आधुनिक युग के छात्रों के साथ एक बड़ी समस्या है उनकी स्मरण शक्ति! स्मरण शक्ति विद्यार्थी जीवन का आधार है, विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति जितनी अधिक स्वस्थ, सुदृढ़ होगी उतनी ही बड़ी सफलता वह प्राप्त कर पाता है अर्थात् याददाश्त का सशक्त होना आवश्यक है, तभी उच्च सफलता, श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
इसलिए अच्छे स्कूल, कॅालेज, शिक्षक, संसाधन, वातावरण के साथ ही जो सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है वह है विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति, इनकी स्मरण शक्ति और चातुर्य ज्ञान अर्थात् समझने की क्षमता ऐसा होना चाहिए कि किसी भी विषय को वह सरलता से समझ ही ना ले बल्कि उस विषय को सम्पूर्णता से व्यक्त करने में भी महारथ बन जाये।
परन्तु वर्तमान में इतना लम्बा Syllabus, Subject का Matter होता है कि छात्र असंमजस्य में ही बने रहते हैं। हर विषय की गहराई में जाकर उसका नोट्स बनाना, फिर दुनिया भर का होमवर्क और टेस्टों की श्रृंखला। यदि देखा जाए तो बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों पर अच्छा खासा दबाव होता है और यही दबाव वह कारण बन जाता है, जिससे दिमाग सही ढंग से किसी भी विषय का पूर्ण व सही ज्ञान अर्जित नहीं कर पाता।
स्मरण शक्ति के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है तनाव और दबाव। इसके साथ ही नकारात्मक विचार, अपर्याप्त नींद, अनर्गल खान-पान आदि कारणों से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की निरंतरता में शिथिलता आती है, जिसका स्मरण शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सशक्त, प्रगाढ़ मस्तिष्क, एकाग्रता और तेज स्मरण शक्ति के लिए कुछ सुझावों का पालन कर शत-प्रतिशत आप सफल, श्रेष्ठ, मेधावी विद्यार्थी बन सकते हैं।
पढ़ने का सही तरीका अपनायें : आमतौर पर परीक्षा के दिनों में विद्यार्थी वर्ग रट्टा मारता है अर्थात् प्रश्नों के उत्तरों को कंठस्थ करता है। लेकिन जीवन में ऐसा बहुत कुछ होता है, जो बिना कंठस्थ किए हमें याद रहता है, जो हमें कहीं पढ़ाया भी नहीं जाता, जैसे कोई गीत, मूवी के डायलाग, कहीं की कोई घटना, जगह का नाम आदि बहुत कुछ हमारे मस्तिष्क में स्टोर होता है। कारण कि हम उस विषय में रूचि लेते हैं अथवा एक सामान्य रूप में उस घटना को घटने देते हैं। इसलिए हमें वे सारी बातें याद रहती हैं। ठीक उसी तरह विद्यार्थी को पढ़ाई में स्वयं रूचि लेना चाहिए और पढ़ाई के प्रति गंभीर बने।
इसके साथ ही जो भी पढ़े उसे पूरी एकाग्रता के साथ पढ़े, प्रत्येक बीस-तीस मिनट पर छोटा-छोटा ब्रेक लेते रहें। जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता रहेगा और जब भी आप ब्रेक के बाद बैठेंगे आपकी एकाग्रता पूरी तरह से सक्रिय होगी। जब भी पढ़ाई की शुरुआत करें तो कठिन विषय से करें, जब दिमाग प्रफ़ेश होता है, तो आप जो भी पढ़ते हैं, वो याद रहता है।
किसी भी विषय को रटने से उसे भूलने का खतरा ज्यादा रहता है। हम जब किसी विषय पर याद करने की नीयत से फोकस करते हैं, तो मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है, इससे हमारी यादाश्त पर भी असर होता है। इसलिए बार-बार पढ़ने या रटने से ज्यादा बेहतर है। एक बार शांति पूर्वक पूरे ध्यान से पढे़ और उस विषय को समझें, याद किया हुआ आप भूल सकते हैं, लेकिन यदि आपने किसी विषय को समझा है, तो वह हमेशा के लिए याद हो जाता है। इसके बाद जो पढ़ा है उसे ही लिखें आपको आश्चर्य होगा देखकर कि आपका लिखा हुआ और पढ़ा हुआ एक समान है। यह सबसे कारगर तरीका है किसी भी विषय को याद करने के लिए।
मस्तिष्क शांत रखें- एक शांत मस्तिष्क 4 गुना ज्यादा बेहतर काम कर सकता है, एक अशांत मस्तिष्क के मुकाबले और यदि हमारा मस्तिष्क शांत हो तो हमारी गलतियां भी कम होगी और हम बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाई कर सकते हैं।
समय प्रबंधन- किसी भी क्षेत्र में सफलता का पहला नियम टाइम मैनेजमेंट होता है। अच्छी सफलता प्राप्त करने के लिए समय पर विशेष ध्यान दें, प्रत्येक विषय को समय अनुसार बांट लें, जिस विषय पर आपकी पकड़ कमजोर है, उसे अधिक से अधिक समय दें। ध्यान रखें प्रत्येक विषय को थोड़ा-थोड़ा समय देना आवश्यक है। जो याद हो, उसे भी बीच-बीच में दोहराते हैं।
अध्ययन अनुकूल वातावरण में करें- पढ़ाई के लिए समय व स्थान भी बहुत मायने रखते हैं। अध्ययन के लिए सबसे बेहतर समय प्रातः काल होता है, इस समय वातावरण शांत व शीतल होता है और पूरी नींद लेने के बाद आप भी पूरी तरह तरो-ताजा होते हैं, जिससे इस समय का अध्ययन पूरा प्योर बन जाता है और पढ़ा विषय लम्बे समय तक याद रहता है। समय अनुसार रात में भी अध्ययन किया जा सकता है। स्थान शांत, हवादार होना चाहिए, अध्ययन कक्ष में किसी तरह का डिस्टर्बेन्स न हो।
सुपाच्य व प्रोटीन युक्त भोजन ग्रहण करे : आपकी डाइट ऐसी होनी चाहिए, जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो, हरी सब्जियां, ताजा फल, डेयरी उत्पाद और फ्रेश जूस का सेवन करें। साथ ही सबसे आवश्यक है जंक फूड से पूर्णतया दूरी बनाये रखें।
थोड़े कम सोशल रहें : पढ़ाई समय में सबसे आवश्यक है, सही दिशा की ओर बढ़ना। आज के समय में इन्टरनेट आदि का सही उपयोग भी होता है और बहुत बुरा दुरुपयोग भी। बहुत जरूरी हो तो ही इन्टरनेट का इस्तेमाल करें, कोशिश रहे कि इन्टरनेट से एक स्टैर्ण्डड दूरी बनी रहे, सोशल साइट फेसबुक, वाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि के प्रति लगाव आपके पूरे कैरियर को चौपट कर सकता है।
योगासन व ध्यान का अभ्यास करें : जिस तरह शरीर को ऊर्जा युक्त बनाएं रखने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। इसी तरह हमारे मस्तिष्क व स्मरण शक्ति के लिए ध्यान की अनिवार्यता है। यदि नियमित रूप से 20 मिनट भी ध्यान किया जाये, तो अभूतपूर्व लाभ प्राप्त होता है और मस्तिष्क पूरी सक्रियता से कार्य करता रहता है। इसके साथ ही योगासन का अभ्यास करें, एकाग्रता व मजबूत स्मरण शक्ति के लिए 2 से 5 मिनट प्राणायाम, 5 से 15 मिनट तक पद्मासन या सुखासन में शांत भाव से बैठें, सूर्य नमस्कार से भी बुद्धि में प्रगाढ़ता आती है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ : पिस्ता, अखरोट, सेब, आंवला मुरब्बा, बादाम, देशी घी, पालक ये सभी खाद्य पदार्थ स्मरण शक्ति को सशक्त बनाने में सहायक हैं। दूध व शहद मिलाकर पीने से भी स्मरण शक्ति में तेजस्विता आती है।
खेल-कूदः 40 से 60 मिनट तक शरीर को फुर्तीला बनाने वाला कोई खेल फुटबाल, बैडमिंटन, हाकी आदि खेलें।
निश्चिन्त रूप से उक्त सभी क्रियायें करने से स्मरण शक्ति में श्रेष्ठतम वृद्धि होगी।
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