खीरा को मिनरल, विटामिन और इलेक्ट्रोलाइटस का पावर हाउस कहा जाता है। यह सैंडविच, सलाद, रायता के रूप में सबसे अधिक पंसद किया जाता है। खीरे में 95 फीसदी पानी पाया जाता है, इसमें विटामिन सी, विटामिन के, कॅापर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज और सबसे महत्वपूर्ण सिलिका जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। यह त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
हमारे शरीर में हानिकारक कणों के संचय से कई प्रकार की बीमारियां तनाव, कैंसर, हृदय रोग, फेफड़े के रोग और ऑटो इम्यून आदि का खतरा बढ़ जाता है। खीरे में एंटीऑक्सीडेंट समृद्ध रूप से पाया जाता है, जो इन स्थितियों के जोखिम को कम करता है। खीरे में फलेवोनोइड और टैनिन भी होता है, जो हानिकारक कणों के संचय को रोकता है और पुरानी बीमारी के जोखिम को कम कर देता है।
एक कप (104 ग्राम) खीरे में सिर्फ 16 कैलोरी होती हैं, जबकि 300 ग्राम ककड़ी में 45 कैलोरी होती है। इसका तात्पर्य यह है कि अतिरिक्त कैलोरी लिये बिना ही बहुत सारे खीरे खायें जा सकते हैं, चूंकि अधिक कैलोरी ही वजन बढ़ाने का कारण होती है, इसलिये खीरा वजन कम करने में मदद होता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि खीरा से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और मधुमेह की जटिलताओं को रोकने में मदद मिलती है। मधुमेह के रोगियों को ककड़ी के छिलके को जरूर खाना चाहिये क्योंकि ककड़ी के छिलके में ज्यादातर मधुमेह से जुड़े रोगों को ठीक करने के गुण पायें जाते हैं और इससे रक्त शर्करा में कमी भी आती है।
खीरा खाने के बाद पानी पीने से बचें पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण के लिए कच्ची सब्जियां और फल खाने के बाद पानी पीने से बचने की सलाह दी जाती है। चूंकि खीरे में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिये खीरा खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिये।
खीरा खाने के तुरंत बाद पानी पीने से जीआई गतिशीलता में वृद्धि होती है। जिससे पाचन और अवशोषण के प्राकृतिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचता है। खीरे के साथ या उसके बाद पानी पीने से बॅाडी का पीएच लेबल भी डिस्टर्ब होने की संभावना रहती है। हमारे शरीर को भोजन पचाने के लिए पीएच लेबल की आवश्यकता होती है। बहुत अधिक पानी पीने से पीएच स्तर कमजोर होता है। इसके अलावा खीरे के बाद पानी पीने से खाद्य पदार्थों को पचाने के लिये आवश्यक एसिड प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाता, जिससे पाचन से जुड़ी समस्यायें उत्पन्न हो सकती है।
तासीरः खीरे की तासीर शीतल होती है।
आयुर्वेदिक गुण : खीरा पित्त और खून की गर्मी को शांत करता है। इससे पेट की जलन दूर होती है। यह गर्मी, दिमागी बीमारी और नींद न आना आदि व्याधियां समाप्त करता है। खीरे का औषधीय उपयोग-
शरीर में जलन : खीरे का रस निकाल कर प्रतिदिन पीने से शरीर की जलन दूर होती है।
खून की कमी में : खीरा, ककड़ी प्याज, चुकन्दर, नींबू का रस, मूली, गाजर का सलाद खाने से अरुचि खत्म होती है और शरीर में खून की कमी दूर होती है।
पथरीः पथरी होने पर खीरे का रस निकालकर पीने से पथरी गलकर निकल जाती है। खीरे का रस 250 मिली की मात्रा में दिन में 3 बार पीने से पेशाब की जलन व रुकावट दूर होती है। यह मधुमेह में भी लाभकारी है, इससे गुर्दे का पथरी भी ठीक हो जाती है।
पेट के दर्द में : बालम खीरे का रस 2-4 बूंद की मात्र में गर्म पानी में डालकर पीने से दर्द ठीक होता है।
कब्ज में : खीरे का सेवन प्रतिदिन करने से पेट में गैस नहीं बनता है और कब्ज दूर होता है। खीरा, ककड़ी, गाजर, टमाटर, पालक को कच्चा खाने से भी कब्ज दूर होता है।
घुटनों के दर्द में : घुटनों में दर्द होने पर भोजन के साथ खीरे का सलाद बनाकर खाना चाहिए। इससे घुटनों का दर्द ठीक होता है। यदि सलाद में एक लहसुन का टुकड़ा भी ले तो ज्यादा लाभकारी होता है।
गठिया रोग में : गठिया के दर्द में खीरा अधिक मात्रा में खाना चाहिये। इससे गठिया का दर्द ठीक होता है।
निम्न रक्तचाप में : निम्न रक्तचाप के रोग से पीडि़त रोगी को 200 ग्राम खीरे पर नींबू का रस व सेंधा नमक डालकर सुबह-शाम खाना चाहिए। इससे रक्तचाप सामान्य होता है और शरीर को शक्ति मिलती है।
सिर चकराना : गर्मी के कारण सिर चकराने पर खीरा खाना लाभकारी होता है। इससे गर्मी दूर होकर सिर चकराना ठीक होता है।
फ़ोड़ा होने परः खीरे को पीसकर और उसमें नमक मिलाकर फोड़े पर लगाने से फोड़े की सूजन दूर होती है और अन्दर से पीब निकल कर फोड़ा सूख जाता है।
होठों का फ़टनाः होंठ कटने-फटने पर खीरे का पानी लगाना लाभकारी होता है। इससे होंठ का कटना-फटना ठीक होता है। यह हाथ-पैर के फटने पर भी प्रयोग किया जा सकता है।
आंखों के चारों ओर कालापन होने परः खीरे के रस में रुई को भिगोकर पलकों और आंखों के आस-पास कुछ देर तक रखें और फिर साफ कर लें। इसका प्रयोग करने से 2 से 3 सप्ताह में ही आंखों के नीचे व आस-पास के काला घेरा दूर हो जाता है।
चेहरे की सुन्दरता के लिएः 2 चम्मच खीरे का रस, आधा चम्मच नींबू का रस और चुटकी भर हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें। यह पेस्ट प्रतिदिन आधे घंटे तक चेहरे पर लगाएं और फिर चेहरे को पानी से धोयें। इससे चेहरे का रंग गोरा होता है और दाग-धब्बे भी समाप्त होते हैं।
चेहरे पर झाईयां होने परः खीरे के 4 फाकों को पीसकर उनका रस निकाल लें और फिर उसमें आधा चम्मच नींबू का रस व आधा चम्मच गुलाब जल मिलाकर 15 मिनट तक चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे की झाईयां दूर होती है और तैलीय त्वचा में चमक आती है।
सिर चकरानाः भोजन के साथ खीरा, टमाटर, मूली, चुकन्दर आदि का सलाद बनाकर नींबू का रस मिलाकर खाने से सिर चकराना ठीक होता है।
चेहरे का सांवलापन दूर करने में : 100 ग्राम खीरे के टुकड़े करके 500 मिली पानी में उबाल लें और जब उबलते हुये पानी आधा बच जाये तो पानी को उतार हल्का ठंडा होने पर चेहरे को धोयें। इससे चेहरे का सांवलापन दूर होता है।
त्वचा का मुलायम होनाः एक कप खीरे का रस, एक कप गर्म पानी, चौथाई चम्मच बोरिक एसिड पॉउडर, चौथाई कप ग्लीसरीन, एक छोटा चम्मच बेंजाइन टिचर। इन सभी को मिलाकर लेप बनाए और त्चचा पर लगाएं। इसे लगाने से त्वचा मुलायम व साफ होती है।
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