सूर्य के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती, सूर्य ही वह परम तत्व, ऊर्जा का स्रोत है, जो संसार के समस्त तेज, दीप्ति और कान्ति रूप में इस सृष्टि की आत्मा है। सूर्य वह विराट पुरूष आदि देव हैं, जिनकी साधना-उपासना से समस्त रोग, नेत्र-दोष और ग्रह बाधा दूर होती है, क्योंकि सूर्य से ही पृथ्वी, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि आदि को शक्ति व तेज की प्राप्ति होती है। जिससे सृष्टि का संचालन कार्य पूर्ण होता है।
मनुष्य का शरीर अपने आपमें सृष्टि के सारे क्रम को समेटे हुये है। इस क्रम के सुदृढ़ता पर ही मनुष्य जीवन की गति निर्धारित होती है। यदि इस क्रम में कोई न्यूनता आती है, तो मनुष्य की आन्तरिक व्यवस्था में ह्रास होता है, जिसके कारण आत्म विश्वास, ऊर्जा, दृढ़ता व संकल्प शक्ति की कमी मनुष्य में व्याप्त हो जाती है। इससे मानसिक शक्ति, इच्छा की हानि होती है, व्यक्ति की सोचने-समझने की बुद्धि क्षीण होती है, यह सब दोष सूर्य तत्व के जाग्रत ना होने के कारण होता है।
जिस व्यक्ति में सूर्य तत्व जाग्रत होता है, उसके व्यक्तित्व में एक अलग ही तेज, प्रभाव, नेतृत्व क्षमता व आत्म विश्वास झलकता है। सूर्य प्रधान व्यक्ति सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुंचता है। दोनों में भेद शरीर के भीतर जाग्रत सूर्य तत्व का है। नाभिचक्र, सूर्य चक्र का उद्गम स्थल है और यह अचेतन मन के संस्कार तथा चेतना का प्रधान केन्द्र है, शक्ति का स्रोत बिन्दु है, इस स्रोत को ग्रहण करने के लिये सूर्य तत्व की उपासना आवश्यक है, सूर्य उपासना से उनकी अनन्त शक्ति से सामंजस्य बन जाता है, जिससे व्यक्ति श्रेष्ठ सफलता अर्जित कर जीवन को सर्व सुख-भोगमय बना पाता है।
प्रत्येक वर्ष सूर्य व चन्द्र ग्रहण की श्रृंखला बनती है, इन दिव्य चैतन्य अवसरों पर होने वाले वातावरण में परिवर्तन निश्चित रूप से हमारे व्यक्तित्व में सार्थक परिवर्तन लाता है, साधनात्मक क्रियाओं को आधार बनाकर हम जीवन में इच्छा अनुसार सफलता अर्जित कर सकते हैं। इसी क्रम में नूतन वर्ष के प्रथम सप्ताह में सूर्य ग्रहण अपनी विशिष्ट शक्तियों के साथ सम्पन्न हो रहा है।
साधक वही है, जो ऐसे दिव्य अवसर को अपने जीवन में सही तरह से उपयोग कर सके। वर्ष के प्रथम विशिष्ट सूर्य ग्रहण के शुभ अवसर पर पूर्ण सफलता प्राप्ति सूर्य ग्रहण तेजस्विता दीक्षा से जीवन की कालिमा, अंधकार व अनेक-अनेक कामनाओं इच्छाओं पर लगे हुये कुप्रभाव से मुक्ति हो सकेगी, साथ ही आपके जीवन वृद्धि में सूर्य का तेज उच्चता प्राप्ति में सहायक होता है। सूर्य की अनन्त शक्तियों द्वारा भौतिक जीवन की सभी उपलब्धियों की प्राप्ति सरलता से होती ही है।
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