यह क्षेत्र तंत्र की उच्चकोटि की साधनाओं का सिद्धहस्त स्थल है, जहां पर हजारों तांत्रिको ने तपस्या व साधना सम्पन्न की है। उच्चकोटि के ऋषि-मुनि, देवता आदि के तपस्यांश शक्ति से यह भूमि प्राणवान, चेतनावान है। वर्तमान में भी यदि श्रेष्ठ मार्गदर्शक का सानिध्य प्राप्त हो, तो उस को चेतना अक्षुण्ण रूप में आत्मसात किया जा सकता है, जो जीवन को अमृतमय बनाने में सहायक होगा। चर्तुमुखी दिव्य ज्योतिर्लिंग की महिमा अनन्त है, यहां की ओजस्वी चेतना आत्मसात करने से साधक पशुवत् जीवन से मुक्ति प्राप्त करता है, जीवन की दीन-हीन स्थितियों, आकस्मिक विपदा, बाधा, अड़चन से जूझने की जीवट शक्ति और सुरक्षित जीवन की ओर अग्रसर होता है।
विगत वर्षो से यहां का भौगोलिक परिवर्तन किसी भयावह संकट की ओर इशारा कर रहीं हैं। भयावह इसलिये क्योंकि प्रकृति के रौद्र रूप का सामना करना सरल नहीं होता है। मनुष्य जीवन में अनेक बाधाये, अड़चने, काल रूपी स्थितियां होती हैं, ऐसे में अनिवार्य है कि हम देवत्व चेतना को स्वयं के भीतर में आत्मसात करने की साधनात्मक क्रियायें जीवन्त जाग्रत सद्गुरु के सानिध्य में निरन्तर करते रहें। जिससे हमारा जीवन सुरक्षित, सकुशल उन्नति के मार्ग पर अग्रसर बना रहे।
जीवन की सभी विषमताओ, बाधाओ के शमन और प्राकृतिक विपदाओ से रक्षा हेतु सद्गुरुदेव नारायण भगवती सिद्धाश्रम शक्ति के माध्यम से पाशुपताये ज्योतिर्लिंग की ज्योर्तिंमय शक्ति को स्वयं के भीतर स्थापित करने की क्रिया परम पूज्य सद्गुरु कैलाश श्रीमाली जी के दिव्य सानिध्य में चैत्र नवरात्रि शक्ति दिवस दुर्गा अष्टमी पर दक्षिणकाली दस महाविद्या साधना, अंकन व पाशुपताये दस महाविद्या शक्तिपात दीक्षा पंजीकरण कराये हुये साधक प्राप्त कर सकेंगे। जिससे जीवन की काल रूपी स्थितियों का शमन हो सकेगा और आपका जीवन निरन्तर उन्नति-प्रगति, सुख-सौभाग्य, सम्पन्नता, आयु वृद्धि, आरोग्यता, भू- भवन, वाहन से युक्त जीवन में सभी भौतिक सुखो का पूर्ण भोग कर सकेंगे।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,