राहु का रत्न गोमेद मणि है। ज्योतिष में राहु-केतु की गणितीय उपस्थिति है, किन्तु भौतिक शरीर नहीं है। इसी कारण मनुष्य के जीवन में बहुत कुप्रभाव युक्त और निरन्तर चिन्ता प्रदान करने वाला होता है। यद्यपि इन दोनों ग्रहों के अधिन कोई राशि नहीं है, लेकिन साधारणतः व्यक्ति इनसे सम्बन्धित रत्न धारण कर, इनके प्रभाव से बच सकता है।
यह रत्न प्रत्येक व्यक्ति के लिए फलप्रद है, इस रत्न को धारण करने से सभी तरह के शत्रु निस्तेज हो जाते हैं, कलिष्ट रोगी आरोग्यमय जीवन प्राप्त करता है। यह उच्च राजनीति कारक है, राजनीति में सक्रिय भूमिका, नेतृत्व, संगठनात्मक कार्य, मैनेजमेंट आदि में यह रत्न अत्यन्त लाभकारी है। इसके साथ ही यह पापकर्म से बचने की प्रेरणा देता है, जुआ, चोरी, आदि कृत्य से व्यक्ति बचता है।
जिन व्यक्तियों का राशि लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृषभ हो, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिये 15 फरवरी से 14 मार्च व 13 नवम्बर से 12 दिसम्बर के मध्य जन्म हुये जातक के लिये गोमेद उच्च सफलता दायक है। 4, 13, 22 एवं 31 तारीखों उत्पन्न लोगों का मूलांक 4 है व जिनका जन्म बुधवार और शनिवार को हुआ है, ऐसे लोग अवश्य ही गोमेद धारण करें। राहु से प्रभावित व्यक्तियों को गोमेद निश्चित ही धारण करना चाहिये, कालसर्प आदि दोषों में भी गोमेद अनुकूलता प्रदायक है।
मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठित गोमेद रत्न न्यौछावर राशि 5100/-
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