तुलसी के बीज का चूर्ण मिश्री के साथ लेने से अथवा मेथी के काढ़े में शहद डालकर पीने से हृदय रोग में लाभ होता है।
उच्च रक्तचाप में ‘ऊँ शांति’ मंत्र का जप कुछ भी खाने-पीने से पहले एवं बाद में करने से तथा बारहमासी के 11 फ़ूल के सेवन से लाभ होता है।
गूलर अथवा मूली के पत्तों का 30 ग्राम रस पीने से अथवा बेल के दस पत्तों के रस में पीसी कालीमिर्च मिलाकर सुबह पीने से मधुमेह में लाभ होता हैं
बड़ का दूध उबालकर पीने से अथवा बड़ के फ़ल को खाने से डायबिटिज में राहत होती है।
सोंठ एवं शिलाजीत खाने से अथवा शहद के साथ अदरक लेने से शरीर पुष्ट होता है।
अंजीर को दूध में उबालकर या अंजीर खाकर दूध पीने से अथवा रोज 20-25 खजूर खाकर ऊपर से एक प्याला गर्म दूध पीने से शक्ति बढ़ती है। (होलीके बाद छः माह तक खजूर न खायें।)
एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर उसमें दो किसमिस रात्रि में भीगो दें। सुबह छानकर पानी पी जायें एवं किसमिस चबा जायें। यह एक अद्भुत शक्तिदायक प्रयोग है।
शाम को गर्म पानी में दो चुटकी हल्दी के साथ पीने से शरीर सदा निरोगी और बलवान रहता है।
आंवले एवं काले तिल को बराबर मात्रा में लेकर उसका बारीक चूर्ण करके घी अथवा शहर के साथ लेने से असमय आने वाला बुढ़ापा दूर होता है एवं शक्ति आती है।
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