ये सब तो आपको ज्ञात है और कई बार भिन्न-भिन्न तरीको से आपको समझाया भी गया है, परन्तु यह पुनः बताना अनिवार्य इसलिये है, क्योंकि आप सभी के मन में वर्तमान समय में फैली हुयी बीमारी को लेकर भय, अनिश्चित्ता है, नित्य हमें Corona को लेकर कुछ न कुछ भयावह सूचनायें मिलती रहती है, इस आपदा से भागने से या भयभीत होने से इसका समाधान नहीं होगा और भय किस बात का? जन्म लिया है तो मरना तो होगा ही, लेकिन डर-डर कर हमे अपना जीवन मृत्यु तुल्य व नारकीय नही बनाना है, अपितु यह विचार करना कि जीवन का किस तरह से सद्पयोग करें? क्या कमाया है? क्या सीखा है? क्या सिद्धता प्राप्त की। आपने कितना पुण्य कमाया है, आप कितने लोगो के आत्मीय है, प्रिय है, आपसे कितने लोगों का भावनात्मक जुडाव है, आपने कितना ज्ञान, साधनात्मक शक्ति अर्जित की है, क्योंकि धन तो आता-जाता है, परन्तु मृत्यु के बाद ज्ञान, प्रेम व सिद्धियों का ही अनुसरण समाज करता है।
नित्य कुछ न कुछ नया सीखने का प्रयत्न करें, यह समय स्वयं के ज्ञान चक्षु को खोलने व अपना समय स्वयं के लिये निकाले, जो साधना मंत्र जप अधूरा रह गया था उसे सम्पन्न करे, अपने माता, पिता, पत्नी, बच्चो से सीखें, चाहे वो पूजा-पाठ हो, कोई विधि या घर का कोई कार्य हो, या बच्चो की कोई कविता या गाथा हो। आपके घर में जो कोई भी धार्मिक ग्रन्थ हो, पुरानी पत्रिका हो, उसे पढ़े व नही हो तो Internet पर जाकर प्राचीन मंत्र यंत्र विज्ञान की नवीन website www.pmyv.net पर गुरु जी द्वारा लिखे लेख, साधना पढे़। साथ ही विशिष्ट पर्वों पर कैलाश गुरूदेव साधकों के साथ facebook व youtube के माध्यम से Live साधनात्मक क्रियायें सम्पन्न करायेंगे।
आपके जीवन में कोई विषमता, अभाव, तकलीफ, बाधा, परेशानी या कोई भी समस्या हो तो अपने स्वः विवेक से शीघ्र समाधान निकालें किसी भी समस्या अथवा व्यथा को पूरे जीवन भर संग्रहित नहीं रखें। नौकरी, कार्य-व्यापार आदि से सम्बन्धित समाधान हेतु कैलाश सिद्धाश्रम में फोन कर कैलाश गुरूदेव जी या मेरे से बात कर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है।
आपका अपना
विनीत श्रीमाली
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