गाजर सर्दी के मौसम की एक अत्यन्त गुणकारी सब्जी है। इसमें शरीर के लिये जरुरी अनेक पोषक तत्व मिलते हैं। बीटा केरोटिन नामक औषधीय तत्व भी इसमें रहता है, जिसमें कैंसर दूर करने की क्षमता होती है। गाजर सब्जी होने के साथ-साथ फल भी है।
गाजर की कई किस्में होती हैं। देशी गाजर का रंग लाल और विलायती गाजर गुलाबी रंग की होती है। लाल और काले रंग की गाजर अच्छी मानी जाती है। लाल रंग और शंकु आकार की गाजर बहुत मीठी होती है। काली गाजर की कांजी बनाई जाती है। उदर रोगों तथा भूख बढ़ाने के लिये यह एक उत्तम पेय है।
गाजर को अधिक नहीं खाया जा सकता है, अतः इसके कच्चे रस को पीकर लाभ उठाया जा सकता है। गाजर का रस गर्मतर होता है और वातकारक भी, इसलिये रस में सिका हुआ जीरा पीसकर एवं शक्कर और नमकर स्वादानुसार मिलाकर पीने से गाजर के रस के उक्त दोष दूर हो जाते हैं और पेय भी स्वादिष्ट हो जाता है।
गाजर के रस में विटामिन सबसे ज्यादा होता है। शरीर के लिये यह एक बेहद जरुरी तत्व है। इसके अलावा इसमें B, C, E, G और विटामिन K भी मिलता है। सोडियम, पोटेशियम, केल्सियम, मैग्नेशियम एवं लोह तत्व भी गाजर के रस में पाये जाते हैं। गाजर के सेवन से त्वचा मुलायम और सुन्दर बनती है, शरीर में शक्ति का संचार होता है तथा वजन भी बढ़ता है।
बवासीर, क्षय रोग तथा पित्त रोगों में गाजर बहुत उपकारी पायी गई है। दिमाग को ताकत मिलने से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है और यह ताकत गाजर के सेवन से खूब मिलती है। गुदा की जलन, पेट और आंतों के रोगों में गाजर बहुत लाभकारी मानी जाती है। यदि शिशुओं को ताजा-ताजा गाजर का रस पिलाया जाये तो उनके दांत सरलता से निकलते हैं और दूध भी उसे ठीक तरह से हजम होने लगता है।
बच्चों की कमजोरी- कमजोर बच्चों को 2-3 चाय चाय की चम्मच भर गाजर का रस दिन में 3-4 बार पिलाते रहने से उनमें ताकत आने लगती है और कमजोरी जाने लगती है। यदि हष्ट-पुष्ट बच्चों को भी इसी तरह गाजर का रस रोज दिया जाये तो वे भी बलिष्ठ होंगे। दूध के साथ गाजर का रस मिलाकर देने से बच्चों का विकास बेहतर तरीके से होता है। दूध पिलाने वाली मां भी यदि गाजर तथा उसके रस का पर्याप्त सेवन करती रहे तो भी दूध के जरिये बच्चे को गाजर के लाभ मिलते रहते हैं।
गाजर को पानी में धोकर साफ करके लोहे की चलनी से गाजर की छीलन बना लें, इसे कपड़े में रखकर निचोड़ने से रस निकल जाता है अथवा मशीन से रस निकाला जा सकता है।
एक गिलास (लगभग 250 ग्राम) गाजर के रस में 50 ग्राम पालक का रस और थोड़ा सा नींबू निचोड़ लेने से रस जायकेदार और ज्यादा गुणकारी बन जाता है। ध्यान रहे, इसमें नमक नहीं मिलाना चाहिये।
ज्यादा गाजर खा लेने पर यदि दर्द की शिकायत हो जाये तो थोड़ा सा गुड़ खा लेना चाहिये।
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