आमतौर पर लोग ग्रीन टी के बारे में जानते हैं, लेकिन इसके सेवन से होने वाले फ़ायदे से अनजान हैं। दरअसल, ग्रीन टी अपने स्वास्थ्य वर्धक गुणों के कारण जानी जाती है, लेकिन इसकी उचित मात्रा नही ले पाने की वजह से उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। विशेषज्ञ के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन अधिकतम चार कप ग्रीन टी का सेवन करना चाहिये। ग्रीन टी के नियमित सेवन से न सिर्फ विभिन्न बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है, बल्कि कई बीमारियों के प्रति शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी भी होती है।
आइए जानते हैं कि ग्रीन टी के क्या फ़ायदे हो सकते हैं और इसमें कौन-कौन से गुणकारी तत्व होते हैं, जो बीमारी से बचाव करते हैं।
स्किन और उम्र संबंधी विकारों पर रोक ग्रीन टी में पाये जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट तत्व हमारी त्वचा को फ़्री रेडीकल्स के हानिकारक दुष्प्रभावों से संरक्षित रखते हैं। दरअसल, स्किन पर आयी झुर्रियां और ढलती उम्र में त्वचा पर होने वाले प्रभाव इन्हीं फ़्री रेडिकल्स की वजह से उत्पन्न होते हैं। ग्रीन टी बढ़ती उम्र से लड़ने मे भी सहायक होती है।
कोल्ड और फलू : ग्रीन टी कोल्ड और फलू के प्रभाव से हमारे शरीर की रक्षा करती है। इसमें मौजूद विटामिन सी सामान्य कोल्ड और फलू से लड़ने में मददगार होती है। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
वेट लॉसः ग्रीन टी हमारे वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है। दरअसल, यह धीरे-धीरे शरीर में जमा अतिरिक्त फैट को बर्न करने लगती है और यह मैटाबोलिक रेट को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाती है।
इम्यूनिटीः ग्रीन टी में मौजूद पोलीफ़ेनोल्स और फ्लेवनाइड्स शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह शरीर को बाहरी संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान कर शरीर की अंदरूनी- शक्ति मजबूत करती है। हड्डियां मजबूत करती है
ग्रीन टी में उच्च मात्रा में फ्रलोराइड नामक तत्व पाया जाता है। फ्रलोराइड हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यदि आप प्रतिदिन ग्रीन टी पीते हैं, तो यह आपके शरीर में हड्डियों की डेंसिटी (स्थिरता) को भी बरकरार रखता है।
ओबेसिटीः ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से यह शरीर के फ़ैट सेल्स में ग्लूकोज की मात्रा पर नियंत्रण रखता है। इसलिये यदि आप हेल्दी डाइट ले रहे हैं, तो प्रतिदिन एक्सरसाइज करने के साथ-साथ ग्रीन टी का सेवन जरूर करें।
एलर्जीः ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी एलर्जी रोधक होती है। इसलिये यदि आपको एलर्जी है, तो ग्रीन टी का लगातार सेवन करें।
आर्थेराइटिसः ग्रीन टी रियुमाटयड आर्थराइटिस के जोखिम को कम भी करती है और साथ ही इसके दुष्प्रभावों से भी बचाव करती है। दरअसल, ग्रीन टी शरीर के एंजाइम्स को ब्लॉक कर के कार्टिलेज को संरक्षित करती है, क्योंकि ये एंजाइम कार्टिलेज को कमजोर बनाते हैं और नष्ट करते हैं।
कोलेस्ट्रॉलः ग्रीन टी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। यह बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल के अनुपात को भी नियंत्रित कर देती है।
कैंसरः ग्रीन टी कैंसर के जोखिम से बचाव करता है, इसके अंदर पाये जाने वाले एंटीऑक्सीड़ेट इस जोखिम को कम करने के लिये विटामिन सी के मुकाबले 25 गुना और विटामिन बी के मुकाबले 100 गुना ज्यादा प्रभावकारी होते हैं। इस तरह यह हमारे शरीर के सेल्स को डैमेज होने से सुरक्षित रखती है, जिससे कैंसर से बचाव होता है।
हृदय रोगः ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय रोगों और स्ट्रोक्स से होने वाले जोखिम को भी कम करने में सहायक है। यहां तक कि हार्ट अटैक के बाद मृत पड़ी हार्ट सेल्स को रिकवर कर दूसरी हार्ट सेल्स के संरक्षण में भी मदद करती है।
डायबिटीज और ब्लड शुगरः ग्रीन टी लिपिड प्रोफ़ाइल को बेहतर बनाती है। ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म रक्त में शुगर लेवल को बढ़ने से रोकती है और शरीर के मेटाबोलिक रेट को भी नियंत्रित करती है।
अलजाइमरः ग्रीन टी मैमोरी बढ़ाने के साथ-साथ मैमोरी शार्प करने में भी मदद करती है। यह अलजाइमर से बचाव नहीं करती, लेकिन यह ब्रेन में मौजूद एसेटिलकोलिन नामक तत्व की सक्रियता को कम करने में मदद करती है। यह तत्व ही अलजाइमर होने में मुख्य कारण बनता हैं।
मुँह की दुर्गंध भी रखती है दूरः अगर आप ‘बैड ब्रेथ’ से परेशान हैं, तो ग्रीन टी इसका एक बेहतर इलाज़ है। इसके इस्तेमाल से आपके मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप आप दाँतों और मुँह में होने वाली बीमारियों से खुद को बचा पाते हैं। गौर फ़रमायें तो इस मामले में ग्रीन टी सबसे सस्ता विकल्प भी हैं।
आपको ये भी जानकारी रहे कि, इसमें मेगनीज, पोटैशियम, भरपूर मात्रा में पायें जाते हैं, जो कई बीमारियों के बचाव में लाभकारी हैं। ग्रीन टी के सेवन से आप कितने रोगों को दूर भगा सकते हैं, ये तो आप ने पढ़ा है। यह आपको सेहतमंद बनाने के लिये सबसे सस्ता और बेहतर तरीका हैं।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,