसका वशीकरण करना हो उसका नाम लेकर आक के पौधे के नीचे दबाने से वह व्यक्ति वशवर्ती हो जाता है।
कालनी
1- कालनी पर 21 बार ‘ऊँ नमः रुद्रात्मने’ का 11 दिन तक जप करने से मानसिक आनन्द की अनुभूति होती है। ग्यारह दिन बाद इसको नदी में प्रवाहित कर दें।
2- आध्यात्मिक क्षेत्र में अग्रसर होने के लिए कालनी पर 51 बार निम्न मंत्र का जप करके किसी शिव मन्दिर में रख दें।
मंत्र
।। ऊँ साम्ब सदाशिवाय नमः।।
(Om Saamb Sadaashivaaya Namah)
3- यदि किसी साधना में सफलता नहीं मिल रही है, तो उस साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए कालनी को हाथ में लेकर ‘सद्गुरु चैतन्य मंत्र’ ‘‘ऊँ ह्रीं नीं ऊँ ह्रीं ऊँ खीं ऊँ ह्रीं लं नमः’’ का 11 बार जप करें। फिर इसे उस साधना को सम्पन्न करते समय साथ में रखें और साधना सामग्री के साथ ही नदी में प्रवाहित कर दें।
जोरूपा
1- जोरूपा को किसी मन्दिर में तुलसी के पौधे के सामने रख कर 7 बार निम्न मंत्र का जप करके मन्दिर में चढ़ाने पर घर में शांति रहती है।
मंत्र
।। ऊँ शं सौख्याय ते नमः।।
(Om Sham Saukhyaaya Te Namah)
2- यदि घर में कलह का वातावरण निर्मित हो रहा हो, तो जोरूपा को तोड़कर नदी में प्रवाहित करने पर घर में शांति स्थापित होती है।
3- यदि कार्यालय में आपको तनाव की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, तो इस गुटिका पर निम्न मंत्र का 21 बार जप करें।
मंत्र
।। ऊँ शं सर्व शिवाय नमः।।
(Om Sham Sarva Shivaaya Namaha)
सोमवार के दिन ऑफिस में अपने साथ रखें और उसी दिन किसी चौराहे पर डाल दें।
केरविणी
1- यह विद्यार्थियों के लिए अति श्रेयस्कर है। इस पर ध्यान को एकाग्र करते हुए पांच मिनट तक ऊँ का गुंजरण करें। 11 दिन ऐसा करने के बाद इसे किसी निर्जन स्थान पर डाल दें। ऐसा करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
2- शवासन करते समय यदि मस्तिष्क निर्विचार नहीं हो रहा हो, तो केरविणी को हाथ में लेकर इस मंत्र ‘‘ऊँ निं निरञ्जनाय शिवाय नमः’’ का 21 बार जप करने से यह मस्तिष्क को निर्विचार करने में सहायक सिद्ध होती है। इसका प्रयोग पांच बार करने के बाद नदी में विसर्जित कर दें।
3- अनिद्रा के रोगी यदि इसे सिराहने रखकर लेटें और 28 दिन तक पांच बार ‘ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ऊँ’ मंत्र का जप करें, फिर घर से दूर पश्चिम दिशा में फेंक दें। लौटते समय मुड़ कर न देखें, तो यह रोग समाप्त हो जाता है।
सिफ़ला
1- तीन सिफला को लेकर ‘ऊँ त्रिगुणात्मने नमः’ मंत्र का 5 बार जप कर दक्षिण दिशा में फेंक दें और पीछे मुड़ कर नहीं देखें, तो इससे शत्रु बाधा से राहत मिलती है।
2- दो सिफला को लेकर लाल कपड़े में बांध कर चौराहे पर रात्रि के समय रखने से घर में लक्ष्मी आती है।
3- यज्ञादि करते समय पांच सिफला से आहुतियां डालने पर धन, धान्य, सम्मान आदि की प्राप्ति होती है।
कुंष्ला
1- यदि बार-बार गर्भपात की स्थिति बन रहीं है, तो गर्भिणी को 25 दिन तक कुंष्ला धारण करायें, 26 वें दिन इसे नदी में प्रवाहित कर दें, गर्भ ठहरता है।
2- प्रसव में तकलीफ हो, तो कुंष्ला को प्रसवासन्न स्त्री के चारों ओर तीन बार घुमा कर तिराहे पर फेंक दें, प्रसव आसान होगा।
3- यदि स्त्री गर्भधारण में सक्षम है, परन्तु फिर भी गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो ‘ऊँ शं सं प्रियाय शिवाय नमः’ मंत्र का 21 बार कुंष्ला के सामने जप करके इसे किसी निर्जन स्थान पर मिट्टी में दबा दें, तो वह गर्भ धारण कर सकेगी।
मनमोहिनी मुद्रिका
1- यदि कोई कार्य सम्पन्न नहीं हो रहा है, तो मनमोहिनी मुद्रिका के सामने उस कार्य का ध्यान कर 11 बार निम्न मंत्र का जप कर, इसे साथ में रखकर ले जायें और रास्ते में पड़ने वाले किसी नदी, तालाब, नहर या मन्दिर में डाल दें।
मंत्र
।। ऊँ शं सर्वं सिद्धये नमः।।
(Om Sham Sarvam Siddhaye Namah)
2- कोई आपके मन को भा गया है, लेकिन वह आपकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, तो उसका नाम एक लाल कपड़े पर लिखकर यह मुद्रिका उसमें बांधें और उसे किसी निर्जन स्थान पर फेंक दें।
3- स्वयं में आकर्षण उत्पन्न करने के लिए इस मुद्रिका के सामने 11 बार ‘ऊँ शं स्व संमोहनाय शिवाय नमः’ मंत्र का जप करें। होलिका दहन के समय यह मुद्रिका अग्नि में डाल दें।
गौफड़ी
1- यदि किसी लड़की का विवाह नहीं हो रहा है, तो गौफड़ी पर 21 बार निम्न मंत्र का जप करते हुए 21 लाल पुष्प समर्पित करें, फिर इसे जल में प्रवाहित कर दें या शिव मंदिर में चढ़ा दें।
मंत्र
।। ऊँ गं प्रियायै विवाहे नमः।।
(Om Gam Priyayae Vivahe Namah)
2- इच्छित वर प्राप्ति के लिए गौफड़ी पर 5 बार इस मंत्र का जप करते हुए पीले कनेर के पुष्प चढ़ाने पर इच्छित वर की प्राप्ति होती है-
मंत्र
।। ऊँ शं ईप्सितं वरं देहि देहि।।
(Om Sham Eepsitam Varam Dehi Dehi)
3- वर को अपने मनोनुकूल करने के लिए उत्तर दिशा की ओर मुख कर किसी शिव मंदिर में बैठकर 101 बार जप करें। मंत्र जप के समय गौफड़ी को दायें हाथ की मुट्ठी में दबा लें-
मंत्र
।। ऊँ वर परमीक्षितं कुरू कुरू स्वाहा।।
(Om Var Parameekshitam Kuru Kuru Swaahaa)
रत्न भूसर
1- यदि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, लेकिन फिर भी आपको कमजोरी का एहसास हो रहा है, तो रत्न भूसर पर इस मंत्र का 11 बार जप करके इसे किसी नदी में प्रवाहित कर दें।
मंत्र
।। ऊँ कामाये पौरुषप्रदाय शिवासय ते नमः।।
(Om Kamaye Paurushpradaaya Shivaasaya Te Namah)
2- यदि आप रत्न भूसर के समक्ष 51 बार 7 दिन तक निम्न मंत्र का जप करें, तो आप फिर से नवयौवन की स्फूर्ति प्राप्त करने लगेंगे। अगले दिन इसे आप नदी में प्रवाहित कर दें-
मंत्र
।। ऊँ अनंगाये कामात्मने नमः।।
(Om Anagaye Kaamaatmane Namah)
3- यदि आपमें उमंग, जोश और उत्साह की कमी है, तो रत्न भूसर पर 21 बार ‘ऊँ शिव शक्ति रूपाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए 21 लौंग चढ़ायें, फिर रत्न भूसर व लौंग को नदी में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से आप अपने अन्दर उत्साह का अनुभव करने लगेंगे।
पारद मुद्रिका
1- पारद मुद्रिका को तीन माह तक धारण करने से आपका शरीर आकर्षक बनता है। तीन माह के पश्चात् किसी को दान में दे दें।
2- पारद मुद्रिका के सामने ‘ऊँ नमः पारदेश्वराय विभवाय नमः’ मंत्र का 11 बार जप कर, दायें हाथ की किसी भी उंगली में 17 दिन तक पहनने से रोग मुक्ति होती है। 18 वें दिन शनि का दान लेने वाले को दे दें।
3- पारद मुद्रिका पहनने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व सम्मोहक हो जाता है, तथा उसके प्रभाव में आने वाले व्यक्ति उससे प्रभावित होते ही हैं। इसे आप 45 दिन तक धारण कर, किसी भिखारी को 46 वें दिन दान दें दें।
एकमुखी रुद्राक्ष (मधुरूपेण)
1- इस रुद्राक्ष को शिवरात्रि के दिन भगवान सदाशिव का पूजन कर धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में धन- धान्य की कमी नहीं रहती है। सवा माह तक धारण करने के पश्चात् शिव मंदिर में चढ़ा दें।
2- व्यापार में उन्नति के लिए एकमुखी रुद्राक्ष के सामने 21 बार ‘ऊँ ऐं ऐं सर्व व्यापार वृद्धये फट्’ मंत्र का जप करें। इसके बाद किसी नदी में प्रवाहित कर देने से व्यापार में प्रगति होती है।
3- एकमुखी रुद्राक्ष पर महामृत्युजंय का 11 बार उच्चारण कर उस पर जल चढ़ायें।
मंत्र
।। ऊँ रं रुद्रात्मने नमः।।
(Om Rum Rudraatmane Namah)
वह जल पूरे घर में छिड़कें तथा उस रुद्राक्ष को किसी शिवलिंग पर चढ़ाने से घर में आरोग्यता बनी रहती है।
लघु नारियल
1- लघु नारियल को घर में स्थापित कर इसका पूजन कर 21 दिनों तक निम्न मंत्र का नित्य पांच मिनट तक जप करें। घर में समृद्धि प्राप्त होती है। प्रयोग समाप्ति पर 22वें दिन लघु नारियल को नदी में प्रवाहित कर दें।
मंत्र
।। ऊँ शं समृद्धिये शिवाय नमः।।
(Om Sham Samradhiye Shivaaya Namah)
2- लघु नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी में निम्न मंत्र का 31 बार जप कर रखें। होलिका दहन वाले दिन इसे होलिकाग्नि में डाल दें तो घर में लक्ष्मी का स्थायित्व सम्भव होता है।
मंत्र
।। ऊँ शं सर्व प्रियाय देवाय नमः।।
(Om Sham Sarva Priyaaya Devaaya Namah)
3- लघु नारियल के सामने ‘ऊँ अन्नपूर्णायै शिवायै नमः’ मंत्र को 5 बार पढ़कर अन्न भंडार में 11 दिनों तक रखें और 12वें दिन इसे किसी खेत में डाल दें, तो घर में अन्नपूर्णा का वास होता है।
रूषेलेदा
1- यदि किसी स्त्री के पति का ध्यान किसी अन्य स्त्री के प्रति आकर्षित लग रहा है, तो रूषेलेदा के समक्ष निम्न मंत्र का 7 बार जप कर, इसे तोड़कर किसी निर्जन स्थान पर डाले। ऐसा करने से पति का ध्यान पर स्त्री से हटने लगता है।
मंत्र
।। ऊँ शं स्वात्मप्रियाय शिवाय नमः।।
(Om Sham Swaatmapriyaaya Shivaaya Namah)
2- पति को अपने अनुकूल करने के लिए रूषेलेदा को एक कागज पर पति का नाम लिख कर रखें, फिर निम्न मंत्र का 21 बार जप करें और उसे नदी में प्रवाहित करने पर पति अनुकूल होने लगता है।
मंत्र
।। ऊँ गं गिरिजात्मने नमः।।
(Om Gam Girijaatmane Namah)
3- यदि घर में आप का सम्मान नहीं हो रहा है, तो आप रूषेलेदा किसी देवी मन्दिर में चढ़ा दें। चढ़ाने से पूर्व 18 बार ‘ऊँ शं सर्व सम्मानाम फट्’ मंत्र का जप करें, तो सम्मान प्राप्ति संभव हो जाती है।
अमृत मुद्रिका
1- इस मुद्रिका का पूजन कर, उस के सामने नित्य 51 बार निम्न मंत्र का जप करने पर व्यक्ति में विवेक और बुद्धि का संचार होता है। एक माह बाद मुद्रिका को नदी में प्रवाहित कर दें।
मंत्र
।। ऊँ भं भवात्मने नमः।।
(Om Bham Bhavatmane Namah)
2- यदि किसी को अत्यधिक क्रोध आता है, तो वह इस मुद्रिका को यह भावना देते हुए, कि मैं अपना क्रोध इसके साथ ही छोड़ रहा हूं, होलिका की अग्नि में समर्पित कर दें, तो उसका क्रोध उसके नियंत्रण में आ जाता है।
3- किसी व्यक्ति का जीवन यदि संयमित नहीं हो रहा है, तो वह या अन्य दूसरा कोई व्यक्ति, इस मुद्रिका को लाल रंग के कपड़े पर अष्टगंध से जिस व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जा रहा है, उसका नाम लिखकर, होलिका दहन जहां हो रहा है, उसकी अग्नि में डाल दे तथा पीछे मुड़कर न देखे तो उसके जीवन में परिवर्तन आने लगता है।
उष्णाये
1- यदि व्यक्ति उष्णाये पर 100 बार ‘ऊँ क्लीं क्लीं फट्’ मंत्र का जप कर इसको जला दे तो उष्णाये के माध्यम से वह स्वयं के बारे में होने वाली घटनाओं का संकेत प्राप्त करने लग जाता है।
2- इस पर 21 बार निम्न मंत्र का जप कर काली मिर्च के पांच दानों के साथ नदी में प्रवाहित करने पर छिपे शत्रु भी परास्त होते है।
मंत्र
।।ऊँ मं महेश्वराय नमः।।
(Om Mum Maheshwaraaya Namah)
3- यदि इस गुटिका पर 7 बार ‘ऊँ क्रीं सर्वकारणाय नमः’ मंत्र का जप कर इसे दक्षिण दिशा में फेंके तो इसके माध्यम से दूरस्थ व्यक्ति से भी कार्य करवाया जा सकता है ।
तुकर्णी
1- तुकर्णी को सिराहने रखकर सोने पर स्वप्न में अगले दिन क्या घटित होने वाला है, इस बात के संकेत मिलते हैं। किन्तु इसका प्रयोग सिर्फ दो बार ही कर सकते हैं। प्रयोग के बाद इसे नदी में विसर्जित करें।
2- तुकर्णी पर 21 बार मंत्र जप कर स्वप्न में लॉटरी का नम्बर या आकस्मिक धन प्राप्ति के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। अगले दिन इसे नदी में प्रवाहित कर दें।
मंत्र
।। ऊँ सं स्वप्नराजाय ते नमः।।
(Om Sum Swapanraajaaya Te Namah)
3- यदि तुकर्णी पर 7 बार ‘ऊँ सर्व निकृत्ति निवारणाय फट्’ मंत्र का जप कर नदी में प्रवाहित कर दें, तो बुरे स्वप्न आने खत्म हो जाते हैं।
अकाकुआ
1- यदि आपका कार्य नहीं हो रहा है, तो अकाकुआ के सामने 16 बार निम्न मंत्र का जप कर इसे अपने साथ ले जायें और जिससे अपना कार्य करवाना चाहते हैं, उसके सामने जायें, तो वह बिना किसी विरोध के आपका कार्य करेगा। एक बार प्रयोग कर अग्नि में जला दें।
मंत्र
।। ऊँ सं सर्व साधनात्मने शिवाय नमः।।
(Om Sum Sarva Saadhanaatmane Shivaaya Namah)
2- इसके सामने जिस व्यक्ति को वशीकृत करना है, उसका ध्यान कर, यदि 19 बार निम्न मंत्र पढ़कर श्मशान में फेंक दिया जाये, तो उस व्यक्ति का वशीकरण हो जाता है।
मंत्र
।। ऊँ सर्व अकाकुआ सम्मोहनाय फट्।।
(Om Sarva Akakua Sammohanaaya Phat)
3- इस पर यदि आप 21 बार मंत्र पढ़कर कुंकुम चढ़ा दें और घर से कहीं दूर स्थान पर जमीन में दबा दें, तो आप पर यदि किसी प्रकार का टोटका हो तो समाप्त होगा।
मंत्र
।। ऊँ ठं ठं ठं कं ठं ठं ठं ऊँ।।
(Om Tham Tham Tham Kam Tham Tham Tham Om)
गमोहा
1- तीन गमोहा को पहनने से हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
2- पांच गमोहा को हृदय तक लम्बे धागे में धारण करने से व्यक्ति में तेजस्विता और बल आता है, 11 दिनों के बाद इसको नदी में प्रवाहित कर दें।
3- शिवलिंग पर ‘ऊँ नमः शिवाय’ का जप करते हुए 5 गमोहा चढ़ाने से भगवान सदाशिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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