पन्ना धारण करने से बुध ग्रह के सभी दोष समाप्त होते हैं। पन्ना से वैवाहिक जीवन में मधुरता, संतान सुख तथा धन वृद्धि होती है। जिनकी राशि मिथुन अथवा कन्या हो उनके लिये पन्ना विशेष शुभदायक है। यदि विद्यार्थी पन्ना धारण करें तो उनकी बुद्धि तीक्ष्ण व एकाग्रचित होती है। पन्ना धारित के प्रति कोई भी षड़यंत्र सफल नहीं होता है, शरीर में पुष्टता और वीर्य शक्ति की वृद्धि होती है।
यह गुरू ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। पुखराज धारण करने पर बल, बुद्धि, आयु, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति व मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यह उच्चतम शिक्षा का प्रतीक है। शीघ्र विवाह, श्रेष्ठ वर, पति-पत्नी के मध्य मधुरता के साथ ही यह रत्न श्रेष्ठ सफल गृहस्थ जीवन में सहायक है। परिवार, कुटुम्ब तथा समाज में मान-सम्मान गौरव को बढ़ाता है।
जिस व्यक्ति का शुक्र ग्रह निर्बल है और जिनकी राशि वृष या तुला है, वह हीरा धारण कर दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है। हीरा धारण करने से सम्मोहन, तेजस्विता व आकर्षण की वृद्धि होती है। यह व्यक्ति के शारीरिक विवशताओं को दूर कर धन-धान्य, समृद्धि, सम्पन्नता से परिपूर्ण करता है। हीरा धारण करने पर जादू-टोने, तंत्र बंधन का असर समाप्त होता है।
इस रत्न से शनि की ढैय्या, साढ़े साती की समाप्ति होती है। मकर तथा कुंभ राशि वालों में यह रत्न शीघ्र प्रभाव दिखाता है। यह रत्न धन-धान्य, सुख-सम्पत्ति, मान-सम्मान, यश-गौरव, आयु, बल तथा वंश वृद्धि के साथ नेत्र ज्योति बढ़ाता है। नीलम जमीन, भवन की पूर्णता और खोयी सम्पत्ति दिलाता है। ट्रांसपोर्टर, प्रशासनिक कर्मचारी, व्यापार नौकरी में विशेष फलप्रद है।
माणिक्य धारण करने पर सूर्य ग्रह से सम्बन्धित सभी दोष समाप्त होते हैं। माणिक्य धारण करने से व्यक्ति तेजस्वी, प्रतापी, प्रभावशाली बनता है। सुख-सम्पत्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य, यश की वृद्धि होती है। यह वंश वृद्धि कारक रत्न है, इसके धारण करने पर भय, व्याधि, दुःख, क्लेश, चिन्ता आदि समाप्त होती हैं। दैविक शक्ति प्राप्ति होती है तथा नेत्र विकार समाप्त होते हैं।
कर्क राशि वालों का चन्द्रमा निर्बल होने पर मोती धारण करने से क्रोध शांत होता है तथा मानसिक शांति मिलती है। जिनके जीवन में अनिश्चितता व विपरीत परिस्थितियां बनी रहती हैं, ऐसे व्यक्ति को मोती धारण करना चाहिये। यह ज्ञानवर्द्धक व धन प्रदाता रत्न है। यह निर्बलता को दूर कर तेज, ओज का विकास करता है। मोती स्त्रियों के लिये पेट सम्बन्धित विकार दूर करने में सहायक है।
मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठित प्रत्येक रत्न न्यौछावर राशि 5100/-
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