काजू को यूं ही खाने से भी न सिर्फ इसके स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों का लाभ मिलता है बल्कि काजू को व्यंजन में डालने से व्यंजन का जायका बदलता है। इसका उपयोग कहीं मीठे पकवान, तो कहीं मसालेदार व्यंजनों का जायका बढ़ाने के लिये किया जाता है। काजू का इस्तेमाल सिर्फ खाने भर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रयोग शरीर की कई समस्याओं से निजात दिलाने के लिये किया जा सकता है। इसके साथ ही काजू खाने से सेहत और सौन्दर्य में भी निखार आता है।
काजू एनर्जी से भरपूर प्रोटीन और फैट का बेहतरीन स्रोत है, यह तुरंत ऊर्जा प्रदान कर सकता है। इसलिये, बढ़ती उम्र के बच्चों और खिलाड़ियों को इसका सेवन जरूर करना चाहिये। काजू को एनर्जी का पावर हाउस भी कहते हैं। काजू प्रोटीन और ऊर्जा का स्रोत होने के साथ-साथ याददास्त बढ़ाने, सूजन कम करने और अर्थराइटिस का दर्द कम करने में मदद करता है। यह जितना स्वादिष्ट है, उससे कहीं ज्यादा यह सेहत के लिये फायदेमंद माना जाता है।
काजू पौष्टिकता से भरपूर होता है और थोड़ा कड़वा, गर्म तथा वात-पित्त और कफ को कम करनेवाला होता है। इसके अलावा काजू पेट के रोग, बुखार, कृमि, घाव, सफेद कुष्ठ, संग्रहणी (इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम), पाइल्स तथा भूख न लगने जैसी बीमारियों में लाभप्रद होता है। इसका जड़ तीव्र विरेचक (शरीर से अवांछित पदार्थ निकलना) तथा कमजोरी दूर करने में सहायक होता है। काजू की बीज मज्जा पोषक, मृदुकारी तथा विष को कम करने में मदद करती है।
काजू को नट्स की श्रेणी में रखा जाता है और नट्स शरीर को कई रूपों में फायदा पहुंचाने का काम करते हैं। हृदय के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिये भी नट्स महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें बायोएक्टिव मैक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम करते हैं।
काजू खाने से पाचन-तंत्र मजबूत होता है, क्योंकि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। फाइबर पाचन को ठीक रखकर कब्ज और अल्सर जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि काजू का अधिक मात्रा में सेवन कब्ज और गैस की समस्या पैदा कर सकता है। विशेषकर, जिनकी फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर होती है, उन्हें काजू का सेवन कम ही करना चाहिये।
काजू में मैग्नीशियम और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के विकास के साथ ही उन्हें मजबूती प्रदान करने में मदद करते हैं। काजू में मौजूद मैग्नीशियम ऑस्टियोपोरोसिस (OSTEOPOROSIS) जैसी बीमारियों की रोकथाम में मदद कर सकता है। इस बीमारी के कारण हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं।
मैग्नीशियम मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में सहायक होता है और साथ ही मस्तिष्क की चोट को दूर करने में मैग्नीशियम का महत्वपूर्ण कार्य होता है। इसके अलावा, मैग्नीशियम में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो अवसाद को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार काजू में मौजूद मैग्नीशियम दिमाग के स्वास्थ के लिये भी लाभदायक होता है।
काजू आयरन और कॉपर का अच्छा स्रोत है। आयरन स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है, जो शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने में मदद करता है। आयरन रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाकर एनीमिया जैसे रक्त विकार को दूर करने का काम भी करता है।
काजू में कई पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो गर्भावस्था में आवश्यक होते हैं। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम और मैग्नीशियम गर्भवती महिला के स्वास्थ के साथ ही भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिये जरूरी होता है । मैग्नीशियम जन्म के समय शिशु के वजन में कमी और गर्भवती के रक्तचाप को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
दांतों के लिये कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है। कैल्शियम दांतों के विकास और उनकी मजबूती बनाये रखने का काम करता है। शरीर में इस खास तत्व की कमी दांत टूटने से लेकर कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है। क्योंकि काजू में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।
काजू में प्रोटीन और विटामिन-ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य व सौंदर्य को बढ़ावा देने और त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को रोकने में लाभदायक होते हैं। साथ ही ये त्वचा को झुर्रीयों और सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभावों से बचा सकते हैं।
ड्राई फ्रूट्स हेल्थ के लिये काफी फायदेमंद होते हैं। इसलिये आपको भी अपनी डाइट में नट्स यानी ड्राई फ्रूट्स को जरूर शामिल करना चाहिये। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स और मिनरल्स काफी अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। काजू का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। आप नियमित रूप से खाली पेट काजू का सेवन कर सकते हैं। एक दिन में एक व्यक्ति 4 से 5 काजू का सेवन कर सकता है।
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