जो प्रेम की उच्चतम पराकाष्ठा को दर्शता है वह गुरु शिष्य का संबंध है। शिष्य किसी स्वार्थ वश गुरु से नहीं जुड़ता। गुरु के प्रति उसकी भावना में कही कोई स्वार्थ का तत्व नहीं होता। अगर होता है तो केवल निश्छल प्रेम तत्व समर्पण तत्व जैसा कि राधा का कृष्ण के प्रति था, मीरा का कृष्ण के प्रति था।
2- शिष्य सभी कुछ तो गुरु से प्राप्त करता है – भौतिक स्तर पर भी तथा आध्यात्मिक स्तर पर भी। परन्तु उसके मन में किसी प्रकार की कोई आकांक्षा नहीं होती – न तो भौतिकी सफ़लता की, न ही सिद्धि या साधनाओं की।
3- ऐसा इसलिए नहीं कि शिष्य ध्येय रहित होता है अपितु इसलिए कि उसे ज्ञात होता है कि गुरु तो मां समान है जो कि स्वयं ही उसकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर देगी या उसके जीवन को यथोचित मार्गदर्शन दे देगी। फि़र व्यर्थ में कामना करने की क्या आवश्यकता ?
4- एक मां अबोध बालक के हाथ में चाकू नहीं थमा देती क्योंकि उसे ज्ञात है कि बालक स्वयं की हानि कर बैठेगां इसी प्रकार सद्गुरुदेव श्री सिद्धि रूपी दुधारी तलवार को शिष्य को तब तक हस्तगत नहीं करने देते जब तक कि उन्हें विश्वास न हो जाएं कि शिष्य में अब उतना संयम, उतना सामर्थ्य आ गया है कि वह शक्ति को संभाल सकें। एक वास्तविक शिष्य इस बात को समझता है तथा वह परिणाम की परवाह किए बगैर साधनाएं करता रहता है क्योंकि वह जानता है कि जब उसमें पात्रता होगी तो सद्गुरुदेव तत्क्षण सभी सिद्धियां उसमें उड़ेल देंगे।
5- हर कार्य करते समय साधाना सम्पन्न करते समय, हर मंत्र जप या यज्ञ करते समय शिरू अनुभव करता है कि सद्गुरुदेव उसके समीप ही कहीं है तथा सूक्ष्म रूप से उसका मार्गदर्शन कर रहे है तथा उसकी त्रुटियों को सुधार रहे हैं। यही निरंतर भावना वास्तविक गुरु पुजा है, गुरु वन्दना है, गुरु आराधना है तथा जो शिष्य इस भावना के साथ अग्रसर होता है तो किलता उसको स्पर्श भी नहीं कर सकती।
6- गुरु के चित्र लगाना, भजन गाना, गुरु के नारे लगाना, पूर्ण समर्पण नहीं है, ये गुरु के प्रति शिष्य की भावना के चिन्ह मात्र है। वास्तविक गुरु पूजन तो है गुरु द्वारा बताए ज्ञान को जीवित जाग्रत रखना, गुरु द्वारा बताए मार्ग पर चलना तथा औरों का भी उस पर चलने के लिए प्रेरित करना।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,