खजूर को इंग्लिश में डेट्स तो अरबी में तवारीख और फ्रेंच में पामियर के नाम से जाना जाता है। खजूर को ताड़ यानी पाल्म ट्री की प्रजाति का माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम फीनिक्स डेक्टाइलीफेरा (PHOENIX DACTYLIFERA) है।
माना जाता है कि खजूर की खेती सबसे पहले इराक में शुरू हुई थी, जिसके बाद यह अरब और अन्य देशों में उगाया जाने लगा।
अजवा खजूर लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। अरब के मदीना से आने वाला यह खजूर स्वाद के साथ ही काफी सेहतमंद और मुलायम होता है। इस खजूर को खाने के बाद मुंह से गुलाब की खुशबू आने लगती है।
डेगलेट नूर (DEGLET NOOR)-इसकी खासियत यह है कि यह थोड़ा सूखा और कम मीठा होता है। ये कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है।
मेडजूल (MEDJOOL)-इस खजूर की उत्पत्ति मोरक्को में हुई, जिसे काफी स्वादिष्ट माना जाता है। मेडजूल का स्वाद टॉफी की तरह होता है। मेडजूल को सबसे पौष्टिक भी माना जाता है। यह काले खजूर की सबसे आम प्रजाति है।
हल्लवी(HALLAWI)-यह खजूर ताजा खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है। खजूर की यह प्रजाति इराक से ताल्लुक रखती है। इस खजूर को अन्य खजूरों के मुकाबले बेहद मीठा माना जाता है।
बरही (BARHEE)-बरही खजूर सुनहरे पीले रंग का होता है। यह खजूर अपने अलग स्वाद और अधिक गूदे के लिये जाना जाता है। इस खजूर में ज्यादा गूदा होने की वजह से यह अन्य खजूरों के मुकाबले मोटा होता है।
हयानी (HAYANY)-ये खजूर काफी मुलायम होने के साथ ही काफी गहरे रंग का होता है। हयानी खजूर को ताजा ही खाना चाहिये, क्योंकि यह पकने या ड्राई होने की अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते खराब हो जाता है।
खदरावई (KHADRAWI)-खदरावई किस्म का खजूर खासकर इराक में ही पाया जाता है। इसे सूखे खजूर यानी छूआरे और ताजेफल दोनों तरह से खाया जा सकता है।
डेयरी (DAYRI)-यह खजूर काले रंग का होता है। साथ ही यह अन्य खजूरों के मुकाबले काफी लंबा होता है।
इतिमा (ITIMA)-यह खजूर भी स्वाद में काफी मीठा होता है। इतिमा अल्जीरिया की प्रजाति है।
फल और मेवे दोनों तरह से खाये जाने वाला खजूर कई मायनों में फायदेमंद है। यह कैल्शियम, पोटैशियम, प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, विटामिन-बी6, ए और के से भरपूर होता है। इसके अलावा खजूर में कार्बोहायड्रेट, आयरन, लाभदायक फैट्स, डायटरी फाइबर और फैटी एसिड्स होते हैं। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं।
हृदय स्वास्थ्यः- हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इसलिये इसके स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। हृदय को बेहतर रखने के लिये आप दिनभर में मुट्ठीभर खजूर का सेवन कर सकते हैं। खजूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण आर्टरी सेल्स से कोलेस्टॉल को हटाने में मदद करते हैं। धमनियों (आर्टरी) के सख्त होने व इसमें प्लाक भरने की अवस्था यानी एथेरोस्क्लेरोसिस को इससे रोका जा सकता है।
हड्डी स्वास्थ्यः- खजूर मैग्नीशियम, सेलेनियम, कॉपर और मैंगनीज का अच्छा स्रोत है। ये सभी पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत करने के साथ ही इनसे जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी मदद करते हैं। खजूर में बोरॉन भी होता है, ये एक ऐसा खनिज है, जो हड्यिो के लिये काफी फायदेमंद है।
रक्तचापः- खजूर रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम और मिनरल्स भरपूर होते हैं। करीब 24 ग्राम मेडजूल खजूर में लगभग 167 मिलीग्राम पोटैशियम होता है, जो अन्य फलों की तुलना में काफी अधिक है। शरीर में पोटैशियम की सही मात्रा बनी रहने से गुर्दे की पथरी से भी बचा जा सकता है।
ऊर्जा बढ़ाने वालाः- स्वाद और प्राकृतिक गुणों से भरपूर खजूर आपको ऊर्जा भी देता है। खजूर के रोजाना सेवन से इसके सहायक पोषक तत्व आपको दिनभर थकान महसूस नहीं होने देते। खजूर खाने से दिनभर शरीर में ऊर्जा का संचार इसमें मौजूद पोषक तत्व फ्रूकटोज और ग्लूकोज की वजह से होता है।
सूजन कम करने में सहायकः- खजूर के फायदे अनेक हैं। इसमें दर्द और सूजन से लड़ने वाले तत्व भी शामिल होते हैं। खजूर में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिये काफी महत्वपूर्ण है।
यौन स्वास्थ्यः- खजूर को यौन स्वास्थ्य के लिये भी काफी अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिये क्योंकि खजूर में पाये जाने वाले प्रोटीन में 23 तरह के एमिनो एसिड पाये जाते हैं, जो यौन स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होते हैं।
स्वस्थ गर्भावस्थाः- लोगों के जहन में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान खजूर का सेवन किया जा सकता है। खजूर मां और बच्चे के लिये सुरक्षित और फायदेमंद है। खजूर में मौजूद फ्रुक्टोज शर्करा शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में बदलाव किये बिना ऊर्जा देता है। हालांकि, गर्भावस्था एक नाजुक समय होता है, इसलिये खजूर का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।
मजबूत प्रतिरक्षा प्रणालीः- पौष्टिक आहार ही आपके शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी सिस्टम) को मजबूत बनाये रखने का जरिया होते हैं। इसलिये, खाने में प्रोटीन, आयरन और अन्य विटामिन की मात्रा जरूरी है। प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती देने के साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रबल बनाता है।
कब्जः- खजूर का गूदा कब्ज के इलाज में काफी सहायक होता है। इसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण को भी संतुलित रखने के गुण होते हैं। फाइबर की कमी से कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज के दौरान हमारे शरीर में मिनरल्स के स्तर में आये असंतुलन को ठीक करने में खजूर कारगर है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।
डायरियाः- दस्त के दौरान सही भोजन का चुनाव जरूरी होता है। डायरिया में हम जो खाते हैं, उससे कई बार दस्त रुकने के बजाय और बढ़ जाते हैं। दस्त से निजात पाने में पोटैशियम काफी अच्छा होता जो खजूर में पर्याप्त मात्रा में होता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्यः- दिमाग को स्ट्रेस और सूजन से बचाने में खजूर काफी कारगर है। इसका नियमित सेवन आपको न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचा सकता है। न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग दिमाग संबंधी उन बीमारियों को कहा जाता है, जिसमें मस्तिष्क का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है।
कोलन कैंसरः- कोलन यानी पेट का कैंसर प्राणघातक हो सकता है। खजूर में पाये जाने वाले तत्व कोलन कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
वजन बढ़ाने में सहायकः- अगर आप काफी पतले हैं, तो खजूर का रोजाना सेवन कर अपना वजन बढ़ा सकते हैं।
नाइट ब्लाइंडनेसः- रात को अंधेपन (रतौंधी) का प्रमुख कारण विटामिन-ए की कमी है। खजूर से विटामिन-ए भरपूर मात्रा में मिलता है। खजूर को नाइट ब्लाइंडनेस को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
मांसपेशियों का विकासः- खजूर को हाई कार्बोहायड्रेट फल माना गया है, जिस कारण यह मांसपेशियों के विकास में मदद कर सकता है। खजूर में काफी मात्रा में कार्बोहायड्रेट पाया जाता है जो मांसपेशियों के विकास में काफी सहायक है।
पेट की चर्बी कम करने में सहायकः- अगर आप मोटापे से परेशान हैं, तो खजूर को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। डेट्स फाइबर से भरपूर होता है और फाइबर को आहार में शामिल करने से भूख कम लगती है।
एनीमियाः- शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया होता है। इस घातक समस्या से बचने के लिये आप नियमित रूप से खजूर का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है।
आंतों के विकार का इलाजः- खजूर में मौजूद फाइबर हमारी आंतों और पाचन तंत्र पर काफी सकारात्मक प्रभाव डालता है, फाइबर और पॉलीफेनॉल्स आंतों में फैलने वाले बैक्टीरिया को बनने से रोकते हैं और आंतों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं ।
त्वचा स्वास्थ्यः- खजूर में विटामिन-सी और डी भी काफी मात्रा में पाया जाता है। इसलिये, यह त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। खजूर एंटी-एजिंग तत्वों से भी भरपूर होता है।
बालों की सेहतः- खजूर आयरन से भरपूर होने के कारण, खजूर स्कैल्प में रक्त संचालन को बढ़ावा दे सकता है, जिससे बालों के विकास में मदद मिलती है। खजूर में मौजूद विटामिन-ई भी बालों की ग्रोथ के लिये काफी सहायक हो सकता है।
खजूर के पौष्टिक तत्व
खजूर विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है। इसलिये, ये हमारे शरीर के लिये काफी जरूरी माना जाता है।
आप अपने नाश्ते में भी खजूर के कटे हुये कुछ टुकड़ों को मिला सकते हैं। इससे आपका ब्रेकफास्ट और पौष्टिक हो जायेगा। आप फ्रोजन वनिला दही के साथ खजूर को काटकर परोस सकते हैं। आप सूखे हुये खजूर (छुहार) को भिगोकर भी खा सकते हैं। खजूर का जूस बनाकर भी लिया जा सकता है। इसमें मौजूद जीवाणुरोधी गुण आपको स्वस्थ रखने में मदद करेंगे। खजूर को छोटे टुकड़ें में काटकर थोड़ा पानी मिलाकर अच्छे से फेंट लें। आपका जूस तैयार है।
खजूर का इस्तेमाल मिल्क शेक में भी कर सकते हैं। आप एक गिलास ताजे ठंडे दूध में मुट्ठी भर कटे हुए खजूर मिलाकर अच्छे से फेंट लें। लीजिये तैयार है आपका मिल्क शेक। इसे सुबह और रात के समय पीना काफी फायदेमंद माना जाता है। खजूर खाने के फायदे कई सारे होते हैं, इसलिये औषधीय गुणों से भरपूर खजूर आप कभी भी खा सकते हैं। एक दिन में चार से पांच खजूर खाये जा सकते हैं। इससे ज्यादा खाने पर डायरिया (दस्त) की समस्या हो सकती है।
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