यह एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। स्थानों की प्रकृति के अनुसार, तीसी के बीजों के रंग-रूप, और आकार में भी अंतर पाया जाता है। देश भर में तीसी के बीज सफेद, पीले, लाल, या थोड़े काले रंग के होते हैं। गर्म प्रदेशों की तीसी सबसे अच्छी मानी जाती है। आमतौर पर लोग तीसी के बीज, तेल को उपयोग में लाते हैं। तीसी के प्रयोग से सांस, गला, कंठ, कफ, पाचनतंत्र विकार सहित घाव, कुष्ठ आदि रोगों में लाभ लिया जा सकता है।
अलसी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण ही इसे आयुर्वेद में एक उत्तम औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
अलसी के गुण आँख संबंधी बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है। आँखों की बीमारी, जैसे- आँख आना, आँखों की लालिमा खत्म होने आदि को ठीक करने के लिए अलसी के बीजों को पानी में फूला लें। इस पानी को आँखों में डालें। इससे आँख आने की परेशानी में फायदा होता है।
तीसी के इस्तेमाल से दर्द, और सूजन में भी बहुत फायदा होता है। इसमें अलसी से बनाई हुई गीली दवा बहुत काम करती है। एक भाग कुटी हुई अलसी को, 4 भाग उबलते हुए पानी में डालकर धीरे-धीरे मिलाएं। यह गीली होनी चाहिए, लेकिन बहुत गाढ़ा नहीं होना चाहिए। इसे दर्द, या सूजन वाले अंग पर तेल की तरह चुपड़ कर लगाएं। इसके प्रयोग से सूजन, और दर्द दूर होता है।
जुकाम से परेशान हैं, तो तीसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। महीन पिसी अलसी को साफ कर धीमी आंच से तवे पर भून लें। जब यह अच्छी तरह भून जाय, और गंध आने लगे, तब पीस लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। अलसी खाने का तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ, सुबह और शाम सेवन करें। इससे जुकाम में लाभ होता है।
अलसी के बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है। ठंड के दिनों में मधु, तथा गर्मी में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए। 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को, 250 मिली उबले हुए पानी में डालें। इसे 1 घण्टे तक छोड़ दें। इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे सूखी खांसी तथा अस्थमा में लाभ होता है।
अलसी के औषधीय गुण का फायदा वात-कफ विकार में भी ले सकते हैं। 50 ग्राम भूनी अलसी के चूर्ण में बराबर-बराबर मात्रा में मिश्री, और एक चौथाई भाग मरिच मिला लें। इसे 3-5 ग्राम की मात्रा में सुबह, मधु के साथ सेवन करने से वात-कफ दोष विकार ठीक होते हैं।
अलसी के चूर्ण को दूध, और पानी में मिला लें। इसमें थोड़ी हल्दी का चूर्ण डालकर खूब पका लें। यह गाढ़ा हो जाएगा। इस गर्म गाढ़े औषधि को आप जहाँ तक सहन कर सकें, गर्म-गर्म ही गांठ पर लेप करें। ऊपर से पान का पत्ता रख कर बांध दें। इस प्रकार कुल 7 बार बांधने से घाव पककर फूट जाता है। घाव की जलन, टीस, पीड़ा आदि दूर होती है। बड़े-बड़े फोड़े भी इस उपाय से पककर फूट जाते हैं। यह लाभ कई दिनों तक लगातार बांधने से होता है
टीबी के लिए 25 ग्राम अलसी के बीजों को पीसकर, रात भर ठंडे पानी में भिगोकर रखें। इस पानी को सुबह कुछ गर्म करें, और इसमें नींबू का रस मिलाकर, पिएं। इससे टी.बी. के रोगी को बहुत लाभ होता है।
जोड़ों के दर्द या गठिया में भी अलसी जड़ी-बूटी बहुत काम करता है। अलसी तेल या अलसी की बीजों को इसबगोल के साथ पीसकर लगाने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
अलसी का उपयोग कर नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से ग्रस्त रोगियों को भी राहत मिल सकती है। अलसी में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड मुख्य भूमिका अदा कर सकते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में अलसी के बीज खाने के फायदे लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी तीसी खाने के फायदे उपयोगी साबित हो सकते हैं। अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिग्नैंस और डायट्री फाइबर संयुक्त रूप से एंटीहाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं। इसी प्रभाव के कारण अलसी का सेवन ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे रोगी को राहत पहुँचा सकता है।
दांत दर्द की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी अलसी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। अलसी के तेल में दर्दनिवारक और सूजन को कम करने वाला गुण मौजूद होता है। इन्हीं दोनों गुणों की मौजूदगी के कारण अलसी का तेल मसूड़ों में सूजन और दांत में होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है।
अलसी को हजम होने में थोड़ा समय लगता है। इसके अंदर सभी पोषक तत्व और काफी मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है। अलसी का सेवन करने के बाद आपको भूख कम लगती है लेकिन इसके अंदर काफी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो आपके शरीर की जरूरत को पूरा कर देते हैं। ऐसा होने की वजह से आप खाना कम खाते हैं जिसकी वजह से आपका वजन बैलेंस रहता है और आप मोटापा से दूर रहते हैं।
अलसी खाने के बहुत से फायदे हैं लेकिन हर चीज के सेवन के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान होते हैं लेकिन इससे आपको डरने की जरूरत नहीं है। अलसी से नुकसान तभी होता है जब आप इसका इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा मात्रा में या फिर अपने मन मुताबिक करते हैं। अगर आप इसके सभी फायदों का लाभ बिना किसी नुकसान के उठाना चाहते हैं तो इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें और उनकी राय लें।
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