सामान्यतः सभी साधक नवरात्र के पूर्णता दिवस पर अपने घर में हवन सम्पन्न करते हैं, सामान्य क्रियाओं से कोटि गुणा अधिक फलदायी श्री सूक्त व नव चण्डी मंत्रों से चैतन्य कमल बीज से हवन कर सहस्र लक्ष्मी की चेतना आत्मसात कर सकेंगे। साथ ही लक्ष्मी से पूर्ण होने की साधनात्मक क्रिया करने से आप अपने जीवन में 27 तरह के सुख भोग सकेंगे। इस हवन के माध्यम से जीवन के जो भी दुख, संताप, व्याधि, पीड़ा, दोष, पाप हैं, वह हवन अग्नि में भस्मीभूत हो सकेगी। जिससे परिवार में सुख-समृद्धि, आयु वृद्धि, निरन्तर धन आगमन की स्थिति बनेगी। क्योंकि कमल बीज लक्ष्मी को अत्यन्त प्रिय है। मंत्र – ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं कमल वासिन्यै आगच्छ ह्रीं ह्रीं ह्रीं नमः स्वाहा।
सामान्य पूजन कर पूर्ण मंत्रोद्धार द्वारा चैतन्य कमल बीज को घृत के साथ मिश्रित कर निम्न मंत्र का 108 बार उच्चारण कर एक कमल बीज हवन कुण्ड में आहुत करें, प्रत्येक मंत्र के साथ 1 कमल बीज आहूति करना चाहिये। साथ ही यह भावना करें कि मैं अपने जीवन के सभी दुख, पाप, संताप को हवन के माध्यम से भस्मीभूत कर रहा हूं, मातृ जगदम्बा मेरे अभीष्ट को पूर्ण करें। 108 कमल बीजो पर लक्ष्मी के 108 स्वरूपों की स्थापना की गयी है। जिसके माध्यम से साधक व्यापार, नौकरी इत्यादि में श्रेष्ठ उन्नति प्राप्त कर भू-भवन, वाहन, संतान, सौन्दर्य, सम्मोहन, शक्ति से सम्पन्न बनता है और परिवार-समाज के मध्य मान-सम्मान, प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है। लक्ष्मी प्राप्ति हेतु कमल बीजों से हवन करना सर्वोपरि है।
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