जीवन को जो आनन्द प्रसन्नता प्रदान करे, वही भाव श्रावण मास के दिवसों में पूजा, अर्चना करने से प्राप्त होती है। अर्थात् जीवन सर्वत्र सुख स्वरूप हरा भरा सावनमय बना रहे वैसी ही चेतना भगवान शिव की अभ्यर्थना से ही प्राप्त होती है। वे हर रूप में सहायक रहे। इसीलिये संसार का प्रत्येक प्राणी शिवाभिषेक अवश्य ही करता है। जिससे उस भक्त के जीवन में भी विजयश्रीमय अभिषेक स्वरूप सुस्थितियों का विस्तार होता ही है। प्रथम बार पांच बृहस्पतिवार से युक्त श्रावण मास क्रियाशील रहेगा। इसीलिये सद्गुरूदेव कैलाश श्रीमाली जी परिवार के सभी सदस्यो हेतु रूद्राष्टाध्यायी, महामृत्युंजय व लक्ष्मी के 1008 मंत्रें से पंच देव स्वरूप पारद विग्रह चेतन्य कर शतायु जीवन प्राप्ति अटूट धन लक्ष्मी दीक्षा फोटो से प्रदान करेंगे। परिवार के सभी सदस्यों का अलग-अलग फोटों भेजकर विस्तार रूप में सद्गुरूदेव जी से अपने आत्मीय जनों को इस श्रावण मास की चेतना से सरोबार करेंगे तो निशि्ंचत रूप से परिवार में सुख आनन्द हर्ष उल्लासमय चेतनाओं का निरन्तर विस्तार होता रहेगा।
इस नूतन चेतन्य विग्रह को अपने घर में स्थापित कर पूरे श्रावण मास में सपरिवार केवल पांच बार अलग-अलग दिवसों में पंचामृत से महामृत्युंजय-लक्ष्मी मंत्रें से युक्त रूद्राभिषेक सम्पन्न करने से उक्त पंचदेवमय सुस्थितियों का विस्तार हो सकेगा। नूतन फोटो व न्यौछावर राशि कार्यालय में ही भेजने पर गुरूदेव जी द्वारा साधनात्मक क्रियायें सम्पन्न कर दीक्षा युक्त चेतन्य पारद विग्रह Regd. Post से भेज दिया जायेगा। पंच शक्तियो युक्त पारद शिव परिवार विग्रह व शतायु जीवन प्राप्ति अटूट धन लक्ष्मी दीक्षा।
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