चीकू के फायदे
चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिये यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिये भी फायदेमंद होता है। जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती है, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिये किया जा सकता है।
स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे
वजन नियंत्रण
शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण वजन का अधिक होना आम होते जा रहा है। ऐसे में चीकू मदद करता है। चीकू का सेवन करने से अप्रत्यक्ष रूप से वजन कम करने में सहायता मिलती है। चीकू गैस्ट्रिक एंजाइम के स्राव को नियंत्रित करता है, जिससे आगे मेटाबॉलिज्म नियंत्रित हो सकता है। वहीं, चीकू में डाइटरी फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, इसके सेवन से लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। तो इस आधार पर चीकू को वजन कम करने के लिये प्रभावकारी माना जा सकता है।
एनर्जी
चीकू को एनर्जी यानी ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने का काम करते है। इसके अलावा चीकू में सुक्रोज और फ्रुक्टोज़ जैसे प्राकृतिक शुगर भी होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में लाभदायक होते हैं। यही वजह है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दिन भर ऊर्जावान रहने के लिये किया जा सकता है। वर्कआउट के बाद चीकू या इसके शेक का सेवन तुरंत ऊर्जा देने का काम करता है। बढ़ते बच्चो के लिये चिकू शेक एक पूर्ण भोजन है, जो कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज पदार्थों का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है।
स्वस्थ हड्डियों के लिये
हड्डियों की मजबूती के लिये कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व होते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू हड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुँचाता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम करता है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति के लिये
चीकू के लाभ में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना भी शामिल है। इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर, शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने और उनसे लड़ने में मदद करता है, साथ ही विटामिन-सी स्ट्रेस की वजह से कमजोर होने वाली रोग प्रतिरोधक शक्ति में भी सुधार करने में लाभदायक होता है।
गर्भावस्था
कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक होता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद करता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक होते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
पाचन और कब्ज
पाचन क्रिया में सुधार के लिये फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (TANNINS – प्लांट यौगिक) एंटी-इंफ्रलामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन (ESOPHAGITIS), छोटी आंत में होने वाली सूजन (ENTERITIS), इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद करता है।
टूथ कैविटी
दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण इसमें लाभदायक होते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद करते हैं। साथ ही चीकू में पाये जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिये भी किया जाता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद करता है।
किडनी स्टोन के लिये
गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक होता है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है।
मस्तिष्क के लिये
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिये चीकू मदद करता है। यह दिमाग की नसों को शांत और तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा अनिंद्रा, अवसाद और चिंता से गुजर रहे लोगों को भी चीकू का सेवन करने की सलाह दी जाती है। चीकू में मौजूद आयरन दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद करता है। इसके अलावा, आयरन की कमी भी दिमाग को प्रभावित करती है। इसकी कमी की वजह से बेचैनी, चिड़चिड़ाहट और एकाग्रता में कमी होती है।
त्वचा के लिए चीकू के फायदे
त्वचा स्वास्थ्य
चीकू त्वचा स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई, विटामिन-ए और विटामिन-सी त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। चीकू में मौजूद मॉइस्चराइजिंग गुण त्वचा को रुखेपन से बचाकर सेहतमंद रखने में सहायता करते है। झुर्रिया और एंटी-एजिंग झुर्रिया को बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। कई बार त्वचा का ख्याल न रखने की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लग जाती हैं। यही वजह है कि लोग कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते है। चीकू एक फायदेमंद विकल्प के रूप में काम कर सकता है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव के साथ ही पॉलीफेनोल और फ्रलेवोनॉयड कंपाउंड होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। इसलिये चीकू को हैप्पी फूड भी कहा जाता है।
मस्सा और फंगल इंफेक्शन
चीकू में एंटी-फंगल गुण होते हैं। माना जाता है कि इस गुण की मदद से त्वचा में होने वाले फंगल इंफेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही चीकू के पेड़ से निकलने वाला दूधिया पदार्थ (दूध) फंगल इंफेक्शन से बचाव व कम करने में सहायक है। इसके अलावा, यह त्वचा पर निकलने वाले मस्सों को कम करने के उपाय के रूप में भी काम करता है।
चीकू का उपयोग
चीकू के विभिन्न तरीकों के उपयागे के बारे में जानना भी जरूरी है। चीकू के स्वास्थ्य लाभ लेने के लिये चीकू का उपयोग कुछ इस तरह से किया जा सकता है।