नीलम रत्न का पंच महारत्नों में प्रमुख स्थान है। यह शनि रत्न किसी भी व्यक्ति का अचानक भाग्य बदलने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। यह फकीर को भी करोड़पति बनाने में सक्षम है। नीलम का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है, इसे सावधानी से धारण करना चाहिये और यदि किसी तरह की प्रतिकूलता लगे तो शीघ्र परामर्श लेकर उपाय करें।
यह सभी रत्नों में सबसे शीघ्र फल प्रदायक है, इसे धारण करने से आर्थिक स्थितियों में बहुत ही तेजी से सुधार होता है, व्यापार वृद्धि, पदोन्नति लाभ आदि प्राप्त होता है। यह पॉजटिव ऊर्जा का स्रोत है। यह शत्रुओं की बुरी दृष्टि से रक्षा करता है अर्थात यह सुरक्षात्मक भी है। यह पाचन तंत्र को सुदृढ़ करता है, आरोग्य शक्ति में वृद्धि और एकाग्रता का कारण है। यह कानून क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति के लिये अति लाभकारी है।
शनि ग्रह प्रधान व्यक्ति को नीलम धारण करना चाहिये। जन्म लग्न में शनि दुर्बल, वक्री या अस्त हो तो नीलम धारण करें। यदि शनि की अन्तर्दशा चल रही हो तो निश्चय ही नीलम धारण करें। शनि की साढ़ेसाती में नीलम धारण करें, जिनका जन्म मूलांक आठ हो उनके लिये श्रेष्ठ रत्न है। मेष, वृष, तुला, वृश्चिक लग्न वालों के लिये नीलम भाग्यवर्धक है। मकर व कुम्भ राशि वालो के लिये यह जीवनी शक्ति रत्न है।
मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठित नीलम रत्न न्यौछावर राशि 5100/-
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