अखरोट ड्राई फ्रूट्स का ”राजा” कहलाता है। इसे खाने से न केवल सेहत और दिमाग तेज़ करने मे फायदा है बल्कि यह ओवरआल हेल्थ को भी बढ़ता है। अखरोट न ही केवल शरीर और दिमाग को तंदरुस्त बनाता है बल्कि इसे खाने से मेमोरी भी शार्प होती है। यह एक ऐसा तत्व है जो कि सेहत मे बेस्ट माना जाता है। इसमें बहुत से पोषक तत्व पाये जाते है जैसे कि प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फॉरस, कॉपर, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड आदि। यह सभी तत्व दिमाग को तेज़ करने में मददगार साबित होते है। इसलिये इनका सेवन हर रोज़ (सुबह-शाम) करना चाहिये
अखरोट पोषक गुणों से भरपूर है। अखरोट के सेवन से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। यह कई रोग को दूर रखने और उसके इलाज में मदद कर सकता है, जो इस प्रकार हैः
अखरोट खाने के फायदे हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मददगार साबित हो सकते हैं। अखरोट में अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA) पाया जाता है, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का ही एक रूप है। ये रक्त धमनियों में फैट के जमाव को रोकता है। इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) भी होता है, जो हृदय प्रणाली के लिये फायदेमंद होता है। इसके अलावा, जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, उनके लिये भी अखरोट लाभकारी होता है। यहां बता दें कि पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल (LDL) को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL) के निर्माण में मदद करता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।
अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क के कार्य (ब्रेन फंक्शन) पर लाभकारी प्रभाव डालता है। साथ ही पोलीअनसैचुरेटेड फैट याददाश्त (MEMORY POWER) को बढ़ाने में मदद करता है व डिप्रेशन को कम करता है।
कैंसर जैसी घातक समस्या को दूर रखने में अखरोट फायदेमंद साबित हो सकता है। अखरोट में पोलीफिनोल पाया जाता है, जो कैंसर के खतरे को कम करता है। एंटीकैंसर प्रभाव के कारण यह कैंसर के ट्यूमर को पनपने से रोक सकता है। वहीं, अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से उचित इलाज करवाना चाहिये। सिर्फ घरेलू उपचार के जरिये कैंसर को ठीक करना संभव नहीं है।
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिये भी अखरोट का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, अल्फा लिनोलेनिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है और जिन खाद्य पदार्थ में यह एसिड होता है, उनमें अखरोट भी शामिल है। इसके अलावा, अखरोट में कैल्शियम और फास्फोरस भी पाया जाता है, जो हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से रोकता है, साथ ही कॉपर बोन मिनरल डेनसिटी को बनाये रखता है। ऐसा कहा जा सकता है कि वालनट खाने के फायदे में हड्डियों को स्वस्थ रखना भी शामिल है।
गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। अखरोट में पाये जाने वाले फैटी एसिड, विटामिन-ए , ई और बी-कॉम्प्लेक्स होने वाले शिशु के मानसिक विकास में मदद कर सकते हैं। साथ ही आयरन और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एनीमिया से बचाता है। इसके अलावा, अखरोट में भरपूर मात्रा में फेनोलिक कंपाउंड (यौगिक) पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीकॉन्वेलसेंट, न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। अखरोट में प्रोटीन, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) और टोकोफेरॉल्स की भी समृद्ध मात्रा पाई जाती है।
उच्च रक्तचाप की स्थिति में हृदय संबंधी रोग होने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर रखना जरूरी है। इसके लिये अखरोट का सेवन करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अखरोट का सेवन उच्च रक्तचाप को कम करने का काम कर सकता है, जिससे हृदय से जुड़े जोखिम को दूर रखने में मदद मिल सकती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) के मजबूत होने पर कई बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। इसे मजबूत करने में अखरोट के गुण सहायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अखरोट में मौजूद प्रोटीन में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाये जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है।
अखरोट का सेवन करने से तनाव और नींद की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, अखरोट में विटामिन-बी 6, ट्रिप्टोफैन, प्रोटीन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो तनाव से छुटकारा दिलाने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड मूड को बेहतर करने का काम कर सकता है, जिससे अच्छी नींद आ सकती है। अखरोट ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड और यूरिडीन का प्रमुख स्रोत है। ओमेगा 3 फैटी एसिड और यूरिडीन की मौजूदगी के कारण अखरोट में प्राकृतिक एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव होता है।
अखरोट खाने के फायदे मिर्गी की समस्या को दूर रखने के लिये भी हो सकते हैं। दरअसल, फ्री रेडिकल्स के अधिक उत्पादन से मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल जैसे विकारों का जोखिम बढ़ जाता है। इस समस्या को कम करने के लिये एंटीकॉन्वल्सेंट दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा मिर्गी के दौरे को कुछ कम कर सकती है। अखरोट में एंटीकॉन्वल्सेंट प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण अखरोट मिर्गी के खिलाफ न्यूरोप्रोटेक्टिव यौगिक के रूप में काम कर सकता है। इस प्रकार मिर्गी की समस्या से बचा जा सकता है। वहीं, अगर किसी को मिर्गी की समस्या है, तो लक्षणों को कुछ कम किया जा सकता है।
पित्त की पथरी के इलाज में अखरोट का सेवन सहायक हो सकता है। अखरोट सहित कुछ नट्स में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर और मिनरल पाये जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व पित्त की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अखरोट के फायदे पित्त की पथरी से निजात दिलाने के लिये हो सकते हैं। ध्यान रहे कि अखरोट सिर्फ मदद कर सकता है, इसे पित्त की पथरी का इलाज न समझा जाये।
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