इसी हेतु यह तो सबको मालूम है कि आकाश मण्डल में प्रमुख नौ ग्रह है और उन नौ ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इन्हीं नौ ग्रहों की शक्तियां हमारे जीवन को संचालित भी करती हैं।
आपको जीवन में नवरस चाहिये, आपको अपने जीवन में प्रत्येक ग्रह के गुण चाहिये। सबके लिये रत्न खरीदना संभव नहीं । इसके लिये सबसे श्रेष्ठ उपाय है कि आप ‘मंत्र सिद्ध प्राणप्रतिष्ठायुक्त नवरत्न मुद्रिका’ धारण करें। जब सब ग्रहों के रत्न से युक्त मुद्रिका होगी तो आकाशमण्डल स्थित ग्रह और आपके शरीर स्थित ग्रह अपने आप एक सांमंजस्य स्थापित कर लेंगे। जो साक्षात् नर से नारायण बनने की ही क्षमता प्रदान करते है। तभी जीवन में कुछ ऐसा घटित हो सकता है, जिस पर गर्वित हुआ जा सकता है।
नवरत्न मुद्रिका एक मुद्रिका ही नहीं यह तो आपकी जन्म कुण्डली है, आपका जीवन चक्र है। जिसको धारण करते ही ग्रहों की गति और उनका प्रभाव आपके अनुकूल हो जाता है और मेरा निश्चित विश्वास है कि आपको पहले दिन से ही अपने व्यक्तित्व में परिवर्तन अनुभव होने लगता है क्योंकि नवरत्न मुद्रिका धारण करें और उसका प्रभाव नहीं हो ऐसा हो ही नहीं सकता।
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