इस अद्भुत गुटिका को स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी ने अपने शिष्यों को प्रदान करने के लिये स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी सिद्धाश्रम से लाये है। जो शिष्य की शत्रु, भूत, प्रेत, पिशाच, तंत्र बाधा व असुरमय स्थितियों से रक्षा करने में पूर्णत: सक्षम है। यह अद्वितीय गुटिका साधको को साधना सफलता, भाग्योदय, सम्मान, वशीकरण, रोग मुक्ति, कार्य-व्यापार,वृद्धि, आरोग्यता, धन लक्ष्मी, मनोकामना सिद्धि, सुख-समृद्धि, सिद्धाश्रम प्राप्ति आदि अनेक सुस्थितियों की प्राप्ति में प्रमाणिक है। इस गुटिका के सिद्ध प्रयोग सम्पन्न करने पर साधक को निश्चित और शीघ्र ही सफलता मिलती है।
अपने सन्यास के समय जब परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी पहली बार सिद्धाश्रम गये तो, उन्हें एक अद्भूत, अद्वितीय, विशिष्ट गुटिका प्राप्त हुई। जिसे धारण करने से ना कोई दु:ख, कष्ट, पीड़ा, दारिद्रता, तंत्र प्रयोग, बाधा, परेशानी का सामना करना पड़ता है, यह गुटिका अत्यंत ही अद्वितीय है। इस गुटिका को स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी ने अपनी जान चीर करके अपने अंदर स्थापित कर लिया है, जो आज भी उनके अंदर विद्यमान है। इसी गुटिका के माध्यम से उन्होंने अनेकों साधना, प्रयोग व विशेष क्रियायें सम्पन्न की है।
इस अद्भुत गुटिका को स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी ने अपने शिष्यों को प्रदान करने के लिये स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी सिद्धाश्रम से लाये है। जो शिष्य की शत्रु, भूत, प्रेत, पिशाच, तंत्र बाधा व असुरमय स्थितियों से रक्षा करने में पूर्णत: सक्षम है। यह अद्वितीय गुटिका साधको को साधना सफलता, भाग्योदय, सम्मान, वशीकरण, रोग मुक्ति, कार्य-व्यापार,वृद्धि, आरोग्यता, धन लक्ष्मी, मनोकामना सिद्धि, सुख-समृद्धि, सिद्धाश्रम प्राप्ति आदि अनेक सुस्थितियों की प्राप्ति में प्रमाणिक है। इस गुटिका के सिद्ध प्रयोग सम्पन्न करने पर साधक को निश्चित और शीघ्र ही सफलता मिलती है।
इस गुटिका मे स्वयं स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी की चेतना व ऊर्जा समाहित रहती है,इसीलिये इस गुटिका को अद्वितीय…विशिष्ट कहा जाता है। सिद्धाश्रम शक्ति दिवस के दिन इस गुटिका को धारण करना सर्वश्रेष्ठ होता है। जो व्यक्ति इस गुटिका को धारण करता है वह शीघ्र ही भौतिक व आध्यात्मिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई बाधा, परेशानी नहीं आ पाती। यह गुटिका जीवन में पूर्णता प्रदान करती है।
इस गुटिका मे स्वयं स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी की चेतना व ऊर्जा समाहित रहती है,इसीलिये इस गुटिका को अद्वितीय…विशिष्ट कहा जाता है। सिद्धाश्रम शक्ति दिवस के दिन इस गुटिका को धारण करना सर्वश्रेष्ठ होता है। जो व्यक्ति इस गुटिका को धारण करता है वह शीघ्र ही भौतिक व आध्यात्मिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई बाधा, परेशानी नहीं आ पाती। यह गुटिका जीवन में पूर्णता प्रदान करती है।
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