जिसे भी अपने जीवन को भोग-विलासिता, तीक्ष्ण बुद्धि, उच्च पद, धन-धान्य से युक्त करना है उसके लिये आवश्यक है कि वह सर्व पाप ग्रह शांति शत्रु मर्दन राहु माला को धारण करें। जिससे जीवन की प्रत्येक दूषित स्थितियों का निवारण होकर सुस्थितियों का निर्माण हो सके। और जीवन के प्रत्येक कार्य में सुवृद्धि, कार्य सिद्धि, भगवद् कृपा-गुरू कृपा से आरोग्यता, धनहीनता, जड़ता, मानसिक व्यथा, निम्न विचार, अकाल मृत्यु व सभी प्रकार की बाधाओं से निजात हो सके साथ ही निरन्तर प्रगति करते हुये आर्थिक दृष्टि से पूर्ण सम्पन्न् हो सकेंगे। शत्रु मर्दन राहु माला को प्राप्त कर किसी भी कालाष्टमी व कृष्ण जन्माष्टमी या रविवार को प्रातः काल अपने पूजा स्थान में माला का संक्षिप्त पूजन कर निम्न मंत्र का 151 बार जप कर अपने गले में धारण करें। और शारदीय नवरात्र नवमी के दिन माला को तोड़ कर प्रत्येक दाने के साथ मंत्र उच्चारण कर हवन कुण्ड या अग्नि में आहूत करें।
शिष्य तीन प्रकार के होते हैं वे शिष्य जो आते हैं गुरू के पास अपना काम बनाने के लिये। दूसरे वे होते हैं जो सिर्फ जय-जयकार करते हैं, तीसरे वे होते हैं जो अपने सभी कार्य, दुःख-पीड़ा, कष्ट को भूलकर पूर्ण समर्पित भाव से गुरू आज्ञा-गुरू सेवा, पत्रिका प्रचार-प्रसार में निरन्तर गतिशील रहते हैं। ऐसे ही शिष्य गुरू के हृदय में अपना नाम अंकित करवाने में सफ़ल हो पाते हैं। जिसका नाम गुरू के हृदय पर अंकित होता है वही पूर्णत्व को प्राप्त कर पाता है। आप स्वयं चिंतन करें कि आप किस प्रकार के शिष्य बनना चाहते हैं?
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,