माणिक धारण करने वाले व्यक्ति पर सरकारी अधिकारी प्रसन्न रहते हैं, उनके कार्य-कौशल की प्रशंसा होती है, राज-कार्यो में आने वाली बाधा का निवारण होता है। आत्मविश्वास, धैर्य में वृद्धि होती है। प्रतियोगी परीक्षा में सफ़लता मिलने की प्रबल संभावना रहती है। स्मरण शक्ति, अध्ययन के प्रति रूचि व परीक्षा में श्रेष्ठ सफ़लता के योग बनते हैं। अधिक रक्त चाप, अनियमित दिल की धड़कन, रक्तस्राव, हृदय सम्बन्धित रोग भी शीघ्र ही ठीक हो जाता है। तनाव में राहत व मन प्रसन्न रहता है।
मेष लग्न में सूर्य पंचम त्रिकोण का स्वामी है और लग्नेश मंगल का मित्र है। माणिक धारण करने पर सूर्य ग्रह से सम्बन्धित सभी दोष समाप्त होते हैं। माणिक धारण करने से व्यक्ति तेजस्वी, प्रतापी, प्रभावशाली बनता है। सुख-सम्पत्ति, ऐश्वर्य सौभाग्य, यश की वृद्धि होती है। यह वंश वृद्धि कारक रत्न है, इसके धारण से भय, व्याधि, दुख, क्लेश, चिन्ता आदि समाप्त होते हैं। दैविक शक्ति प्राप्त होती है तथा नेत्र विकार समाप्त होते हैं। सूर्य की महादशा में इसको धारण करना अत्यधिक लाभदायक होगा।
माणिक किसे धारण करना चाहिये- सिंह राशि अथवा जिनके नाम का पहला अक्षर मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से प्रारम्भ होता है। उन्हें माणिक धारण करना ही चाहिये।
जुलाई माह में जन्म लेने वाले व्यक्ति माणिक धारण करें।
जिनका जन्म रविवार को हुआ हो।
15 अगस्त से 14 सितम्बर के मध्य मध्य जन्म लिया हुआ व्यक्ति को माणिक धारण करना श्रेष्ठ होगा।
मंत्रोद्धार प्राण प्रतिष्ठित माणिक न्यौछावर 5100/-
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