संघर्ष करते-करते व्यक्ति जीवन में थक जाता है तब वह विशिष्ट शक्तियों द्वारा जीवन में विजय प्राप्ति की ओर अग्रसर हो सकता है, राम नवमी का पर्व व्यक्ति को यह प्रेरणा देता है कि किस प्रकार मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने जीवन में सब बाधाओं को झेलते हुये पूर्ण विजय प्राप्त कर संसार में पुनः धर्म की स्थापना की। शत्रु अथवा बाधा बड़ा अथवा छोटा नहीं होता, वह तो केवल व्यक्ति या घटना होती है, और उस पर आत्म विश्वास द्वारा विजय प्राप्त की जा सकती है।
जहां भक्ति है, वहीं ज्ञान का प्रकाश साधना का स्वरूप है, साधना किस स्वरूप में की जाय, इस विषय में विशेष मत मतान्तर हो सकते हैं लेकिन इतना तो सिद्ध है, कि साधना का बाण जब छूटता है तो वह लक्ष्य की ओर ही बढ़ता है, यह तो साधक की भावना, उसकी भक्ति, उसकी साधना, गुरु-कृपा पर निर्भर करता है कि वह अपनी साधना के कारण, अपने साधना बाणों में कितनी तीव्रता ला सकता है, जिससे उसका लक्ष्य शीघ्र प्राप्त हो।
जीवन में हर कोई चाहता है, कि उसे ऐसी शक्ति आधार प्राप्त रहे- जिससे कि हर संकट के समय उसे सहायता चाहे मानसिक हो अथवा किसी अन्य माध्यम से प्राप्त हो, और इसका बड़ा उपाय साधना ही है, तथा साधना में सेवा भाव होना आवश्यक है, जब तक आप अपनी साधना में लीन होने का भाव उत्पन्न नहीं कर देते, शंका के वातावरण में साधना करते हैं- तो फिर सफलता कैसे मिल सकती है। व्यक्ति जिस भाव से कार्य करता है भक्ति करता है, साधना करता है, वह अपने आपको सामान्य स्तर से ऊपर उठा देता है, क्योंकि उसमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की चाहत बन जाती है और जिसकी साधना करता है- उसे प्रसन्न होना ही पड़ता है।
सभी पर हावी बने रहने हेतु महावीर हनुमान जी के आशीर्वाद से ऐसा साहस प्राप्त हो सकता है कि शत्रु सामने टिक ही नहीं पाते, लाल आसन पर दक्षिण की ओर मुख कर बैठ जाए तथा सामने चौकी पर तेल का दीपक जलाकर हनुमान शक्ति युक्त ‘शत्रुहन्ता यंत्र’ स्थापित करें, तत्पश्चात् मूंगा माला से निम्न मंत्र की 11 माला मंत्र जप करें।
परिस्थितियों में अविचलित भाव से खड़े रहने की हिम्मत और साहस केवल गुरु कृपा और साधना के माध्यम से ही सम्भव है। जीवन में कई बार ऐसी घटनाएं भी घटती हैं, जिनसे व्यक्ति विचलित हो जाता है। तथा उस समय विशेष में उचित और अनुचित निर्णय लेने का सामर्थ्य प्राप्त नही कर पाता है। राम नवमी अथवा किसी भी मंगलवार को प्रातः 5 से 8 के मध्य अपने पूजा स्थान में भयमुक्ति स्वरूप नवार्ण यंत्र को स्थापित कर संक्षिप्त पूजन करें निम्न मंत्र की 4 माला 6 दिन तक हनुमान शक्ति माला से जाप करें।
आप अपनी बीमारी का इलाज करवा कर थक चुके हैं। फिर भी आपका रोग किसी को समझ नहीं आ रहा है तो आप ‘महामृत्युजंय यंत्र’ को किसी वस्त्र में बांध कर बायें हाथ की मुट्ठी में बंद कर उत्तर दिशा की ओर मुंह कर निम्न मंत्र की 4 माला 5 दिन तक आरोग्यता माला से जप करें।
जानकी गौरी का स्वरूप ही यौवनमय, कान्तिमय तथा प्रणय से ओत-प्रोत है। प्रेम जीवन का आधारभूत सत्य है। वह जीवन अधूरा होता है। जहां जीवन में प्रेम वर्षा नहीं होती। दुर्गा अष्टमी अथवा किसी भी सोमवार को पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। गुरू और गणपति पूजन कर। एक ताम्रपात्र में चावल ढे़री पर ‘अप्सरा सौन्दर्य यंत्र’ को स्थापित कर संक्षिप्त पूजन करें। इसके पश्चात् निम्न मंत्र का 7 दिन तक 6 माला ‘अप्सरा माला’ जप करें।
जीवन है तो बाधाएं आती रहती हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दैवीय शक्तियों का उपयोग करना चाहिए। जीवन में प्रत्येक बाधा पर विजय श्री की प्राप्ति करना ही श्रेष्ठ साधक का लक्षण होता है। रामनवमी या किसी भी शनिवार को दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर काले आसन पर बैठें। सामने किसी पात्र में बाधा निवारण यंत्र को स्थापित करके स्नान, तिलक, धूप, दीप एवं पुष्प से पूजन करें। इसके बाद ‘शत्रु माला’ से निम्न मंत्र की 9 माला जप करें।
जीवन में निरन्तर आनन्द रस बरसता रहे। कामदेव शक्ति से ही गृहस्थ जीवन में सृजन का कार्य होता है, काम के माध्यम से व्यक्ति सांसारिक जीवन का विकास सही स्वरूप में कर पाता है। साधक 17 अप्रैल या किसी भी शुक्रवार से सम्पन्न करे, सामने बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाकर चावलों की ढे़री पर ‘कामाख्या गुटिका’ स्थापित कर गुटिका का संक्षिप्त पूजन सम्पन्न करे। पूजन क्रम के पश्चात् ‘मूंगा माला’ से 4 माला मंत्र जप 9 दिन तक करें।
मंत्र जप के पश्चात् माला और गुटिका को गले में धारण कर लें।
व्यक्ति की शरीर के साथ-साथ ऐसी तेजस्वी, बलवान और निरोगी काया हो। आत्मविश्वास से युक्त शक्ति का सौन्दर्य तथा बल, बुद्धि, पराक्रमी, दुःखों को दूर और संकटो का नाश करने वाले भगवान हनुमान हैं। जो जीवन में ज्ञान की गंगा, धैर्य का सागर, सरस्वती सिद्धि प्राप्त करता है। वही जीवन में पूर्ण सफल होता हैं। 19 अप्रैल महावीर जयंती को या 22 अप्रैल हनुमान जयंती को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके लाल आसन पर प्रातः 6 से 8 बजे किसी पात्र में हनुमान शक्ति युक्त ‘नृसिंह यंत्र’ को स्थापित कर संक्षिप्त पूजन करें। इसके बाद ‘हरिक माला’ से निम्न मंत्र की 6 माला 8 दिन तक जप करें।
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु निरन्तर प्रयत्नशील रहता है। जो व्यक्ति इन महत्वपूर्ण क्षणों को पकड़ ले तो अपने जीवन की दिशा को बदल सकता है। वैसे भी जीवन में सौभाग्य के क्षण बहुत कम आते हैं और जीवन के अभिशाप दुर्भाग्य समाप्ति हेतु काल शक्ति युक्त ‘गृह कलह निवारण यंत्र’ को स्थापित कर निम्न मंत्र की 6 माला 3 दिन तक पीली हकीक माला से जप करे।
पूर्ण का तात्पर्य है कि साधक में धैर्य, सहनशीलता, वीरता, प्रेम, सम्मोहन, नीति, मर्यादा, आचरण, शीत चरित्र व्यक्ति के जीवन में भी स्थापित हो सके, जिससे उसके जीवन में भी आनन्द उमंग उल्लास से युक्त होकर उसका जीवन भी पूर्ण हो सके। यह साधना आप 16 अप्रैल अथवा सोमवार को साधना प्रारम्भ करें और गुलाबी रंग के वस्त्रों का उपयोग करें। ताम्रपात्र में राम शक्ति युक्त अघोर शिव यंत्र स्थापित कर संक्षिप्त पूजन करें। निम्न मंत्र की 5 माला 16 दिन तक षोडश माला से मंत्र जाप करें।
साधना समाप्ति के पश्चात् समस्त सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें और साधना की पूर्णता हेतु यथा संभव गाय को ग्रास खिलाकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर दूधा मिश्रित जल से रूद्राभिषेक करे भगवान सदाशिव महादेव से साधना में सफ़लता हेतु आशीर्वाद प्राप्त करें।
जीवन में एक नया मोड़ देने के लिए कहीं भटकने की भी जरूरत नहीं है। मात्र अपने सद्गुरु में आस्था एवं विश्वास बनाये रखें। अपने जीवन में सभी पाप-ताप दोष, कष्ट बाधा, रोग शोक का शमन कर, जीवन में उज्ज्वलता और श्रेष्ठता की प्राप्ति करने हेतु आप राम नवमी के दिव्यतम अवसर पर किन्ही 3 पत्रिका सदस्य बनाने पर आपको शिव सामुज्य रामेश्वरतत्व दीक्षा और साधना सामग्री उपहार स्वरूप प्रदान की जायेगी।
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