समय के अनुसार सब कुछ चलता है तो अच्छा लगता है, लेकिन समय से पहले किसी वस्तु का क्षय होना दुःख दायी कहा जाता है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में बाल्यावस्था या युवावस्था में ही मृत्यु का शिकार हो जाता है तो सभी को दुःख होता है और यदि वही व्यक्ति अपने जीवन के सत्तर-अस्सी वर्ष की आयु प्राप्त कर कालगति को प्राप्त होता है तो दुःख नहीं होता है। दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति मृत्यु का शिकार हुआ है लेकिन एक में दुःख है और दूसरे में शान्ति है। इसी प्रकार व्यापार में धीरे-धीरे प्रगति होती है तो व्यक्ति प्रसन्न होता है, तीव्रता से प्रगति होती है और भी अधिक प्रसन्न होता है लेकिन यदि व्यापार में एकाएक घाटा लग जाय, तो जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। शनैः शनैः प्रगति अथवा शनैः शनैः क्षय के लिये हर व्यक्ति अपने आप को तैयार कर लेता है। लेकिन आकस्मिक चढाव अथवा उतार के लिये व्यक्ति मानसिक रूप से तैयार हो नहीं पाता। जीवन में प्राप्त लक्ष्मी का क्षय नहीं हो और उसमें निरन्तर वृद्धि होती रहे। क्षय को रोककर अक्षय की और प्रवृत्त होना ही तो पुरुषार्थ है। काल की गति के अनुसार सभी अपनी जीवन यात्र में विचरण कर रहे हैं, लेकिन काल की गति को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है।
प्रत्येक व्यक्ति की यही इच्छा होती रहती है, कि उसके पास लक्ष्मी का स्थायी आवास हो और उसे आर्थिक दृष्टि से पूर्ण सिद्धि प्र्राप्त हो, लक्ष्मी का तात्पर्य केवल धन ही नहीं है, यह तो लक्ष्मी का एक अत्यन्त छोटा सा रूप है, लक्ष्मी के लिए एक गुण तो बहुत ही लघु पड़ जायेगा, महाकाव्यों में, आदि ग्रन्थों में लक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों का, विभिन्न नामों से जो वर्णन आया है, उसे पूर्ण रूप से प्राप्त करना ही सही रूप में लक्ष्मी को प्राप्त करना है।
लक्ष्मी का तात्पर्य है- सौभाग्य, समृद्धि, धन-दौलत, अच्छी किस्मत, सफलता, सम्पन्नता, प्रियता, लावण्य, आभा, कान्ति तथा राजकीय शक्ति- ये सब लक्ष्मी के स्वरूप हैं और इन्हीं गुणों के कारण भगवान विष्णु ने भी लक्ष्मी को अपनी पत्नी बनाया, जब इन सब गुणों का समावेश होता है और जो इनको प्राप्त कर लेता है, वही वास्तविक रूप से लक्ष्मीपति है। अक्षय भावों की प्राप्ति का यह सिद्ध मुहुर्त है, जिसकी चेतना आत्मसात कर साधक सर्व स्वरूपों में लक्ष्मी की प्राप्ति कर पाता है। साथ ही उसके व्यक्तित्व में सर्व सम्मोहन युक्त चेतना प्रभाव बना रहता है, जिससे वह किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करने में सफल होता है।
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