पूर्व दिशा का महत्त्व क्या है?
यह दिशा पवित्र और शक्तिशाली मानी जाती है।
इस दिशा की तरफ मुख करके कार्य करना हमेशा लाभदायक होता है।
यहाँ पर सूर्य और बृहस्पति का प्रभाव होता है।
इस दिशा से मान सम्मान यश और ज्ञान मिलता है।
जहां तक हो सके पूजा पाठ ध्यान और पढ़ाई पूर्व दिशा की और मुख करके करें।
अगर ढेर सारा मान सम्मान चाहिये तो पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करें
पश्चिम दिशा का महत्त्व क्या है?
पश्चिम दिशा भी अत्यंत ऊर्जावान दिशा है
शनि इस दिशा में अत्यंत शक्तिशाली हो जाता है।
इस दिशा से परिवार और खुश्हाली प्रभावित होती है।
पश्चिम दिशा की ओर मुख करके ध्यान करने से और प्रार्थना करने से, तुरंत प्रभाव आता है।
इस दिशा की और भोजन करने से संघर्ष बढ़ता है।
अगर इस दिशा की और सर करके सोया जाये तो स्वास्थ्य खराब होता है और आर्थिक हानि होती है।
दक्षिण दिशा का क्या महत्त्व है?
इसे नकारात्मक या खराब दिशा समझा जाता है
यह दिशा आयु और स्वास्थ्य को अच्छा कर सकती है।
इसके अलावा यह दिशा आकस्मिक लाभ और आकस्मिक उन्नति भी देती है।
इस दिशा की ओर मुख करके शनिवार को दीपक जलाने से बाधाएँ समाप्त होती है।
इस दिशा की ओर पैर करके कभी भी न सोयें, अन्यथा आयु और स्वास्थ्य का संकट हो सकता है।
इस दिशा की और मुंह करके भोजन करने से पेट की समस्याएँ और कल्पना की समस्याएँ हो सकती है।
उत्तर दिशा का क्या महत्त्व है?
यह दिशा धन और आर्थिक लाभ की दिशा है।
इस दिशा में मंगल प्रभावशाली होता है।
यह शक्ति और साहस भी प्रदान करती है
इस दिशा की तरफ मुंह करके कार्य करना और व्यवसाय करना सर्वोत्तम होता है।
धन की प्राप्ति के लिये इस दिशा की तरफ मुख करके पूजा उपासना करनी चाहिये
इस दिशा की और मुख करके भोजन करने से कम संघर्ष में ढेर सारी सफलता मिलती है।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,