यदि किसी शत्रु अथवा किसी आकस्मिक दुर्घटना से जान का भय हो, तो व्यक्ति का जीवन चाहे कितना ही धन-धान्य से पूरित हो, उसका कोई अर्थ नहीं। ऐसी स्थिति में एकमात्र उपाय भगवान महाकाल की शरण में जाना ही शेष रहता है। आप स्वयं इस शिवगौरी प्रणीत ‘महाकाल माला’ की विलक्षणता अनुभव करेंगे व आपके जीवन में जोश, मन में उमंग, उत्साह, साहस, हिम्मत, आनन्द, प्रसन्नता एवं सफलता का वातावरण बनेगा। गुरुदेव द्वारा फाल्गुन पूर्णिमा होली पर्व के पावन अवसर पर साधकों के लिए शिवगौरी प्रणीत काल मंत्रों से चैतन्य कर महाकाल माला निर्मित की गयी हैं।
जिन साधकों की पत्रिका सदस्यता समाप्त हो रही है वे नवीनीकरण के लिए जोधपुर कार्यालय में सम्पर्क करके अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करायें। नवीनीकरण कराने पर आपको महाकाल माला (मात्र 350 की वी-पी-पी-) उपहार स्वरूप भेजी जायेगी। आप अपने किसी परिजन को पत्रिका सदस्य बनाकर भी यह माला उपहार स्वरूप प्राप्त कर सकते हैं।
अपने जीवन को पूर्ण रंगमय, उल्लासमय बनाने हेतू आवश्यक है कि आप अपने किसी परिचित या रिश्तेदार को अपने ज्ञान व चेतना के माध्यम से पत्रिका सदस्यता हेतू प्रेरित करें साथ ही नववर्ष 2071 में संकल्प ले कि आषाढ़ मास की गुरुपूर्णिमा पर्व तक किन्ही तीन परिजनों को पत्रिका सदस्य बनाकर अपनी मनोकामना पूर्णता हेतू गुरुदेव से साक्षीभूत स्वरूप में दीक्षा प्राप्त कर सकेगें। जब भी आप सामग्री का निर्देश दें आप अपने डायरी अथवा कैलेण्डर में नोट लगा दें जिससे की पोस्टेज से सामग्री आने पर आपके घर के अन्य सदस्य भी उस सामग्री को प्राप्त कर सकते हैं।
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