आम भाषा में ग्वारपाठा कहलाने वाले इस पौधे में इतने गुण हैं कि हर घर में एक पौधा जरूर होना चाहिए।
एलोवेरा के कई नाम हैं जैसे- हिन्दी में घृतकुमारी, घीकवार, तेलगु में कलाबंदा, तमिल में कतरलाई, मलयालम में कुमारी, कन्नड में लोलिसारा, मराठी में कोरफाड़ा और बंगाली में घुतकुमारी, लेकिन मुख्य रूप से इसे ऐलोवेरा के नाम से ही जाना जाता है। अनेक नाम के साथ-साथ ऐलोवेरा के फायदे भी कई है।
ऐलोवेरा को अक्सर सौंदर्य बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसमें औषधीय गुणों का खजाना भी है। यह विटामिन बी12 का अच्छा स्त्रेत है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, डायबिटीज रोगियों के लिए और एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीवायरल के साथ ही दर्द निवारक गुणों के कारण यह पौधा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
बड़े काम का जेलः- एलोवेरा का जेल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। कई बीमारियों में इसके जूस का सेवन किया जाता है, लेकिन अधिकतर रोगों में इसका ताजा जेल रामबाण का काम करता है।
आर्थराइटिस में उपयोगीः- आर्थराइटिस के रोगियों के लिए भी ऐलोवेरा जेल का सेवन करना काफी उपयोगी होता है। इसमें इम्यूनो जैसे गुण होते हैं, जिससे ये शरीर में एंटीबॉडीज घटक और श्वेत रक्तकणों की निर्माण प्रक्रिया में मदद करते हैं। साथ ही सूजनरोधी असर भी दिखाता हैं। इसलिए ऐलोवेरा जेल आर्थराइटिस या दूसरे किसी सूजन के लिए काफी फायदेमंद होता है।
यूटीआई में असरदारः– यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (यूटीआई) में ऐलोवेरा जेल काफी असरदार साबित होता है। किसी को ऐसी समस्या होने पर ताजे जेल को थोड़े से पानी और शक्कर के साथ घोलकर रस जैसा बना लें। इसे पीने से इन्फेक्शन की समस्या दूर होने के साथ ही यूरिन के दौरान होने वाली जलन से भी मुक्ति मिलती है।
चंद घरेलू नुस्खेः-मोच आने पर ऐलोवेरा के ताजे जेल में थोड़ी-सी हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर हल्का गर्म करें और मोच के स्थान पर बांध लें।
यदि कहीं पर जल गया है तो तुरंत उस स्थान पर ऐलोवेरा का ताजा जेल लगा लेने से फफोले नहीं पड़ते।
माइग्रेन के दर्द में जेल को माथे पर लगाने से आराम मिलता है। पेट दर्द होने पर जेल में हल्का-सा सेंधा नमक छिड़ककर सेवन करने से दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
पाचन क्रिया के लिए ऐलोवेराः- आज कल ज्यादा मिर्च-मसाले वाला और बाहरी खाना खाने से पाचन तंत्र खराब हो जाता है। ऐसे में अगर ऐलोवेरा का जूस पिया जाए, तो काफी हद तक पेट संबंधी परेशानियों से आराम मिल सकता है। इस जूस में लैक्सटिव (पेट साफ करने की प्राकृतिक दवा) होता है, जो पाचन क्रिया में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को साफ करता है और कब्ज व आईबीएस (आंत संबंधी बीमारी) को ठीक करता है। यहां तक कि यह पेट के अल्सर में भी आराम पहुँचाता है।
वजन कम करने के लिए ऐलोवेराः-आजकल हर दूसरे या तीसरे व्यक्ति को मोटापे की समस्या होती है। बाहर का खाना और सही ढंग से शारीरिक क्रिया न करने से कई लोग वजन बढ़ने की समस्या से परेशान है। ऐसे में अगर ऐलोवेरा जूस का सेवन किया जाए, तो कुछ हद तक इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता हैं। ऐलोवेरा में एंटी-इन्फ्रलेमेटरी गुण होते है, जो वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। शोध के मुताबिक ऐलोवेरा का सेवन आहार प्रेरित मोटापे को भी कम करता है। यह ऊर्जा खपत को बढ़ाता है और शरीर में फैट को जमने से कुछ हद तक कम करता है।
डायबिटीज के लिए ऐलोवेराः- इन दिनों डायबिटीज की समस्या भी आम हो गई है। एक समय था जब डायबिटीज तय आयु के बाद या आनुवांशिक हुआ करती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज डायबिटीज किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इस चीज पर ध्यान दिया जाए और अगर डायबिटीज है, तो उसे संतुलित कैसे रखा जाए। डायबिटीज में योग व व्यायाम तो जरूरी ही है, साथ ही नियंत्रित खान पान भी जरूरी है। अगर डायबिटीज के मरीज अपने आहार में ऐलोवेरा शामिल करेंगे, तो डायबिटीज में काफी हद तक राहत मिलेगी। ऐलोवेरा के सेवन से डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के स्तर में गिरावट नजर आई है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिएः- आजकल हर दूसरा व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। ऐसे में जरूरी है कि योग व व्यायाम के साथ-साथ खानपान पर भी ध्यान दिया जाए। एक अध्ययन के मुताबिक जिन व्यक्तियों के आहार में ऐलोवेरा शामिल था उन लोगों की स्मरण शक्ति बेहतर हुई और तनाव कम हुआ। यह असर ऐलोवेरा में मौजूद सैकराइडस की वजह से हुआ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैः– बदलते मौसम के साथ-साथ कई बार लोग जल्दी बीमार हो जाते हैं। ऐसे में एलोवेरा का सेवन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। यह कोशिकाओं को नाइट्रिक ऑक्साइड और साइटोकिन्स का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते है।
ऐलोवेरा जूस, रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने का काम बहुत अच्छे से करता है। आप सोने से पहले ऐलोवेरा जूस पी सकते है। सोते समय ऐलोवेरा आपके शरीर में अपना काम करना शुरू कर देता है। जब आप लगातार इसका सेवन करने लगेंगे तो आपको अपने अंदर फर्क महसूस होने लगेगा। कुछ अध्ययन के अनुसार ऐलोवेरा का सेवन सेलुलर और “यूमोरल (शरीर में एक प्रकार का द्रव्य) इम्यून को उत्तेजित कर सकता है। वही नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार, ऐलोवेरा जेल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के रूप में कार्य कर सकता है। यही काम ऐलोवेरा जूस भी कर सकते है।
स्वस्थ दिल के लिए ऐलोवेराः– गलत खानपान व दिनचर्या के वजह से दिल की बीमारी आम हो गई है। इसलिये जरूरी है कि आप समय रहते इस पर ध्यान दें। ऐसे में ऐलोवेरा के सेवन से दिल की बीमारी से काफी हद तक बचाव हो सकता है। भारतीय अध्ययन से पता चला है कि ऐलोवेरा दिल की समस्याओं, खासकर डॉक्सोरूबिसिन दवा (कैंसर उपचार के लिए उपयोग की जाती है) के दुष्प्रभाव से होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है। वहीं उच्च रक्तचाप वाले रोगियों ने 12 सप्ताह के लिए ऐलोवेरा को इलाज के लिए उपयोग किया, जिसके बाद उनमें 15 प्रतिशत स्तर में कमी देखी गई। ऐलोवेरा, कार्डिओप्रोटेक्टिव गतिविधि करता है।
अगर ऐलोवेरा का सप्लीमेंट के तौर पर डायबिटीज में सेवन किया जाए, तो ब्लड प्रेशर कम होता है, ऐलोवेरा एथेरोस्क्लेरोसिस को रोक सकता है। एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनियां संकुचित हो जाती है और शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे दिल के दौरा का खतरा बढ़ जाता है।
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