सभी के जीवन में सुख, दरिद्रता, विष पूर्ण स्थितियां आती है परन्तु सही समय पर उनका उपचार व नाश न किया जाय तो सम्पूर्ण जीवन नारकीय हो जाता है। इसी लिए ज्ञान का अभिषेक मन पर हो जो मन को शांत करे, दर्द को, समस्याओं को, दूर करें। हम एक योग्य गुरू के शिष्य है हमें अपनी समस्याओं की समाप्ति के लिए अभिषेक अपने आसुओं से नहीं अपितु अपने गुरू के ज्ञान से, मंत्र जप से, तप से करना है। जो हमें पूर्ण बनाता है।
इस वर्ष का सावन मास भी 59 दिनों का होगा, जो एक वरदान स्वरूप है, जो हमें अर्धनारीश्वर स्वरूप माँ पार्वती और महादेव का युग्म स्वरूप में अराधना करने का अवसर देता है। माँ लक्ष्मी का स्वरूप है वृद्धि का स्वरूप है व महादेव ज्ञान का, तप का स्वरूप है और दोनों के योग से ही हमारा जीवन समृद्ध व सुचारू रूप से चल सकता है। जीवन की विषमताओं को दूर करने व अपने जीवन को विष रहित बनाने हेतु व अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का यह विशिष्ट अवसर हमें नहीं खोना है, गुरूदेव के ज्ञान व तप ऊर्जा से परिपूर्ण अर्धनारीश्वर स्वरूप पारद शिवलिंग की स्थापना हर घर में हो व सम्भव हो तो सामुहिक अन्यथा प्रत्येक साधक इस विशिष्ट शिवलिंग पर अवश्य ही अभिषेक करे। साथ ही 17 से 20 जुलाई को कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर में गुरू सानिध्य में व अपने पूरे परिवार के साथ अभिषेक सम्पन्न करे। पूर्ण आत्मीय भाव से किया गया यह अभिषेक आपके जीवन की विषमताओं को समाप्त कर पूर्णता की ओर अग्रसर करेगा।
आपका अपना
विनीत श्रीमाली
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