प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पुखराज पीले कनेर, चम्पा या अमलतास के फूल के सामान पीतवर्णी, सुन्दर रंग का, पारदर्शी, चिकना व चमकदार रत्न होता है। यह रत्न हल्का पीला और जर्द रंग में भी पाया जाता है। पुखराज बहुत ही उच्च कोटि का होता है। जिस प्रकार देव समाज में बृहस्पति ग्रह को आचार्य और देवगुरू का पद प्राप्त है, उसी प्रकार नव ग्रहों में बृहस्पति की स्थिति और पद गरिमा सर्वोच्च है।
मानव जीवन पर बृहस्पति की किरणों का प्रभाव विद्या-बुद्धि, मान-सम्मान, यश और भौतिक वैभव पर अवश्य पड़ता है। अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान पर और सबल हो तो जातक निश्चित रूप से जीवन में मान वैभव अर्जित करता है। साथ ही यह भी एक तथ्य है कि बृहस्पति के प्रभाव को अनुकूल करने के लिये रत्न शोधकर्त्ताओं ने नवरत्नों में पुखराज को बहुत उपयोगी माना है।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यह रत्न भगवान विष्णु, शिव और लक्ष्मी का अतिप्रिय रत्न है। इस रत्न को धारण करने से धारक को धन-संपत्ति व पुत्र सुख प्राप्त होता है व साथ ही वैवाहिक जीवन सौहार्दपूर्ण रहता है। विद्यार्थियों के लिये अत्यन्त शुभ होता है। जिससे परीक्षा में सफलता के साथ-साथ विद्या बुद्धि में वृद्धि होती है।
आयुर्वेद प्रकाश नामक ग्रंथ के अनुसार पुखराज धारण करने से पीलिया, जलन, नकसीर, आदि रोग दूर होते है। तिल्ली, गुर्दा, नींद न आने जैसे रोगों में पुखराज को किसी बर्तन में जल भरकर रखने से उस जल का सेवन करने से लाभ मिलता है।
विवाह योग्य कुमारियों के लिये सुयोग्य वर और विवाहित के लिये परिवार, गृहस्थ सुख, धन-धान्य, श्रीवृद्धि, शांति, सुरक्षा और स्वास्थ्य तथा प्रेमपूर्ण पारिवारिक जीवन को उपलब्ध कराने हेतु ज्योतिषियों ने पुखराज रत्न को महत्वपूर्ण माना है।
पुत्र प्राप्ति के लिये पुखराज रत्न धारण करना चाहिये।
अगर कुण्डली में गुरू शुभ योग कारक ग्रह निर्बल हो तो उस व्यक्ति को पुखराज अवश्य धारण करना चाहिये।
पुखराज धारण करने से मान सम्मान तथा धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
व्यापार में होते नुकसान से बचने के लिये पीला पुखराज धारण करना चाहियें
पुखराज पहनने से व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है। वह स्वयं हर कार्य में समर्थ हो जाता है व आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
पुखराज धारण करने से पीलिया, बवासीर आदि रोग भी शान्त हो जाते है।
मंगलकारी रत्न पुखराज
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,