आपको मेरा कोटि-कोटि प्रणाम् ‘गुरू पूर्णिमा उत्सव 2016’ रायपुर शिविर के अंतिम दिन सायं काल का सत्र वह दृश्य आज भी मेरे मानस पटल पर बारम्बार उपस्थित होता है, क्या वही दृश्य फिर से मुझे मेरे नेत्रों से देखने का अवसर प्राप्त हो सकता है। ऐसी ही परम पूज्य सद्गुरुदेवजी के चरणों में प्रार्थना करता हूं।
सद्गुरूदेवजी की सारगर्भित वाणी अभी भी मुझे सुनाई दे रही है और अगले जन्मों-जन्मों तक यही वाणी मुझे सुनायी दे ऐसी परम पूज्य सद्गुरुदेव जी के चरणों में याचना करता हूं।
‘‘आश्चर्यचकित ना हो, मैं हूं तुम्हारा गुरू तुम्हारा कैलाश’’
जैसे ही यह वाणी सुनी उसी क्षण ऐसा लगा कि सारा ब्राह्माण्ड चलते-चलते थम सा गया हो, एकदम स्थिर चित्त से और शान्त मन से परम पूज्य सद्गुरुदेव जी की तरफ ध्यान मग्न होकर देख रहा था। मैं शिविर में बैठा हूं कि और कहीं, मैं समझ नहीं पा रहा था। मेरे लिये सचमुच आश्चर्य चकित कर देने वाली ब्राह्माण्ड की यह घटना है, धन्य है सद्गुरुदेव जी और सम्पूर्ण गुरु परिवार ।
आपकी चरणों में बारम्बार प्रणाम्।
आपका पुत्र
जगन्नाथ कृष्णराव युईके
आपका शिष्य
रामवृक्ष आजमगढ़ (उ-प्र)
नवरात्रि (आश्विन) 2016 के पंद्रह दिन पहले कैलाश सिद्धाश्रम से गुरू भाई का रात 09:30-10:00 बजे के समय फोन आया और उन्होंने यह सूचना दी कि नवरात्रि साधना पैकेट परम पूज्य सद्गुरुदेव जी के आशीर्वाद से तैयार है। मैनें तुरंत नवरात्रि वाला पैकेट भेजने को कहा और नवरात्रि में साधना प्रारम्भ किया-
1- नवरात्रि के प्रथम दिन 01-10-2016 को माँ कात्यायनी की साधना प्रारम्भ किया और उसी दिन रात को स्वप्न में मुझे दो लम्बे-लम्बे सर्पों ने दर्शन दिया। उनकी लम्बाई लगभग 5 फुट की थी और दिखने में वे दोनों एक सरीखे थे। ये दोनों मेरे सामने 5 से 7 मिनट तक घूमते रहें। बाद में कहां चले गये पता नहीं।
2- दिनांक 04-10-2016 की रात स्वप्न में मै एक खेत के रास्ते से जा रहा था। शायद उस समय खेत में वर्षा का पानी पहले से ही आया होगा। उस खेत में एक आदमी सोया था या मरा हुआ पड़ा था इसका अंदाजा मैं नहीं लगा सका और दो लोग-एक आगे और एक पीछे जैसे मुर्दे को कंधे पर उठाकर उसे ले जा रहे थे। मेरी उन लोगों की दूरी 30-40 फीट की थी।
ये दोनो मेरे लिये क्या संकेत है अथवा अनुभूति है – शुभ है या अशुभ है। मैं समझ नहीं पा रहा हुं। गुरूदेव आपके पत्र का इंतजार कर रहा हुं। कृपया मार्गदर्शन करें।
आपका पुत्र
जगन्नाथ कृष्णराव युईके
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