सांसारिक जीवन में अनेक समस्याएं आती रहती हैं, जिनके निदान के लिए व्यक्ति अनेक तरह के टोटकों का भी प्रयोग करता है। वास्तव में हमारे पूर्वजों द्वारा निर्देशित ये सटीक उपाय उचित रूप व श्रेष्ठ भाव से करने पर मील के पत्थर सिद्ध होते हैं और इनके द्वारा सांसारिक जीवन की अनेक समस्याओं का निदान सरलता से हो जाता है।
यदि दुकान पर ग्राहकों का अभाव है या व्यवसाय सही रूप से नहीं चल रहा है।
दिन-प्रतिदिन ह्रास की स्थिति बनती जा रही है, तो अपने घर में पारद गणपति तथा कार्यस्थल अथवा व्यवसाय स्थल में खड़े हुये गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें, जिनके दोनों पैर जमीन पर स्पर्श होते हों, इससे कार्य-व्यापार में सुदृढ़ता का समावेश होता है।
इसी प्रकार बुद्धि प्रदाता भगवान गणेश के सम्मुख नित्य तीन मुखी दीपक जलाने से व्यक्ति अपनी बुद्धि के बल पर सफल, प्रसिद्ध और सम्मानित होता है।
आपके व्यवसाय में यदि निरन्तर हानि की स्थिति बनती हो तो भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक कर 108 दूर्वा अर्पित करें, लाभ स्थितियां निर्मित होंगी।
बीमारियों से परेशान व्यक्ति प्रतिदिन प्रत्यक्ष देव सूर्य नारायण को अर्घ्यं देकर दीपक प्रज्ज्वलित करे, असाध्य एवं कठिन बीमारियों से निजात मिलती है।
मनवांछित सुयोग्य वर-वधू की कामना की पूर्ति हेतु राधा-कृष्ण के संयुक्त प्राण प्रतिष्ठित चित्र अथवा विग्रह के सम्मुख दीपक जलाएं।
हनुमान जी का पंचमुखी चित्र अपने कमरे में लगायें और नित्य लाल सिन्दूर का तिलक कर दीपक जलायें। बुरे सपनों की शिकायत समाप्त हो जाती है, भूत-प्रेत आदि का भय भी नहीं सताता।
धन सम्बन्धित किसी भी समस्या के लिए अथवा यदि कहीं पैसा फंसा हुआ हो तो, धन-सम्पदा के कोषाध्यक्ष कुबेर देव का प्राणवान चित्र उत्तर दिशा में स्थापित कर, नित्य तिल के तेल का दीपक जलाएं, समस्याएं दूर होंगी।
राहु-केतु ग्रह के कोप से पीडि़त जातक को प्रतिदिन संध्याकाल में अलसी के तेल का दीपक अपने पूजा स्थान में जलाना चाहिए, स्थितियां शीघ्र ही अनुकूल होती हैं।
पूजन कक्ष में नित्य जलाया जाने वाला दीपक अनेक प्रकार की समस्याओं से निजात तो दिलाता ही है। इसके साथ ही दीपक नवग्रह के दोषों को भी क्षीण करता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का घर में वास नहीं हो पाता।
पूजास्थल या मंदिर में नित्य सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से लक्ष्मी कृपा और धन की वृद्धि होती है।
सरसों के तेल का दीपक शनि देव की प्रतिमा के समक्ष जलाने से सामाजिक प्रतिष्ठा, कार्य-कुशलता में वृद्धि और शनि कोप से राहत मिलती है।
अध्ययन, शिक्षा, कला आदि से जुड़े लोग दो मुखी घी का दीपक प्रतिदिन मां सरस्वती के समक्ष जलायें ज्ञान, बुद्धि, कला में वृद्धि होगी।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,